बैग में दिखीं 500-500 के नोटों की गड्डी,तो डोल गया ईमान और फिर…कैसे ‘चार रक्षक ही बन गए भक्षक’

बैग में दिखीं 500-500 के नोटों की गड्डी,तो डोल गया ईमान और फिर…कैसे ‘चार रक्षक ही बन गए भक्षक’
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नई दिल्ली। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के तीन ऑफिसर, एक पुलिसवाला और 15 लाख की रकम। ड्यूटी थी काली कमाई को पकड़ने की, लेकिन नोटों की चमक ने अंधा बना दिया। 500-500 रुपये के नोटों की गड्डियां देखीं तो अपने फर्ज को ही भुला दिया और वो कांड कर डाला,जिसके लिए अब ये चारों जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गए हैं। जुर्म की ये दास्तां उन चार अधिकारियों की है, जिन्होंने एक कलेक्शन एजेंट से चाकू की नोंक पर 15 लाख रुपये की लूट की।

वो 16 दिसंबर 2024 का दिन था और रात के तकरीबन 8 बज रहे थे। चेन्नई के वाशरमेनपेट इलाके में रहने वाले और कलेक्शन एजेंट के तौर पर काम करने वाले 31 वर्षीय मोहम्मद गौस अपने मालिक को देने के 20 लाख रुपये की रकम लेकर जा रहे थे। गौस के मालिक जुनैद अहमद चेन्नई के ही वानियमबाडी इलाके में एक सीटी स्कैन सेंटर चलाते हैं। इसके अलावा वह कांग्रेस पार्टी में एक पदाधिकारी भी हैं।

मोहम्मद गौस जब अन्ना सलाई इलाके के सरकारी मल्टी-सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के पास से गुजर रहे थे, तभी उन्हें वर्दी पहने एक पुलिसकर्मी ने रोक लिया। उसने गौस से बैग के बारे में सवाल-जवाब किए और जब पता चला कि उसमें 20 लाख की रकम हैं तो कैश से जुड़े दस्तावेज मांगे। दोनों के बीच बातचीत चल ही रही थी कि इतने में इस पुलिसकर्मी ने किसी को फोन किया।

गाड़ी में बहाने से बिठाया और ले गए
कुछ देर बाद एक और आदमी वहां पहुंचा और उसने खुद को आयकर विभाग का अधिकारी बताया। उसने भी गौस से पूछताछ की और थोड़ी देर में एक सरकारी कार में दो लोग वहां आ गए। इन्होंने भी खुद को आयकर विभाग के अधिकारी बताया और गौस को जबरन अपनी गाड़ी में बिठा लिया। इन्होंने कहा कि वो उसे आयकर विभाग के दफ्तर लेकर जा रहे हैं, लेकिन ऐसा नहीं था।

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लूट लिए 15 लाख रुपये
ये चारों गौस को आयकर विभाग के दफ्तर ना ले जाकर, एग्मोर चिल्ड्रन हॉस्पिटल के पास एक सुनसान जगह पर ले गए। यहां इन्होंने गौस को चाकू दिखाया और उनसे 15 लाख रुपए छीन लिए। बाकी के 5 लाख रुपये इन्होंने गौस के पास ही रहने दिए और मौके से निकल गए। इस घटना से गौस काफी घबरा गए और बदहवाश हालत में अपने घर पहुंचे। अगले दिन उन्होंने त्रिप्लिकेन पुलिस स्टेशन जाकर अधिकारियों को पूरी बात बताई।

आरोपियों की पहचान
गौस की शिकायत सुनते ही अधिकारियों के बीच हड़कंप मच गया। वारदात से जुड़ी जगहों के सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए और पता चला कि जिस वर्दीवाले ने गौस को रोका था, वह त्रिप्लिकेन पुलिस स्टेशन में ही तैनात स्पेशल सब इंस्पेक्टर राजा सिंह है। बाकी तीन आरोपियों की पहचान इनकम टैक्स इंस्पेक्टर दामोदरन, आयकर अधिकारी प्रदीप और इनकम टैक्स सुपरिटेंडेंट प्रभु के तौर पर हुई।

15 लाख की रकम
सीसीटीवी फुटेज के जरिए ट्रैक कर चारों आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में इन्होंने लूटी गई रकम को आपस में बांटने और इस काम को अंजाम देने के लिए सरकारी गाड़ी के इस्तेमाल की बात कबूल की। लूटी गई 15 लाख की रकम को भी इनकम टैक्स सुपरिटेंडेंट प्रभु के घर से बरामद कर लिया गया।

वारदात का मास्टरमाइंड
तफ्तीश में पता चला कि गिरफ्तार किए गए तीनों आयकर अधिकारी नुंगमबक्कम के इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से जुड़े हैं। चारों के खिलाफ संबंधित धाराओं में केस दर्ज कर जेल भेज दिया गया है। मामले की तहकीकात कर रहे एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि राजा सिंह ही इसे पूरे खेल का मास्टरमाइंड है। अब इस बात की जांच की जा रही है कि क्या इन लोगों ने इससे पहले भी ऐसी किसी वारदात को अंजाम दिया है।

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