छत्तीसगढ़ में ऐतिहासिक क्षण: 208 नक्सलियों ने 153 हथियारों के साथ थामा संविधान का सहारा, मुख्यधारा में लौटे

छत्तीसगढ़ में ऐतिहासिक क्षण: 208 नक्सलियों ने 153 हथियारों के साथ थामा संविधान का सहारा, मुख्यधारा में लौटे

जगदलपुर : बस्तर के घने जंगलों से निकलकर हिंसा की राह छोड़ते हुए छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ ऐतिहासिक जीत दर्ज हुई। दंडकारण्य क्षेत्र के 208 नक्सलियों ने 153 घातक हथियारों के साथ आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें 110 महिलाएं और 98 पुरुष शामिल हैं, जिनमें कई शीर्ष कमांडर भी हैं। हाथों में भारतीय संविधान की प्रति थामे ये पूर्व नक्सली मुख्यधारा में लौटने की शपथ लेते नजर आए।

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यह आत्मसमर्पण जगदलपुर के रिजर्व पुलिस लाइन्स में आयोजित भव्य कार्यक्रम में हुआ, जहां राज्य के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा वर्चुअली शामिल हुए। पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम ने आत्मसमर्पणकर्ताओं का गुलाब भेंटकर स्वागत किया। कार्यक्रम से पहले नक्सलियों ने परेड निकाली, जिसमें ‘पुनः मार्गेमें’ (पुनर्वास के माध्यम से नई जिंदगी) के बैनर लहराए गए।

सरेंडर किए गए हथियारों में 19 एके-47 राइफलें, 23 इंसास राइफलें, 17 एसएलआर राइफलें, एक इंसास एलएमजी, 36 .303 राइफलें, चार कार्बाइन, बीजीएल लॉन्चर और अन्य विस्फोटक उपकरण शामिल हैं। यह दंडकारण्य का अब तक का सबसे बड़ा आत्मसमर्पण माना जा रहा है, जिसमें छत्तीसगढ़ से 197 और महाराष्ट्र से 11 नक्सली शामिल हैं।

पिछले तीन दिनों में राज्य में कुल 405 नक्सलियों ने हथियार डाले हैं—बुधवार को 27, गुरुवार को 170 और शुक्रवार को 208। इससे माओवादी गढ़ माने जाने वाले अबूझमाड़ और उत्तर बस्तर क्षेत्र लगभग नक्सल मुक्त हो चुके हैं। भाजपा सरकार के 22 महीनों में 477 नक्सलियों को मार गिराया गया, 1,785 गिरफ्तार हुए और कुल 2,110 ने आत्मसमर्पण किया है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इसे ‘बस्तर के लिए नई सुबह’ बताते हुए कहा, “सरकार की नक्सल उन्मूलन नीति और सुरक्षाबलों की मेहनत रंग ला रही है। ये पूर्व नक्सली अब विकास और शांति के साथ जुड़ेंगे।” केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद उन्मूलन की तय डेडलाइन के मद्देनजर यह सफलता अभियान को नई गति देगी।

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बीजेपी नेता अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पर इसे ‘ऐतिहासिक दिन’ करार दिया, जबकि सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इससे नक्सली संगठन के हौसले पस्त हो चुके हैं। आत्मसमर्पणकर्ताओं को सरकारी पुनर्वास योजना के तहत प्रशिक्षण, रोजगार और आवास उपलब्ध कराया जाएगा।

Shiv murti

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