ज्ञानवापी मुकदमा पर जिला अदालत में आज सुनवाई

ज्ञानवापी मुकदमा पर जिला अदालत में आज सुनवाई
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वाराणसी। श्रृंगार गौरी के नियमित पूजा-अर्चना और अन्य विग्रहों को संरक्षित करने के लिए दायर वाद सुनने योग्य है या नहीं, इस पर बृहस्पतिवार को जिला जज डॉ. अजय कुमार विश्वेश की अदालत में आज सुनवाई होगी। न्यायालय में सबसे पहले मुस्लिम पक्ष के प्रार्थना पत्र पर ही सुनवाई होगी और इसके बाद आगे की कार्यवाही तय की जाएगी। इसके साथ ही कमीशन की रिपोर्ट पर भी अदालत में आपत्ति आ सकती है।

सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत से जिला जज के न्यायालय में यह मामला स्थानांतरित होने के बाद बृहस्पतिवार को मुस्लिम पक्ष के रूल 7 आर्डर 11 के तहत दिए गए प्रार्थना पत्र पर सुनवाई में न्यायालय यह आदेश देगा कि शृंगार गौरी ज्ञानवापी का मुकदमा सुनने योग्य है या नहीं। इसमें मुस्लिम पक्ष की ओर से कई महीने पहले ही इस वाद को खारिज करने का आवेदन दिया गया था।

इसमें दी प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 का हवाला देते हुए अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने रूल 7 आर्डर 11 के तहत आवेदन दिया था। इस आवेदन पर सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में सुनवाई नहीं हो पाई थी। जिला जज की अदालत में बृहस्पतिवार को मुस्लिम पक्ष की ओर से आठ बिंदुओं के जरिए वाद खारिज करने की मांग पर सुनवाई होगी।

तीन अन्य आवेदनों पर भी होना है निर्णय
जिला जज की अदालत में तीन और आवेदनों पर भी निर्णय किया जाना है। इसमें वादी पक्ष की ओर से वजूखाने में मिले शिवलिंग के नीचे की जगह को तोड़कर कमीशन की कार्यवाही, जिला शासकीय अधिवक्ता के वजूखाने के तालाब में मछलियों को संरक्षित किए जाने की मांग और काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत कुलपति तिवारी के भोग, राग, शृंगार और पूजा पाठ के अधिकार के लिए पक्षकार बनने के आवेदन पर निर्णय होगा।

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मुस्लिम पक्ष ने वाद खारिज करने की मांग की
इस आवेदन पर सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में सुनवाई नहीं हो पाई थी। जिला जज की अदालत में अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से रूल 7 आर्डर 11 के तहत दिए गए आवेदन पर गुरुवार को सुनवाई होगी। इसमें वाद पर सवाल करते हुए मुस्लिम पक्ष ने आठ बिंदुओं के जरिए वाद खारिज करने की मांग की है।
ओवैसी और अखिलेश सहित अन्य पर केस की मांग पर सुनवाई आज

धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव सहित अन्य पर मुकदमा दर्ज करने की मांग पर बृहस्पतिवार को सुनवाई होगी। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पंचम ने फौजदारी के अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय के आवेदन पर मामला सुनने योग्य है या नहीं, इस पर सुनवाई के लिए 26 मई की तिथि नियत की है।

ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग मिलने के दावे के बाद अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पंचम की अदालत में सीआरपीसी की धारा 156-3 में आवेदन देकर कहा गया है कि वजूखाने में जाकर हाथ पैर धोना और शिवलिंग वाली जगह पर गंदा पानी जाना आस्था पर कुठाराघात है। आवेदन में यह भी कहा गया कि शिवलिंग को फुहारा कहकर विद्वेश फैलाने का प्रयास किया गया।


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