इंजेक्शन लगाते ही मासूम की थम गई सांसें

इंजेक्शन लगाते ही मासूम की थम गई सांसें
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जीजा-साला चला रहे थे क्लीनिक,हंगामा,पुलिस को तहरीर
सोनभद्र। एक झोलाछाप डॉक्टर की करतूत के चलते 8 वर्षीय मासूम की मौत का मामला शुक्रवार को सामने आने के बाद सनसनी फैल गई। आरोप है कि हल्की चोट पर इलाज के लिए पहुंचे बच्चों को परिवार के लोगों के मना किए जाने के बावजूद इंजेक्शन लगा दिया गया और इंजेक्शन लगाने के चंद मिनट बाद ही उसकी मौत हो गई। इससे परिजनों की तरफ से खासी नाराजगी जताई जाने के कारण, मौके पर जहां हंगामे की स्थिति बन गई। वहीं पुलिस को तहरीर देकर मामले में कार्रवाई की मांग की गई है।

बताया जा रहा है कि बीजपुर थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत पिंडारी अंतर्गत टोला मनरहवा निवासी अभिषेक 8 वर्ष पुत्र अशोक पनिका को हल्की चोट लग गई । उसके मां के कहने पर उसकी दादी उसे लेकर, पास में क्लीनिक चलाने वाले एक झोला चिकित्सक के पास पहुंचा। आरोप है कि जीजा- साला की तरफ से चलाए जाने वाले इस कथित क्लीनिक पर जैसे ही बच्चे को इंजेक्शन लगाया गया वैसे ही उसकी हालत बिगड़ गई। परिवार वाले इसका कारण समझ पाते इससे पहले उसकी मौत हो गई।

परिजनों ने कहा-मलहम पट्टी करें, झोलाछाप ने लगा दिया इंजेक्शन
दादी का कहना था कि उन्होंने डॉक्टर बनकर क्लीनिक चलाने वाले महेश जो पूर्व में डॉक्टर का काम करते रहे मधु सरकार का रिश्ते में साला है, से सिर्फ मलहम पट्टी के लिए कहा लेकिन उसने इंजेक्शन से चोट जल्दी अच्छी होने की बात करते हुए जबरिया इंजेक्शन लगा दिया। इंजेक्शन लगते ही बच्चा गिरकर छटपटाने लगा और उसके मुहं से काफी झाग बाहर आने लगा। इस पर महेश घबरा गया उसने पास में किराने की दुकान चला रहे जीजा (कथित डाक्टर मधु सरकार) को ले जाकर दिखाया तो उसने बच्चे को एनटीपीसी रिहंद के धन्वंतरी चिकित्सालय ले जाने की सलाह दी। वहां पहुंचने पर डॉक्टरों ने बच्चे को देखते ही मृत घोषित कर दिया। इससे परिवार के लोगों में कोहराम मच गया । वह दहाड़े मार कर रो पड़े। झोलाछाप डॉक्टर को बच्चों की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कुछ देर तक हंगामा भी किया। जानकारी पाकर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दुद्धी भेज दिया।

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दी गई तहरीर पर मामले की जांच में जुटी पुलिस
मृतक के दादा दयाशंकर पनिका की तरफ से पुलिस को तहरीर देकर कार्रवाई की गुहार लगाई गई है। बीजपुर पुलिस का कहना है कि मामले की सच्चाई जांची जा रही है। बताया जा रहा है कि पहले जीजा ने डॉक्टरी का काम शुरू किया। बाद में उसकी बीजपुर इलाके में ही शादी हो गई तो साला भी उसके साथ डॉक्टर बनकर लोगों का उपचार करने लगा। कुछ दिन बाद उसने डॉक्टरी का ज्यादातर कामकाज साले के हवाले कर खुद किराना की दुकान संभाल ली। इस मामले में जानकारी के लिए प्राइवेट चिकित्सालय एवं झोलाछाप के नोडल डॉक्टर कीर्ति आजाद बिंद से संपर्क साधा गया लेकिन उनका फोन स्विच ऑफ मिला।


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