23 लाख में नीलाम हुआ सरपंच पद
नई दिल्ली। गुना जिले की लालोनी ग्राम पंचायत में सरपंच चुनने का एक अजब-गजब मामला सामने आया है। यहां सरपंच पद के दावेदारों के लिए ग्रामीणों ने नीलामी रखी। इसमें दो दावेदार सामने आए। कांतिबाई मीना ने 23 लाख रुपए की बोली लगाई, वहीं उनकी प्रतिद्वंद्वी श्यामबाई ने 22 लाख की बोली लगाई। इसके बाद गांववालों ने कांतिबाई को निर्विरोध सरपंच चुन लिया।
दरअसल, गांव में गोवर्धन (कृष्ण) भगवान के मंदिर का निर्माण होना है। ग्रामीण चाहते थे मंदिर का निर्माण भी हो जाए और बिना चुनाव के सरपंच भी चुन लिया जाए। सरपंच पद के लिए दो महिला उम्मीदवार कांति और श्यामा मैदान में थीं। ग्रामीणों ने तय किया कि जो भी प्रत्याशी मंदिर के लिए ज्यादा रुपए देगा उसे चुन लिया जाएगा।
इसके लिए पंचायत हुई और कृष्ण मंदिर के निर्माण के लिए सरपंच पद की प्रत्याशी कांतिबाई मीना (69) ने सबसे बड़ी बोली लगाई। वहीं, महज एक लाख रुपए के अंतर से श्यामा सरपंच बनने से चूक गईं। इसके बाद गांववालों ने कांति को निर्विरोध सरपंच चुन लिया। इसके साथ ही 13 पंच पदों पर भी महिलाओं को निर्विरोध चुना गया। ग्राम पंचायत के निर्विरोध चुने जाने के साथ ही यह पिंक पंचायत बन गई। वहीं, निर्विरोध चुने जाने पर पंचायत को 15 लाख रुपए भी मिलेंगे।
पूरी पंचायत निर्विरोध और पिंक भी
गुना से लगभग 45 किमी बमोरी की लालोनी ग्राम पंचायत में 1320 मतदाता हैं। इस बार यहां सरपंच पद OBC महिला के लिए आरक्षित है। वहीं, 13 पंच पदों में से 3 आदिवासी और 10 OBC के लिए आरक्षित थे। लालोनी पंचायत में मंदिर बनाने के लिए नीलामी में दो महिलाओं के परिजन ने भाग लिया था। ज्यादा बोली लगाने वाले प्रत्याशी को सरपंच चुन लिया गया। बाकी सभी ने फॉर्म जमा ही नहीं किए।
पूर्व सरपंच ने बनाई थी पूरी रणनीति
गांव के पूर्व सरपंच और इस मामले का नेतृत्व कर रहे हरगोविंद मीना ने बताया कि वह काफी लंबे समय से गांव के सरपंच रहे हैं। उन्हें मालूम है कि गांव में क्या विकास होना है। सभी गांववालों की ओर से गोवर्धन (कृष्ण) भगवान के मंदिर का निर्माण कार्य विचाराधीन था। उस मंदिर का कार्य आगे बढ़ाने के लिए पूरे गांव को इकट्ठा किया गया। वहां सभी लोगों ने विचार विमर्श कर मंदिर निर्माण और निर्विरोध सरपंच को चुन लेने की बात तय की।
5 बीघा में बनेगा मंदिर
हरगोविंद मीना ने बताया कि मंदिर का प्रोजेक्ट काफी बड़ा है। नीलामी में मिले इन 23 लाख रुपए से मंदिर निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। लगभग 5 बीघा में इस मंदिर का निर्माण होगा। इसके लिए जमीन भी मिल गई है। वहीं,निर्विरोध चुने जाने पर पंचायत को जो 15 लाख रुपए मिलेंगे, वह भी मंदिर में सीसी रोड बनाने में लगा देंगे। अभी तक 38 लाख रुपए हो गए हैं। बाकी पैसा समाज के और लोगों से इकट्ठा किया जाएगा। साढ़े तीन बीघा में मंदिर बाकी डेढ़ बीघा में गोशाला का निर्माण होगा। मंदिर निर्माण में एक करोड़ रुपए खर्च होंगे।
सड़क व पेयजल का संकट
जब गांव का मुआयना किया तो वहां सड़क की सबसे बड़ी समस्या नजर आई। गांव के अंदर की सड़कें सभी कच्ची थीं। सीसी रोड भी नहीं बनी थी। इन कच्ची सड़कों पर पानी बह रहा था, जिससे चारों तरफ कीचड़ फैला हुआ था। इसी से लोग निकलते हैं,जिससे उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है। गांव में पेयजल की भी बड़ी समस्या है। कुछ बोरिंग हैं, जिनसे हर महीने पैसा देकर लोग पानी लेते हैं। ट्यूबवेल से घरों तक पाइपों के जरिए पानी लाया जाता है। वर्तमान में सरपंच चुनी गईं कांतिबाई ने बताया कि पेयजल और सीसी रोड बनाने का काम सबसे पहले उन्हें करना है।
ये महिलाएं बनीं सरपंच और पंच
कांतिबाई मीना-सरपंच,सावित्री अहिरवार- पंच वार्ड 1, सुमन मीना-पंच वार्ड 2, रामी मीना- पंच वार्ड 3, सीता मीना- पंच वार्ड 4, मांगी मीना- पंच वार्ड 5, सुनीता मीना- पंच वार्ड 6,ममता मीना- पंच वार्ड 7,अनिता किरार- पंच वार्ड 8, ममता मीना- पंच वार्ड 9,प्रेम मीना-पंच वार्ड 10,पाना सहरिया- पंच वार्ड 11,अनीता सहरिया-पंच वार्ड 12 और संगीता मीना-पंच वार्ड 13।