पूर्वांचल में बाढ़ का खतरा बढ़ा,कई जिलों में गंगा व अन्य नदियां खतरे के निशान के ऊपर

पूर्वांचल में बाढ़ का खतरा बढ़ा,कई जिलों में गंगा व अन्य नदियां खतरे के निशान के ऊपर

वाराणसी(जनवार्ता)। उत्तर प्रदेश में बाढ़ का कहर जारी है। वाराणसी, गाजीपुर, बलिया, प्रयागराज, मिर्जापुर, जौनपुर, मऊ और आजमगढ़ जैसे जिलों में नदियां उफान पर हैं। केंद्रीय जल आयोग की 3 अगस्त 2025 की रिपोर्ट के अनुसार गंगा नदी वाराणसी में खतरे के निशान को पार कर चुकी है, जहां जलस्तर 71.56 मीटर रिकॉर्ड किया गया, जबकि खतरे का निशान 71.262 मीटर है। अगले 24 घंटों में जलस्तर बढ़कर 71.70 मीटर तक पहुंचने की संभावना है।


गाजीपुर में गंगा का जलस्तर 63.98 मीटर पहुंच गया है, जो खतरे के निशान 63.105 मीटर से ऊपर है। बलिया में भी गंगा नदी 59.36 मीटर पर बह रही है, जबकि खतरे का स्तर 57.615 मीटर है। मिर्जापुर, प्रयागराज और फाफामऊ में भी जलस्तर खतरे के करीब या ऊपर है। प्रयागराज में जलस्तर 84.81 मीटर है, जबकि खतरे का निशान 84.734 मीटर है। फाफामऊ में भी जलस्तर 85.49 मीटर पर स्थिर है।


चुनार में सबसे अधिक वर्षा 131.8 मिमी दर्ज की गई है, जिससे गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। वाराणसी में 23.8 मिमी, गाजीपुर में 36.4 मिमी, बलिया में 30.8 मिमी, प्रयागराज में 60.6 मिमी और जौनपुर में 57.4 मिमी बारिश दर्ज की गई।
गोमती, चोटी सरयू और वरुणा नदियों में भी जलस्तर में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। जौनपुर में गोमती नदी का जलस्तर 68.62 मीटर, मऊ में चोटी सरयू 58.81 मीटर, और तेन्दुई (वाराणसी) में वरुणा 71.98 मीटर पर बह रही है।
प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। तटीय और निचले इलाकों में निगरानी बढ़ा दी गई है। लोगों से अपील की गई है कि वे नदी किनारे न जाएं और किसी भी आपात स्थिति में प्रशासन से तुरंत संपर्क करें।
बाढ़ की स्थिति को देखते हुए राहत और बचाव कार्यों के लिए टीमें सक्रिय हैं। प्रशासन ने सभी जिलों को सतर्क रहने और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने के निर्देश दिए हैं।

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