गोरखपुर के युवा कांग्रेस कार्यकर्ता की मौत पर वाराणसी में कैंडल मार्च,सीबीआई जांच की मांग
गोरखपुर। गोरखपुर के युवा कांग्रेस कार्यकर्ता प्रभात पाण्डेय की लखनऊ में विधानसभा घेराव के दौरान संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत को लेकर वाराणसी में गहरा आक्रोश है। इस घटना के विरोध में आज वाराणसी में युवा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष अधिवक्ता विकास सिंह के नेतृत्व में कचहरी स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर कैंडल मार्च निकाला गया।
कैंडल मार्च में शामिल कार्यकर्ताओं ने प्रभात पाण्डेय को श्रद्धांजलि अर्पित की और न्याय की मांग करते हुए सरकार की नीतियों के खिलाफ नारेबाजी की।
युवा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष अधिवक्ता विकास सिंह ने उत्तर प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, “सरकार इस मामले को दबाने और सच्चाई छिपाने का प्रयास कर रही है। भाजपा और पुलिस की मिलीभगत से कांग्रेस नेताओं पर झूठे आरोप लगाकर उन्हें बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। यह घटना न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि लोकतंत्र के लिए भी एक गंभीर खतरा है। हम इसके लिए सीबीआई जांच की मांग करते हैं ताकि सच्चाई सामने आ सके और दोषियों को सजा दी जा सके।”
उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय के साथ पुलिस ने बेहद अमानवीय व्यवहार किया। अजय राय जब प्रभात पाण्डेय के परिजनों से मिलने जा रहे थे, तब पुलिस ने उनका काफिला कई जगहों पर रोका। अधिवक्ता विकास सिंह ने इसे लोकतंत्र के खिलाफ साजिश करार देते हुए कहा, “ऐसी घटनाएं सरकार की असंवेदनशीलता को उजागर करती हैं। यह सब जनता की आवाज को दबाने के लिए किया जा रहा है।”
इस कैंडल मार्च में सैकड़ों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता और समर्थक शामिल हुए। मोमबत्तियां जलाकर सभी ने दिवंगत प्रभात पाण्डेय को श्रद्धांजलि दी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
कार्यकर्ताओं का कहना है कि भाजपा के कार्यकर्ताओं और उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा कांग्रेस नेताओं को जानबूझकर इस मामले में फंसाने की कोशिश की जा रही है, जो पूरी तरह से अनुचित और निंदनीय है। उनका आरोप है कि सरकार न केवल सच्चाई छिपा रही है, बल्कि विपक्ष की आवाज को कुचलने का प्रयास कर रही है।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने स्पष्ट किया कि जब तक इस घटना की निष्पक्ष सीबीआई जांच नहीं होती और दोषियों को सजा नहीं मिलती, तब तक वे चुप नहीं बैठेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इस घटना ने पूरे प्रदेश में राजनीतिक और सामाजिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और अधिवक्ता शामिल हुए, जिनमें मनिंद्र मिश्रा, विश्वनाथ कुंवर, आशुतोष सिंह गोलू, मनीष राय, विजय उपाध्याय, जुनैद जाफरी, राहुल सिंह, संदीप पाल, अरुणेश सिंह अनु, अमनदीप सिंह, विशाल यादव, शशांक यादव, ओम शुक्ला, शैलेंद्र सिंह और अन्य कई कार्यकर्ता मौजूद थे।