लखनऊ। कहा जाता है कि दिल्ली की गद्दी पर बैठने का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर जाता है। जिसने यूपी को फतह कर लिया है, उसकी दिल्ली की सत्ता पर काबिज होने की संभावना पूरी होती है। इसी के मद्देनजर पर अब उत्तर प्रदेश में जल्द ही योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली कैबिनेट में फेरबदल की चर्चा है। बताया जा रहा है कि 2024 के चुनाव को देखते हुए उत्तर प्रदेश में कैबिनेट विस्तार के जरिए पूरी रणनीति को साधने कोशिश हो सकती है। इसके लिए कई नए मंत्री कैबिनेट में शामिल किए जा सकते हैं।
उत्तर प्रदेश में मौजूदा वक्त में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ,दो उपमुख्यमंत्रियों केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक समेत कुल 52 मंत्री हैं। विधानसभा की सीट के अनुसार, उत्तर प्रदेश में कुल 60 मंत्री बन सकते हैं। मतलब ये कि अभी कैबिनेट में 8 पद खाली हैं। लिहाजा कैबिनेट विस्तार में इन 8 रिक्त पदों को भरा जा सकता है। सूत्रों की मानें तो यूपी में कैबिनेट का विस्तार जल्द ही किया जा सकता है।
हटाए जा सकते हैं खराब परफॉर्मेंस वाले मंत्री
बताते चलें कि योगी सरकार 2.0 का ये पहला कैबिनेट विस्तार होगा। सूत्रों का कहना है कि मंत्रिमंडल से कई चेहरों की छुट्टी हो सकती है। खराब परफॉर्मेंस वाले मंत्रियों को बाहर किया जा सकता है। उनकी जगह पर कुछ नए चेहरों को जगह दी जा सकती है। चर्चा ये भी है कि अगर सभी मंत्रियों को बनाए रखा गया,तो इस स्थिति में 8 नए चेहरे सरकार का हिस्सा हो सकते हैं।
सरकार गठन के समय 24 मंत्री हटाए गए थे
मालूम हो कि योगी मंत्रिमंडल 2.0 ने उत्तर प्रदेश में बीजेपी सरकार के पहले कार्यकाल से 24 मंत्रियों को हटाकर नए चेहरों के लिए जगह बनाई। राज्य में भाजपा सरकार के दूसरे कार्यकाल में जिन मंत्रियों को जगह नहीं मिली, उनमें दिनेश शर्मा, सतीश महाना, आशुतोष टंडन, श्रीकांत शर्मा, सिद्धार्थ नाथ सिंह और अन्य शामिल थे। जिन लोगों को मंत्री नहीं बनाया गया है, उनमें मोहसिन रजा, जय प्रकाश निषाद, राम नरेश अग्निहोत्री, अशोक कटारिया, जय प्रकाश निषाद और रमापति शास्त्री भी शामिल हैं। पिछली बार स्वतंत्र प्रभार वाले राज्यमंत्री रहे वाराणसी से नीलकंठ तिवारी भी मंत्रियों की सूची में नहीं थे।