शहर में आने वाली भीड़ कैसे हो काबू,सड़को पर हो रही बेकाबू
– काशी विश्वनाथ का स्पर्श दर्शन बन्द
वाराणसी (जनवार्ता)। शहर में नए साल के पहले ही लगातार सैलानियों की भीड़ बढ़ती ही जा रही है। जिसको लेकर प्रशासन अपना शोध कार्य जारी रखा है लेकिन भीड़ कुछ चिन्हित मार्गों पर बेकाबू हो रही है। इससे यह साफ पता चल रहा है की जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी निभाने में फेल साबित हो रहे हैं, जबकि 31 दिसंबर दूर है। प्रशासन का विशेष शोध कार्य भीड़ होने पर या तो सूचना मिलने पर पुलिस पहुँचती है और चिन्हित मार्ग गिरजाघर,गोदौलिया, बांस फाटक, ज्ञानवापी, चौक तक ही समिति रहती है। जबकि अन्य मार्ग बीएचयू,लंका, संकटमोचन,साकेत नगर,नरिया, रथयात्रा, कमच्छा एवं विभिन्न घाटों के मार्ग पर भी भीड़ उमड़ रही है। प्रशासन को तो भीड़ जमा ही ना हो,उस पर शोध कार्य जल्द से जल्द शुरू करना चाहिए, वरना भीड़ बेकाबू हो रही है। इसी कड़ी में सोमवार को विश्वनाथ मंदिर के आसपास मार्गों पर भीड़ बेकाबू हो गई और बैरिकेडिंग तोड़कर या यूं कहें घबराकर निकली। सैलानियों की भीड़ पिछले चार दिनों को देखते हुए विश्वनाथ मंदिर में आस्थावानों के लिए बैरिकेडिंग लगाई गई है। मंदिर के सीईओ विश्वभूषण मिश्र के अनुसार सावन का प्रॉटोकॉल अब नए साल पर रहेगा, क्योंकि भीड़ को देखते हुए स्पर्श दर्शन पर प्रतिबंध हो गया और सामान्य होने के बाद ही स्पर्श दर्शन शुरू होगा। उन्होंने कहा की भीड़ को देखते हुए नए साल पर अनुमान लगाया जा रहा है की लगभग दस लाख आस्थावान दर्शन-पूजन के लिए आएंगे। जबकि 21 दिसंबर को 1 लाख 80 हजार , 22 दिसंबर को 2 लाख, 23 दिसंबर को डेढ़ लाख, 24 दिसंबर को 1 लाख 75 हजार एवं 25 दिसंबर को 1 लाख 90 हजार आस्थावानो ने दर्शन- पूजन किया था। शहरवासियों का कहना है की आलाधिकारी विभिन्न मार्गो पर अपने मातहतों को मुस्तैदी के साथ तैनात करें ताकि भीड़ बेकाबू ही ना हो। जिस तरह भीड़ बढ़ती जा रही है। ऐसा लगता है कि भीड़ बेकाबू हुई तो कौन जिम्मेदार होगा।