146 करोड़ सैलरी और $40 अरब का फटका… Starbucks ने लक्ष्मण नरसिम्हन क्यों दिया झटका?

146 करोड़ सैलरी और $40 अरब का फटका… Starbucks ने लक्ष्मण नरसिम्हन क्यों दिया झटका?
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नई दिल्ली। पॉपुलर कॉफीहाउस चेन स्टारबक्स ने अपने भारतीय मूल के सीईओ लक्ष्मण नरसिम्हन को हटा दिया है। पुणे में जन्म नरसिम्हन को कंपनी का सीईओ बने अभी 16 महीने ही हुए थे लेकिन वह कंपनी की गिरती सेल को थामने में नाकाम रहे। 2020 के बाद पहली बार कंपनी के रेवेन्यू में लगातार दो तिमाहियों में गिरावट आई है। साथ ही चीन में बिक्री में 14 फीसदी गिरावट आई है। नरसिम्हन के कार्यकाल में कंपनी के मार्केट कैप में 40 अरब डॉलर की गिरावट आई है। साथ ही पिछले एक साल में कंपनी के स्टोर ट्रैफिक में 6% से अधिक गिरावट आई है। यही वजह है कि कंपनी ने नरसिम्हन को बाहर कर दिया है। उनकी जगह ब्रायन निकॉल को नया सीईओ बनाया गया है।

नरसिम्हन के पास दुनिया की टॉप कंपनियों में काम का लंबा अनुभव है लेकिन वह स्टारबक्स की नैया पार लगाने में असफल रहे। पेप्सिको और रेकिट जैसी कंपनियों में अहम भूमिका निभा चुके नरसिम्हन को पिछले साल स्टारबक्स का सीईओ बनाया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उनकी सैलरी 146 करोड़ रुपये थी। स्टारबक्स के सीईओ के तौर पर उन्हें 17.5 मिलियन डॉलर यानी 1,46,85,91,250 रुपये का पैकेज ऑफर किया गया था। इसमें बेसिक सैलरी 1.3 मिलियन डॉलर थी। साथ ही सैलरी की 200% राशि के बराबर एनुअल इंसेन्टिव था। साथ ही उन्हें 1.6 मिलियन डॉलर का मुआवजा और 9.3 मिलियन डॉलर के बोनस की पेशकश की गई थी। स्टारबक्स ने उन्हें ढाई गुना सैलरी पर रखा था। रेकिट में उनका सालाना पैकेज करीब 55 करोड़ रुपये का था।

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भारत से कनेक्शन
15 अप्रैल 1967 में पुणे में जन्मे नरसिम्हन की शुरुआती पढ़ाई पुणे में ही हुई। उन्होंने पुणे यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है। इसके बाद वो आगे की स्टडी के लिए पेन्सिलवेनिया यूनिवर्सिटी चले गए। वहां से उन्होंने बिजनस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स किया। उनके पास रेकिट, पेप्सिको, मैकिन्जी एंड कंपनी जैसी बड़ी कंपनियों में काम का अनुभव है। उन्होंने 2012 से 2019 तक पेप्सिको में बतौर चीफ ग्लोबल फाइनेंशियल ऑफिसर के तौर पर काम किया। वहीं मैकिन्जी एंड कंपनी में काम करते हुए अमेरिका और एशिया में कंपनी के विस्तार में अहम भूमिका निभाई। उनके पास ईकॉमर्स में काम करने का 30 साल का लंबा अनुभव है।

स्टारबक्स भारत में टाटा कंज्यूमर प्रॉडक्ट्स के साथ जॉइंट वेंचर के जरिए काम करती है। फिलहाल देश में इसके करीब 400 आउटलेट हैं। नरसिम्हन के नेतृत्व मे कंपनी भारत में तेजी से अपने कदम बढ़ा रही थी। उसकी योजना देश में हर तीन दिन में एक नया स्टोर खोलने की थी। साल 2028 तक स्टारबक्स भारत में अपने स्टोर की संख्या बढ़ाकर करीब एक हजार तक पहुंचने का लक्ष्य लेकर चल रही थी। हालांकि उसका मुकाबला कई देसी-विदेशी ब्रांड्स से है। अब देखना होगा कि नरसिम्हन की विदाई के बाद कंपनी भारत में किस तरह अपना बिजनस आगे बढ़ाती है।


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