25 हजार मंदिरों में एक साथ भजन-कीर्तन:11 को उज्जैन से PM का भाषण LIVE दिखाएंगे

25 हजार मंदिरों में एक साथ भजन-कीर्तन:11 को उज्जैन से PM का भाषण LIVE दिखाएंगे
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भोपाल। दिवाली 24 अक्टूबर को है,लेकिन मध्यप्रदेश में दिवाली जैसी रौनक 13 दिन पहले यानी 11 अक्टूबर को भी रहेगी। प्रदेशभर के करीब 25 हजार मंदिरों में दीप सज्जा और भजन-कीर्तन होंगे। इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उज्जैन में महाकाल लोक का लोकार्पण करेंगे। इस इवेंट को प्रदेश के गांवों के लोग लाइव देख सकेंगे। गांवों में भी बड़ी टीवी स्क्रीन लगाई जाएंगी। सबसे ज्यादा फोकस शिव मंदिरों की ओर रहेगा। BJP भी इस दिन कार्यक्रम आयोजित करेगी। उज्जैन में 5 दिनों तक उत्सव मनाया जाएगा। यहां 300 मंदिरों को रंगाई-पुताई का काम किया जा रहा है। 609 पंचायतों के प्रमुख मंदिरों को सजाया जा रहा है।

उज्जैन में ‘महाकाल लोक’ के लोकार्पण इवेंट को शिवराज सरकार बड़े उत्सव या यूं कहें कि त्योहार के रूप में मना रही है। पीएम मोदी महाकाल कॉरिडोर का लोकार्पण ‘अमृत सिद्धि योग’ में करेंगे। 856 करोड़ रुपए की लागत से श्री महाकाल लोक बना है।

शाम 5 बजे दीप प्रज्जवलन किया जाएगा
प्रदेश में 23 हजार सरकारी मंदिर व ट्रस्ट हैं। 2 हजार से ज्यादा मंदिरों की देखरेख निजी स्तर पर की जाती है। इन मंदिरों में 11 अक्टूबर की शाम 5 बजे दीप प्रज्ज्वलन किया जाएगा। वहीं, पूजा-अर्चना और भजन-कीर्तन भी किए जाएंगे।
मंदिरों की साफ-सफाई प्रबंध समिति और पुजारी करेंगे।
मंदिर परिसर या आसपास टीवी स्क्रीन की व्यवस्था की जाएगी, ताकि लोग पीएम के कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देख सकें।

इनको सौंपी जिम्मेदारी
नगरीय क्षेत्र में संबंधित निकाय को स्क्रीन या प्रोजेक्टर की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी सौंपी है। वहीं, गांवों में पंचायत स्तर से टीवी स्क्रीन की व्यवस्था की जाएगी। यदि पंचायत में एक ही टीवी स्क्रीन है और गांव अधिक हैं, तो आम लोगों की मदद से स्क्रीन लगाई जाएगी।
मंदिरों की सफाई का जिम्मा समिति या पुजारियों पर रहेगा। निकाय और पंचायतें भी सफाई करवाएगी।

भोपाल के सभी मंदिरों में लगेगी स्क्रीन
राजधानी भोपाल के सभी मंदिरों में स्क्रीन लगाने का प्लान है। कलेक्टर अविनाश लवानिया ने इस संबंध में बैठक लेकर सभी एसडीएम और तहसीलदारों को निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने बताया कि मंदिरों की साफ-सफाई, रंगाई-पुताई और रोशनी भी की जाए। प्रत्येक मंदिरों में वाद्य यंत्र व रंगोली सजाई जाए। दोपहर 4 बजे से मंदिरों में शंखनाद किया जाए। झंडे, बैनर, से प्रचार-प्रसार हो। मंदिरों में भजन मंडलियों की प्रस्तुति, प्रभात फेरी और हवन किए जाए। अफसरों से उन्होंने कहा कि एक वॉट्सएप ग्रुप भी क्रिएट किया जाए। जिसमें मंदिरों से जुड़े वीडियो और फोटो अपलोड किए जाएं।

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‘महाकाल लोक’ के लोकार्पण के समय उज्जैन में 5 दिनों तक उत्सव मनाया जाएगा। उज्जैन के 300 मंदिरों में रंग-रोगन का काम किया जा रहा है। यहां रोशनी भी की जाएगी। कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि जिले की 609 पंचायतों के प्रमुख मंदिरों समेत शहर के करीब 300 मंदिरों में साफ-सफाई लाइट और विद्युत सज्जा की जाएगी।

कलेक्टर ने बताया कि महाकाल लोक के लोकार्पण के ऐतिहासिक क्षण का देश-प्रदेश के साथ गांव की जनता भी साक्षी बनेगी। कार्यक्रम के लाइव प्रसारण के लिए 609 पंचायतों के एक प्रमुख मंदिर में साफ-सफाई, रंग-रोगन कराने के साथ ही मंदिर में सजावट और विद्युत रोशनी करने के निर्देश दिए हैं। ग्राम पंचायतों के मंदिरों में काम शुरू भी हो गया है। शहर में के रामघाट और नृसिंह घाट क्षेत्र में एलईडी लगाई जाएगी, जिससे लोग कार्यक्रम का प्रसारण देख सकें।

इंदौर भी बनेगा लोकार्पण का साक्षी
‘महाकाल लोक’ के लोकार्पण समारोह का साक्षी इंदौर भी बनेगा। इस दिन सभी मंदिरों और धार्मिक संस्थानों में कार्यक्रम होंगे। पूरा इंदौर भक्ति, उल्लास और उमंग से सराबोर रहेगा। कार्यक्रम आयोजन की तैयारियों को लेकर गुरुवार को रवींद्र नाट्य गृह में विभिन्न मंदिरों के संचालकों, धर्मगुरुओं और धार्मिक संगठनों के पदाधिकारियों की बैठक हुई। बैठक कलेक्टर मनीष सिंह के निर्देशानुसार आयोजित की गई। इसमें सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, सभापति मुन्नालाल यादव, पूर्व महापौर कृष्णमुरारी मोघे, नगर निगम आयुक्त सुश्री प्रतिभा पाल समेत संबंधित विभागों के अफसर और पार्षद भी मौजूद थे।

सांसद लालवानी ने कहा कि महाकालेश्वर और ओंकारेश्वर को मिलाकर इंदौर के आस-पास के क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन सर्किट बनाने के प्रयास किए जाएंगे। बताया गया कि 11 अक्टूबर के पहले गांवों के मंदिरों के आस-पास के क्षेत्र में 2 दिन पूर्व से प्रभात फेरी निकाली जाएगी। सभी गांवों में महाकाल लोक से संबंधित फ्लेक्स, होर्डिंग लगाए जाएंगे। साथ ही, सभी मंदिरों में साफ-सफाई के साथ रोशनी की जाएगी।

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जानते हैं प्रोजेक्ट के बारे में
793 करोड़ रुपए के महाकाल विस्तार प्रोजेक्ट के पहले चरण के कामों को लगभग फाइनल टच दिया जा चुका है। इसमें महाकाल पथ, महाकाल वाटिका, रुद्रसागर तालाब के किनारे का डेवलपमेंट शामिल है। प्रोजेक्ट 2 तरह से तस्वीर बदलेगा। पहला- दर्शन आसान होंगे। दूसरा- दर्शन के साथ लोग धार्मिक पर्यटन भी कर पाएंगे। कैंपस में घूमने, ठहरने, आराम करने से लेकर तमाम सुविधाएं होंगी। कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि 30 सितंबर तक पहले फेज के सभी काम पूरे कर लिए गए हैं। इसके बाद मंदिर का क्षेत्रफल 47 हेक्टेयर हो जाएगा।

उज्जैन में घर-घर पीले चावल देकर आमंत्रित करेंगे
प्रोजेक्ट के लोकार्पण के अवसर पर उज्जैन समेत प्रदेश के सभी जिलों में प्रमुख मंदिरों की साज-सज्जा की जाएगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि महाकाल कॉरिडोर का लोकार्पण श्रद्धा का विषय है। इसमें शहर के प्रत्येक परिवार को आमंत्रण पत्र दिया जाएगा। सभी घरों और दुकानों में रोशनी की जाएगी। प्रमुख चौराहों और सड़कों पर विशेष साज-सज्जा होगी। महत्वपूर्ण जगह रंगोली भी बनाई जाएंगी।

पौराणिक कथा के अनुसार दूषण नामक असुर से मानव की रक्षा के लिए महाकाल प्रकट हुए थे। असुर के वध के बाद भक्तों की प्रार्थना पर बाबा ज्योतिर्लिंग के रूप में यहां विराजमान हुए। इसके बाद रानाजीराव शिंदे ने 1736 में मंदिर का निर्माण करवाया। 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग के रूप में शिव विराजित हैं। मंदिर के 3 भाग हैं, सबसे नीचे गर्भगृह में ज्योतिर्लिंग है। भगवान शिव के साथ यहां माता पार्वती, गणेश और कार्तिकेय विराजमान हैं। बीच वाले हिस्से में ओंकारेश्वर मंदिर और सबसे ऊपर नागचंद्रेश्वर मंदिर स्थित है। महाकाल ही एकमात्र मंदिर है, जहां भस्मारती होती है।

उज्जैन में महाकाल लोक में आने वाले श्रद्धालुओं को भगवान शिव की महिमा और उनकी कथाएं सुनने को मिलेंगी। भक्त इन्हें अपने मोबाइल पर ही सुन सकते हैं। ये कथाएं ऑडियो फॉर्मेट में होंगी। ‘उमा’नाम का एप डाउनलोड करना होगा। इसके लिए म्यूरल और स्कल्प्चर पर लगे क्यूआर कोड को स्कैन करना होगा। महाकाल लोक में मूर्तियां सुनाएंगी शिव महिमा

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाकाल कॉरिडोर का लोकार्पण अमृत सिद्धि योग में करेंगे। 11 अक्टूबर मंगलवार की शाम 6.30 बजे अश्विनी नक्षत्र होने से विशेष योग बन रहा है। इसे विशेष फलदायी माना जा रहा है। इससे पहले PM मोदी ने यूपी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण रेवती नक्षत्र में किया था। उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर का भूमिपूजन भी अभिजीत मुहूर्त में किया था।

मध्यप्रदेश में दो से बढ़कर 20 हेक्टेयर में विस्तार ले रहा महाकाल परिसर उत्तर प्रदेश के काशी विश्वनाथ कॉरिडोर (5 हेक्टेयर) से चार गुना बड़ा होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को महाकाल कॉरिडोर के पहले चरण का लोकार्पण करेंगे। PM मोदी का महीनेभर के अंदर मध्यप्रदेश का यह दूसरा दौरा होगा। इस बात की जानकारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को उज्जैन प्रवास के दौरान दी।

उज्जैन में ‘महाकाल लोक’ को 11 अक्टूबर को PM नरेंद्र मोदी के लोकार्पण के बाद श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा। अयोध्या के राम मंदिर में जो पत्थर लगे हैं, वही यहां भी लगाए गए हैं। राजस्थान के जिस बंशी पहाड़पुर से अयोध्या के राम मंदिर, दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर में नक्काशी की गई है, उसी पत्थर का उपयोग उज्जैन के ‘महाकाल लोक’में किया गया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने 13 दिसंबर 2021 को वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण किया था। तब प्रधानमंत्री का कार्यक्रम दिखाने के लिए शहर में कई जगह बड़ी स्क्रीन्स लगाई गई थी। हालांकि, तब भी खास तौर पर मंदिरों में इस कार्यक्रम को दिखाने जैसा इंतजाम नहीं किया गया था। इस लिहाज से यह देश में पहली बार है जब प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम को मंदिरों में दिखाने के लिए बाकायदा सरकारी आदेश जारी किया गया है।


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