Pitru Amavasya 2023: पितृ पक्ष के आखिरी दिन जरूर करें गंगा स्नान
Pitru Amavasya 2023: 16 दिन चलने वाले पितृ पक्ष का आखिरी दिन बहुत ही खास होता है क्योंकि इस दिन पितर अपने लोक वापस जाते हैं और ऐसे में विधि-विधान से उनका तर्पण करना चाहिए |
Pitru Amavasya 2023: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष के प्रत्येक दिन महत्वपूर्ण होता है और पूर्वजों की मृत्यु की तिथि के आधार पर उनका श्राद्ध किया जाता है | यदि किसी को तिथि याद नहीं है तो सर्वपितृ अमावस्या के दिन विधि-विधान से पितरों का तर्पण करना चाहिए | इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और वह प्रसन्न होकर अपने धाम वापस जाते है | पितृ पक्ष का आखिरी दिन सर्वपितृ अमावस्या होता है और इसका विशेष महत्व माना गया है | पंचांग के अनुसार इस बार 14 अक्टूबर 2023, शनिवार के दिन सर्वपितृ अमावस्या है जिसे महालया अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है |
सर्वपितृ अमावस्या पर गंगा स्नान
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गंगा स्नान करने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिलती है और देवी-देवताओं का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है | अमावस्या तिथि के दिन गंगा स्नान करना बहुत ही लाभकारी माना गया है | खासतौर पर सर्वपितृ अमावस्या के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व माना गया है कहते हैं कि सर्वपितृ अमावस्या के दिन पितर गंगा पर जाते हैं और फिर वही से अपने स्थान की ओर प्रस्थान करते हैं | ऐसे में यदि इस दिन गंगा स्नान किया जाए तो पितरों प्रसन्न होते हैं और उनकी आत्मा को शांति मिलती है | जिस व्यक्ति पर पितरों का आशीर्वाद होता है उसके जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है |
सर्वपितृ अमावस्या का महत्व
वैसे तो पितृपक्ष के पूरे 16 दिन बेहद ही महत्वपूर्ण होते हैं और प्रत्येक दिन पूर्वजों की मृत्यु की तिथि के अनुसार उनका श्राद्ध किया जाता है. लेकिन यदि किसी व्यक्ति को पूर्वजों की मृत्यु तिथि नहीं पता तो सर्वपितृ अमावस्या के दिन श्राद्ध किया जाता है. इस दौरान सभी पितरों का ध्यान कर उनका श्राद्ध करें और अपनी गलतियों के लिए माफी भी मांग लें. ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और वह तृप्त होकर अपने धाम को जाते हैं |