21 शव मिले,खराब मौसम की वजह से इन्हें निकालना मुश्किल

21 शव मिले,खराब मौसम की वजह से इन्हें निकालना मुश्किल
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काठमांडू। रविवार को क्रैश हुए नेपाल की तारा एयरलाइसं का मलबा सोमवार को मिल गया। न्यूज एजेंसी एएफपी के मुताबिक, विमान में 19 पैसेंजर और 3 क्रू मेंबर्स थे। सभी 21 लोगों की मौत हो गई। अभी तक शव बरामद किए जा चुके हैं। साथ ही एक तलाश अभी जारी है। हालांकि, बर्फबारी और घने कोहरे के चलते बरामद शवों को नेपाल आर्मी इन शवों को काठमांडू नहीं पहुंचा पा रही हैं। विमान में 4 भारतीय भी थे।

नेपाल आर्मी की सर्च एंड रेस्क्यू टीम को मुस्तांग के सैनोसवेयर इलाके की पहाड़ी पर मलबा मिला है। एयरक्राफ्ट 43 साल पुराना था। तारा एयरक्राफ्ट क्रैश की जांच के लिए नेपाल सरकार ने 5 सदस्य कमीशन बनाई । ये कमीशन इस घटना के कारणों की जांच करेगी, साथ ही ऐसे घटनाओं से बचने के लिए सुझाव भी देगी।

एयक्राफ्ट पहाड़ी से टकराया, लेकिन आग नहीं लगी
नेपाल की इंग्लिश न्यूज वेबसाइट, myrepublica ने क्रैश साइट पर सबसे पहले पहुंचने वाले स्थानीय नागरिक इंदा सिंह दाना से बातचीत की। दाना ने कहा- प्लेन का मलबा 100 मीटर इलाके में ही बिखरा था, लेकिन यहां पहुंचना बेहद मुश्किल रहा। एयरक्राफ्ट के मलबा देखकर ये साफ समझ आता है कि उसमें आग नहीं लगी थी, क्योंकि जलने के निशान कहीं नहीं हैं। वो साफ तौर पर किसी पहाड़ी से टकराया था। इलाके में बर्फबारी और घना कोहरा है। यहां से शव निकालना भी फिलहाल बेहद मुश्किल है। चूंकि, एयरक्राफ्ट क्रैश होने के दौरान आग नहीं लगी थी, लिहाजा हादसे का शिकार हुए सभी लोगों के चेहरे पहचाने जा सकते हैं।

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क्रैश हुए प्लेन में ठाणे की फैमिली
प्लेन में महाराष्ट्र के ठाणे के एक परिवार के चार लोग भी सवार थे। नेपाल में भारतीय दूतावास ने कहा है कि ठाणे के अशोक त्रिपाठी(54), उनकी पत्नी वैभवी बांदेकर-त्रिपाठी(51), बेटा धनुष त्रिपाठी(22) और बेटी ऋतिका त्रिपाठी(18) भी यात्रा कर रही थीं। सभी नेपाल के पोखरा स्थित एक मंदिर में दर्शन के लिए जा रहे थे। पढ़ें पूरी खबर…

खराब मौसम की वजह से सर्च ऑपरेशन रोकना पड़ा था
नेपाल आर्मी ने रविवार शाम कहा था- स्थानीय लोगों ने बताया कि लाम्छी नदी के किनारे प्लेन क्रैश हुआ। यह मुस्तांग जिले के मानापती हिमाल क्षेत्र की नदी है। बीते दिन बेहद खराब मौसम के चलते सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन बंद करना पड़ा। इलाके में बर्फबारी और बारिश हो रही थी। इसलिए सोमवार सुबह तलाश फिर शुरू की गई।

मोबाइल से मिली लोकेशन
सिविल एविएशन अथॉरिटी ऑफ नेपाल (CAAN) के मुताबिक- प्लेन के एक कैप्टन का मोबाइल फोन चालू था। उसकी लोकेशन को जब ट्रेस किया गया तो एयरक्राफ्ट की भी लोकेशन मिल गई। हालांकि रविवार को स्पॉट पर पहुंचने की तमाम कोशिशें खराब मौसम की वजह से नाकाम हो गईं थीं। सोमवार को इसमें कामयाबी मिली।

मारे गए 19 यात्रियों और 3 क्रू मेंबर्स के नाम
भारतीय: अशोक कुमार त्रिपाठी, धनुष त्रिपाठी, ऋतिका त्रिपाठी और वैभवी। नेपाल में इंडियन एम्बेसी ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। ये है: 977-9851107021
बाकी यात्रियों के नाम : इंद्र बहादुर गोले, पुरुषोत्तम गोले, राजन कुमार, मिल ग्रांट, बसंत लामा, गणेश नारायण, रवीना श्रेष्ठा, रश्मी श्रेष्ठा, रोजीना श्रेष्ठा, प्रकाश सुनवार, माकर बहादुर तमांग, रम्या तमांग, सुकुम्या तमांग, तुलसादेवी तमांग और युवी विल्नर।
क्रू मेंबर्स:कैप्टन प्रभाकर घिमिरे, को-पायलट उत्सव पोखरेल और एयर होस्टेस किश्मी थापा।

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खोज में जुटे थे सेना के हेलिकॉप्टर
नेपाली सेना के प्रवक्ता नारायण सिलवाल ने रविवार को कहा था- एक MI-17 हेलिकॉप्टर मुस्तांग के लिए भेजा गया था। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता फदिंद्र मणि पोखरेली ने कहा- हमने विमान की तलाश के लिए मुस्तांग और पोखरा में दो हेलिकॉप्टर लगाए थे।

flightradar24.com के मुताबिक- तारा एयरलाइंस का यह ट्विन इंजन एयरक्राफ्ट 43 साल पुराना था। इसी बेड़े का एक एयरक्राफ्ट पिछले साल भी क्रैश हो गया था। इस एयरक्राफ्ट ने पोखरा से सुबह 9.55 पर टेक ऑफ किया। आखिरी सिग्नल 10.7 बजे रिसीव किया। इस वक्त एयरक्राफ्ट 12 हजार 825 फुट की ऊंचाई पर था।


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