मासूम के साथ दरिंदगी करने वाले को 20 वर्ष की कठोर कैद,महज 54 दिन में सुनवाई पूरी कर कोर्ट ने सुनाया फैसला

मासूम के साथ दरिंदगी करने वाले को 20 वर्ष की कठोर कैद,महज 54 दिन में सुनवाई पूरी कर कोर्ट ने सुनाया फैसला

सोनभद्र। चार माह पूर्व 7 वर्षीय मासूम के साथ दुष्कर्म मामले में कोर्ट की तरफ से, महज 54 दिन में सुनवाई पूरी करने का ऐतिहासिक मामला सामने आया है। अपर सत्र न्यायाधीश / विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट अमित वीर सिंह की अदालत ने सोमवार को इस मामले की सुनवाई की और पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों और अधिवक्ताओं की तरफ से पेश की गई दलीलों के आधार पर दोषसिद्ध पाकर दोषी भोला खरवार को 20 वर्ष की कठोर कैद के साथ एक लाख एक हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अर्थदंड अदा न करने की दशा में छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतने का आदेश दिया गया। अर्थदंड की धनराशि जमा होने के बाद एक लाख रुपये पीड़िता को नियमानुसार प्रदान किए जाएंगे।

rajeshswari

यह बताया जा रहा पूरा प्रकरण
अभियोजन कथानक के मुताबिक चोपन थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी पीड़िता की मां ने चोपन थाने में तहरीर दी। उसके जरिए अवगत कराया कि 20 दिसंबर 2023 को रात 9 बजे वह घर पर नहीं थी। उसी समय भोला खरवार पुत्र बाबूलाल उर्फ लाल दुपट्टा खरवार निवासी कोटा, थाना चोपन, उसकी 7 वर्षीय बेटी को अकेला पाकर, जबरजस्ती जंगल में ले गया। वहां उसके साथ जबरन बलात्कार किया और मार-पीट की। इससे उसके प्राइवेट पार्ट पर भी चोटें आईं। लहूलुहान हालत में घर पहुंची बेटी ने सारी घटना मां को बताई। दूसरे दिन 21 दिसंबर 2023 को मामले में चोपन पुलिस को तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की गई। तहरीर के क्रम में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना की। विवेचना के दौरान मेडिकल रिपोर्ट में भी पीड़िता के प्राइवेट पार्ट पर चोटें, आई रेडनेस और रक्त की बात सामने आई।

इसे भी पढ़े   45 की उम्र में दस्तक देने लगी डिमेंशिया/अल्जाइमर

मेडिकल रिपोर्ट में पुष्टि के बाद पुलिस ने न्यायालय में भेज दी चार्जशीट
मेडिकल रिपोर्ट ने भी बलात्कार का सपोर्ट किया जाना पाया गया। पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक रहे तत्कालीन थानाध्यक्ष चोपन सतेंद्र कुमार राय जो वर्तमान में राबर्ट्सगंज कोतवाल हैं, ने त्वरित विवेचना करते हुए, दुष्कर्म और पाक्सो एक्ट के तहत 67 दिन में चार्जशीट दाखिल कर दी। वहीं, अदालत ने भी इस मामले में तेजी दिखाते हुए आरोप तय होने के महज 54 दिन के भीतर सुनवाई पूरी करते हुए निर्णय सुना दिया । अभियोजन पक्ष की और से मामले की पर भी सरकारी अधिवक्ता दिनेश कुमार अग्रहरी, सत्य प्रकाश त्रिपाठी एवं नीरज कुमार सिंह की तरफ से की गई।

Shiv murti

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *