सर्दियों में बनारस घूमने के लिए 10 सबसे अच्छी जगह

सर्दियों में बनारस घूमने के लिए 10 सबसे अच्छी जगह
ख़बर को शेयर करे

वाराणसी । ”जोन मजा बनारस मा ऊ लंदन मा न फारस मा” मोहल्‍ला अस्‍सी का यह डायलाग असल में बनारस पर सटीक ही बैठता है। गंगा की लहरों से चाय की अड़‍ियों और बनारस की गलियों से लेकर बाबा दरबार और सारनाथ तक की जिंदगी खूब चर्चा में रहती है। अगर आप बनारस घूमने का मन बना रहे हों तो सर्दियों का सीजन बनारस में घूमने के लिए सबसे बेहतर माना जाता है। बनारस में घूमने के लिए दस पर्यटक स्‍थल आपको रोमांच और आश्‍चर्य से भर देंगे – 

1- बाबा दरबार : बाबा काशी विश्‍वनाथ मंदिर अब कारिडोर बनने के बाद बाबा दरबार से लेकर गंगधार तक आपस में जुड़ चुका है। नव्‍य भव्‍य बाबा का दरबार खूब चर्चा में देश विदेश में बना हुआ है। बाबा की आरती से लेकर विशेष अनुष्‍ठान और अन्‍नपूर्णा दरबार से लेकर विभिन्‍न देवी देवताओं के मंदिर आस्‍था का केंद्र बने हुए हैं।

2- गंगा में सैर : गंगा में सैर करना और दीपदान करना अनोखा अनुभवों वाला होता है। गंगा की सैर करने के लिए दूसरी ओर जाकर पर्यटक सैंड गेम सहित घाटों की दूर दूर तक बिखरी छटा को निहारने आते हैं। गंगा में नाव से घाटों को देखने का अपना आनंद है। क्‍योंकि तट पर गंगा से काशी का समूचा वैभव नजर आता है। 

3- घाट वाक : काशी में 84 प्रमुख घाटों का आपस में संपर्क जुड़ा हुआ है। घाटों का आपसी संपर्क बाढ़ में पूरी तरह से टूट जाता है। इसके बाद बाढ़ उतरने पर गाद की सफाई के बाद घाटों आ आपसी जुड़ाव ऐसा है कि आप एक घाट से दूसरे घाट पर जाकर वहां की दास्‍तान से परिचित हो सकते हैं, क्‍योंकि हर घाट की अपनी महत्‍ता है।

इसे भी पढ़े   जब बोरी में चिल्लर भरकर शोरूम पहुंचा शख्स,लेने अपने सपनों की गाड़ी

4- गंगा आरती : वाराणसी में प्रमुख गंगा घाटों पर नैत्यिक गंगा आरती का आयोजन किया जाता है। दशाश्‍वमेध घाट पर प्रमुख तौर पर गंगा आरती की जाती है। इसके अलावा शीतला घाट व अस्‍सी पर भी आरती का आयोजन होता है। गंगा आरती घंटे भर का आयोजन होता है। इसे देखने के लिए नियमित हजारों लोगों की भीड़ होती है।  

5- सारनाथ : भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेश स्‍थली के तौर पर सारनाथ का अपना महत्‍व है। तिब्‍बती, चीनी, कंबोडियाई, थाई, जापानी शैली के मंदिरों के साथ ही बौद्ध मठ और उपासना स्‍थलों से समृद्ध सारनाथ में बौद्ध मतावलंबी ही नहीं बल्कि सारंगनाथ के दर्शन करने के लिए हिंदू मान्‍यता वालों के लिए भी यह महत्‍वपूर्ण स्‍थल है।  

6- बीएचयू : महामना मदन मोहन मालवीय जी की बगिया बीएचयू सर्व विद्या की राजधानी भी है। यहां बीएचयू नया विश्‍वनाथ मंदिर और भारत कला भवन दो प्रमुख पर्यटक आकर्षण है। सौ वर्ष से अधिक समय से बीएचयू पूर्वांचल ही नहीं दुनिया में शीर्ष शैक्षणिक संस्‍थानों में शामिल है। यहां हजारों छात्र नियमित अध्‍ययन करते हैं।  

7- भारत माता मंदिर : भारत माता मंदिर की स्‍थापना काशी में महात्‍मा गांधी ने किया था। देश में यह एकमात्र मंदिर है जहां भारत के नक्‍शे की पूजा की मान्‍यता है। सौ वर्ष के करीब इस मंदिर को देखकर आप आश्‍चर्य में पड़ जाएंगे कि यहां कितनी सटीकता और विविधता के साथ मानचित्र को मंदिर में उकेरा गया है।  

8- संगीत विरासत : काशी में भारत रत्‍न उस्‍ताद बिस्मिल्‍लाह खां सहित राजन साजन, अप्‍पा जी, बिरजू महाराज, छन्‍नू लाल मिश्र सहित रविशंकर की स्‍मृतियां हैं तो तमाम गायकों की कड़‍ियां यहां पद्म गली में मानो सुशोभित नजर आती है। नवोदित कलाकारों के लिए काशी सांगीतिक विरासत में गुरुओं का धाम कहा जाता है।   

इसे भी पढ़े   पुरानी पेंशन योजना पर बड़ा अपडेट,लोकसभा में सरकार ने बताया-क्‍या है फ्यूचर प्‍लान?

9- रामनगर : किला परिसर में सारनाथ और बीएचयू के बाद शहर का तीसरा म्‍यूजियम आज भी सुरक्षित है। यहां किला परिसर में मंदिर है और गंगा का किनारा भी है। बाढ़ के समय यहां से गंगा का विहंगम नजारा दिखता है। यहां बंदरगाह है तो विश्‍व प्रसिद्ध राम नगर की रामलीला का मुक्‍ताकाशीय मंच भी यहां सजता है। 

10- संकट मोचन : तुलसी अखाड़ा सहित श्रीमद हनुमान दरबार की मान्‍यता के अनुसार आस्‍थावान हर मंगलवार संकटमोचन में दर्शन पूजन करने आते हैं। गोस्‍वामी तुलसीदास की परंपराएं आज भी यहां जीवंत हैं, वहीं संकट मोचन संगीत समारोह में वर्ष में एक बार संगीत के दिग्‍गजों की जुटान भी यहां देखने लोग खिंचे चले आते हैं। 


ख़बर को शेयर करे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *