क्या आगे बढ़ेगी आईटीआर फाइल करने की डेडलाइन?सोशल मीडिया पर उठी मांग
नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिलभरने की आखिरी तारीख करीब आ रही है। इनकम टैक्स विभाग के अनुसार अब तक 4 करोड़ से अधिक टैक्सपेयर्स ने अपना इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल कर दिया है,लेकिन अभी भी एक बड़ी संख्या के लोगों ने आईटीआर फाइल नहीं किया है। ऐसे में अगर आप समय पर आईटीआर फाइल नहीं करते हैं तो आपको बाद में तगड़ा नुकसान हो सकता है। जैसे-जैसे 31 जुलाई की तारीख करीब आ रही है,ऐसे में सोशल मीडिया पर यूजर्स आईटीआर फाइल करने की डेडलाइन को आगे बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या सरकार आईटीआर फाइल करने की डेडलाइन को आगे बढ़ाएगी।
आईटीआर डेडलाइन पर क्या है सरकार का फैसला
वित्त मंत्रालय ने इस मांग पर अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है। ऐसे में अगर आपने आईटीआर फाइल करने के कार्य को पूरा नहीं किया है तो आज ही इसे पूरा कर लें। गौरतलब है कि देश के कई इलाके जैसे उत्तराखंड,हिमाचल प्रदेश,दिल्ली,गुजरात में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में वकीलों के टैक्स एसोसिएशन ATBA और सेल्स टैक्स बार एसोसिएशन ने वित्त मंत्रालय को चिट्ठी लिखकर आईटीआर फाइल करने की डेडलाइन को आगे बढ़ाकर 31 अगस्त करने की मांग की थी,मगर इस पर रेवेन्यू सेक्रेटरी ने कहा था कि लोग 31 जुलाई से आगे डेडलाइन बढ़ने की उम्मीद न रखें।
बचे हैं केवल 4 दिन
ध्यान देने वाली बात ये है कि अगर आप टैक्सपेयर हैं तो समय से अपना आईटीआर दाखिल कर लें। इसके लिए आखिरी तारीख 31 जुलाई का इंतजार न करें। 1 अगस्त से आईटीआर फाइल करने पर आपको 1,000 रुपये से लेकर 5,000 रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है। इसके साथ ही टैक्स की देनदारी होने पर भी टैक्स जमा न करने पर आपको आयकर विभाग का नोटिस भी मिल सकता है।
आईटीआर फाइल करते वक्त रखें इन बातों का ध्यान
आईटीआर फाइल करते वक्त कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। इसमें अपनी जरूरत के हिसाब से टैक्स रिजीम के साथ ही सही जानकारी देना आवश्यक है। रिटर्न फाइल करते वक्त अपनी कमाई का सही ब्यौरा भी देना आवश्यक है। अगर आपकी कोई प्रॉपर्टी विदेश में है तो उसकी जानकारी भी आईटीआर फाइल करते वक्त दर्ज कराए। इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने के लिए इनकम टैक्स विभाग की ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाएं। फाइलिंग की प्रक्रिया पूरी करने के बाद ई-वेरिफिकेशन जरूर करें। इसके बिना आईटीआर को पूरा नहीं माना जाता है। ई-वेरिफिकेशन के लिए टैक्सपेयर को 120 दिन का वक्त मिलता है।