सतरंगी मेला है आयो |श्याम बाबा के प्रेम, भक्ति और उल्लास का उत्सव

सतरंगी मेला है आयो |श्याम बाबा के प्रेम, भक्ति और उल्लास का उत्सव

सतरंगी मेला है आयो यह वाक्य खाटू श्याम बाबा के दरबार की उस दिव्य छवि को दर्शाता है, जहाँ हर रंग भक्ति की अलग कहानी कहता है। यहाँ भक्तगण प्रेम के रंग में रंग जाते हैं, आस्था के दीप जलाते हैं और बाबा के नाम का जयकारा लगाते हैं। खाटू धाम का यह मेला केवल उत्सव नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक अनुभव है जहाँ दुःख भूलकर हर भक्त आनंद में झूम उठता है। यह रंगीन मेला ईश्वर की कृपा, भक्ति के उत्साह और प्रेम के एकत्व का प्रतीक है।

rajeshswari

सतरंगी मेला है आयो,चालो श्याम दुअरिया
आयो मेलो है फागनियो खाटू चलो
आयो मेलो है फागानियो खाटू चलो
श्याम प्रेमी लाखो आते बाबा की नगरिया
आयो मेलो है फागनियो खाटू चलो

पूरा साल है रहता इंतजार जी कब आएगा फागुन् तेहवार जी
लगता खाटू में लक्खी है मेला आते बाबा के प्रेमी है हजार जी
जी भर के वो मौज उड़ाते बाबा की नगरिया
आयो मेलो है फागनियो खाटू चलो

कोई रेल और जहाज से आता कोई रिंग्स से पैदल है आता
कोई श्याम निशान चढ़ाता कोई डीजे भी साथ में लाता
अरे सबकी इच्छा पुरी करता मेरा श्याम है सावरिया
आयो मेलो है फागानियो खाटू चलो

खूब होते हैं श्याम भंडारे होते कीर्तन और बजते हैं नगाड़े
होता स्वर्ग सा नजारा खाटू धाम का भक्त खूब लगाते हैं जयकारे
बाबा के हैं प्रेमी पागल शंकर है चाकरिया
आयो मेलो है फागनियो खाटू चलो

भाव से पूजन या स्मरण विधि

  1. दिन: खाटू श्याम जयंती, फाल्गुन मेला या एकादशी का दिन अत्यंत शुभ है।
  2. स्थान: घर के मंदिर या श्याम बाबा के चित्र के सामने दीपक जलाएँ।
  3. सामग्री: रंग-बिरंगे फूल, चंदन, धूप, दीपक, प्रसाद (खीर, मालपुए), और मोरपंख रखें।
  4. प्रारंभ: “जय श्री श्याम” का 11 बार जप करें।
  5. पूजन: बाबा को फूल अर्पित करें, धूप और दीप से आरती करें।
  6. भाव: मन में यह भाव रखें — “हे श्याम बाबा, मेरे जीवन में भी आपकी भक्ति का सतरंगी रंग भर दीजिए।”
  7. समापन: आरती करें और परिवार सहित प्रसाद ग्रहण करें।
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इस भक्ति से मिलने वाले लाभ

  • जीवन में आनंद और उत्साह का संचार होता है।
  • श्याम बाबा की कृपा से दुख और कष्ट दूर होते हैं।
  • परिवार में एकता और प्रेम बढ़ता है।
  • भक्ति भाव दृढ़ होता है और मन को शांति मिलती है।
  • जीवन के हर क्षेत्र में शुभता और सफलता प्राप्त होती है।

निष्कर्ष

सतरंगी मेला है आयो यह केवल एक भजन की पंक्ति नहीं, बल्कि श्याम बाबा की कृपा का प्रतीक है। जब भक्त बाबा के दरबार में पहुँचते हैं, तो उनके जीवन के सभी रंग जाग उठते हैं प्रेम, श्रद्धा, भक्ति और आनंद के। इस मेले में कोई छोटा-बड़ा नहीं, सब बाबा के समान प्यारे भक्त हैं। खाटू का यह सतरंगी मेला हमें यह सिखाता है कि जीवन में ईश्वर के रंग भर दो, फिर हर दिन एक उत्सव बन जाता है।

Shiv murti

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