तीन बड़ी पार्टियों के 3 बड़े नेता,जो दो-दो विधानसभा सीटों से ठोक रहे हैं ताल

तीन बड़ी पार्टियों के 3 बड़े नेता,जो दो-दो विधानसभा सीटों से ठोक रहे हैं ताल
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तेलंगाना। बीआरएस प्रमुख और तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव,कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष रेवंत रेड्डी और भाजपा के इतेला राजेन्द्र वो तीन नाम हैं जो चुनावी समर में दो जगहों से किस्मत आजमा रहे हैं।

राज्य भर में 35,655 मतदान केंद्र बनाए गए हैं जहां कुल पंजीकृत 3.26 करोड़ मतदाता हैं। इनके मतों से माननीयों की किस्मत का फैसला होगा। दावे सभी कर रहे हैं कि जीत हमारी होगी। इस बीच प्रदेश में मुकाबला त्रिकोणीय बताया जा रहा है। रोमांचक बात ये है कि बीआरएस, कांग्रेस और भाजपा के तीन दिग्गज एक नहीं दो जगहों से लड़ रहे हैं।

2014 से अब तक केसीआर राज
2014 में तेलंगाना की स्थापना हुई। तभी से केसीआर का सिक्का जमा हुआ है। आंध्र प्रदेश को बांट कर नया राज्य बना। तब बीआरएस का नाम तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) था। 2018 में नाम बदला लेकिन जीत पर फर्क नहीं पड़ा। 119 में से 88 सीटें जीतकर,कुल वोट शेयर का 47.4 प्रतिशत हासिल कर चुनाव जीता था। तब कांग्रेस केवल 19 सीटों के साथ काफी पीछे रह गई,जबकि भाजपा ने एक सीट जीती थी।

हैट्रिक के इरादे से उतरेंगे केसीआर
एक नहीं दो सीटों से केसीआर यानि मुख्यमंत्री कल्वाकुंतला चन्द्रशेखर राव मैदान में हैं। अति विश्वास या फिक्र जो भी वजह हो इस बार वो गजवेल और कामारेड्डी निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़ रहे हैं। चुनाव प्रचार के अंतिम दिन उन्होंने भावनात्मक अपील की। इच्छा जताई कि व्यक्तिगत पदों के बजाय राज्य के विकास के लिए फिक्रमंद हैं और ये भी कि इच्छा की वजह उनकी बढ़ती उम्र है क्योंकि वो 70 वर्ष के होने जा रहे हैं। 2018 में, केसीआर ने गजवेल से 58,000 से अधिक वोटों से जीत हासिल की। इस बार उनका मुकाबला भारतीय जनता पार्टी के एटाला राजेंदर से है।

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भाजपा के एताला राजेंदर देंगे सीएम को चुनौती
पूर्व मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ विधायक एटाला राजेंदर तेलंगाना विधानसभा चुनाव में एक अनोखी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। राजेंद्र भी दो अलग-अलग सीटों से चुनाव लड़ने वाले तीन उम्मीदवारों में से एक हैं-दूसरे हैं मुख्यमंत्री केसीआर और तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) के अध्यक्ष ए रेवंत रेड्डी। वो हुजूराबाद में अपनी मूल सीट बरकरार रखने का प्रयास करते हुए गजवेल में केसीआर को चुनौती दे रहे हैं।

कांग्रेस के रेवंत रेड्डी
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष और लोकसभा सांसद रेवंत रेड्डी कोडंगल और कामारेड्डी निर्वाचन क्षेत्रों से चुनावी मैदान में उतर रहे हैं। कामारेड्डी में वो मौजूदा मुख्यमंत्री केसीआर के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने अपने चुनाव प्रचार के दौरान कहा, “कांग्रेस के सत्ता में आने पर छह गारंटी लागू की जाएंगी।” 2018 के चुनावों में, रेड्डी ने कोडंगल से चुनाव लड़ा था लेकिन बदले में हार मिली थी। पटनम नरेंद्र रेड्डी ने 9,000 वोटों से अधिक के अंतर से अपनी जीत तय की थी।

किसका पलड़ा भारी!
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जमीनी आकलन से पता चलता है कि भगवा पार्टी एक ऐसी ताकत के रूप में उभरी है जिसे उत्तरी तेलंगाना क्षेत्र में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। कहा जा रहा है कि मेडक, निज़ामाबाद, करीमनगर और वारंगल के संयुक्त पुराने जिलों में लगभग 54 विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं जहां भाजपा के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है। सवाल तेलंगाना की फिजाओं में तैर रहा है कि क्या बीआरएस की हैट्रिक, कांग्रेस की इच्छा पर भाजपा भारी पड़ेगी? अपने प्रतिद्वंदियों के सामने बड़ी चुनौती खड़ा कर पाएगी?

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