थाने में लाखों की डील का खुलासा — दो एसआई सस्पेंड, महिला अफसर पर भी शक
देवास (जनवार्ता) | देवास जिले में पुलिस विभाग की साख को धक्का पहुंचाने वाला एक गंभीर मामला सामने आया है। आरोप है कि साइबर ठगी के 11 आरोपियों से थाने के अंदर ही लाखों रुपए की नकद डील की गई और उन्हें “थाने से ही जमानत” दिलाने की कोशिश की गई। इस पूरे प्रकरण के सामने आने के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया।

मामले की जानकारी मिलते ही एसपी पुनीत गेहलोद ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दो सब इंस्पेक्टरों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। निलंबित अधिकारियों में कमलापुर थाना प्रभारी उपेंद्र नाहर और चापड़ा पुलिस सहायता केंद्र प्रभारी राकेश नरवरिया शामिल हैं। दोनों पर आरोप है कि उन्होंने आरोपियों से मोटी रकम लेकर कार्रवाई से बचाने की कोशिश की।
इसी बीच एक महिला अधिकारी की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है। सूत्रों के अनुसार, यह अधिकारी वर्तमान में इंदौर में पदस्थ है और उस पर भी जांच की आंच पहुंच सकती है। एसपी ने संकेत दिए हैं कि जांच में दोषी पाए जाने पर उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
तीन दिन पहले एसपी ने दोनों अधिकारियों को लाइन अटैच किया था। उपेंद्र नाहर को कन्नौज थाने में भेजा गया था, लेकिन विभागीय जांच के डर से वह वहां रिपोर्ट करने ही नहीं पहुंचे। इसके बजाय उन्होंने बीमार अवकाश (सिक लीव) ले लिया। एसपी को जब इस बात की जानकारी मिली तो उन्होंने तुरंत दोनों अधिकारियों को निलंबित करने के आदेश जारी किए।
पूरे प्रकरण की जांच का जिम्मा एएसपी कन्नौद सौम्या जैन को सौंपा गया है। एसपी पुनीत गेहलोद ने कहा कि जांच निष्पक्ष तरीके से की जाएगी और दोषी पाए जाने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।

