आज से बजने लगा शादियों का बैंड,बाजार को मिलेगा 5 लाख करोड़ रुपये का बूस्ट

आज से बजने लगा शादियों का बैंड,बाजार को मिलेगा 5 लाख करोड़ रुपये का बूस्ट
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नई दिल्ली। आज देवोत्थान एकादशी है। इसी के साथ शादियों का साया शुरू हो गया है। अनुमान लगाया गया है कि सिर्फ दिल्ली एनसीआर में ही आज एक लाख शादियां हो रही हैं। इस समय एक औसत शादी में कम से कम 10 लाख रुपये तो खर्च हो ही जाते हैं। यदि लोग अमीर हो तो करोड़ रुपये खर्च होना कोई बड़ी बात नहीं है। इस खर्चे से बाजार भी खुश है।

किसी भी शादी में काफी लोगों को काम-धंधा मिलता है। चाहे बैंड-बाजा वाले हों या फूल वाले हों, घोड़ी वाले हों, हलवाई हो, सोना-चांदी-बर्तन के कारोबार हों या दिहाड़ी मजदूरी करने वाले, सबको इसमें काम मिल रहा है। आप अभी देश के किसी भी बड़े बाजार की ओर रूख कर लें, वहां आपको शादी की खरीदारी करने वालों की ही भीड़ मिलेगी।

कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स CAIT के महासचिव प्रवीन खेडलवाल का कहना है कि इस बार भी शादियों में जम कर खरीदारी हो रही है। संगठन ने उम्मीद जताई है कि इस बार भी शादी के सीजन में प्रोडक्ट और सर्विसेज दोनों को मिलाकर करीब 4.74 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होने की उम्मीद है।

कैट का अनुमान है कि शादी के इस सीजन के दौरान देश भर में करीब 38 लाख शादियां होंगी। इनमें 4.74 लाख करोड़ रुपये का कारोबार हो जाएगा। पिछले साल इसी अवधि के दौरान लगभग 32 लाख शादियां हुईं थी और उसमें करीब 3.75 लाख करोड़ रुपये का कारोबार हुआ था।

इस समय शादी का सीजन देवोत्थान एकादशी यानी आज से शुरू हो गया है। अगले महीने 15 तारीख तक शादियों का सीजन चलता रहेगा। इसी महीने 23, 24, 27, 28 और 29 तारीख को शादियों का साया है। अगले दिसंबर महीने में 3, 4, 7, 8, 9 और 15 तारीख शादी के लिए शुभ है।

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कैट का दावा है कि शादियों के इस सीजन के दौरान सिर्फ दिल्ली और एनसीआर में ही चार लाख से ज्यादा शादियां होनी है। इनमें से अधिकतर शादी दिल्ली में ही होगी। इन शादियों के लिए अधिकतर खरीदारी भी दिल्ली में ही होगी। इन शादयों में लगभग 1.25 लाख करोड़ रुपये का व्यापार होने का अनुमान है।

खंडेलवाल का कहना है कि वे शादियों के खर्चों का अनुमान इस प्रकार लगाते हैं… 3 लाख रुपये के खर्च के साथ 7 लाख शादियां, 6 लाख रुपये के खर्च के साथ 8 लाख शादियां, 10 लाख रुपये के खर्च के साथ 10 लाख शादियां, 15 लाख रुपये के खर्च के साथ 7 लाख शादियां, 25 लाख रुपये के खर्च के साथ में 5 लाख शादियां, 50 लाख रुपये में 50 हजार शादियां और 1 करोड़ रुपये और उससे अधिक खर्च पर 50 हजार शादियां हो सकती हैं।

एक छोटी सी शादी में भी कम से कम 20 लोगों को काम मिल जाता है। बड़ी शादी हो तो सैकड़ों लोगों को रोजगार मिलता है। यह काम साफ-सफाई से लेकर सजावट, बाजा-बत्ती की व्यवस्था, आतिथ्य-सत्कार सब क्षेत्र में निकलता है। इन सब कार्यों में अधिकतर दिहाड़ी मजदूरों को ही काम मिलता है। मतलब कि शादी का बाजा बजा तो काफी लोगों की मौज हो जाती है।


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