वाराणसी : भारी पुलिस बल के साथ दालमंडी चौड़ीकरण के लिए तोड़फोड़ फिर शुरू

वाराणसी : भारी पुलिस बल के साथ दालमंडी चौड़ीकरण के लिए तोड़फोड़ फिर शुरू

व्यापारियों में आक्रोश

rajeshswari

वाराणसी (जनवार्ता)  | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अगस्त में शिलान्यास की गई दालमंडी मॉडल रोड परियोजना के तहत सोमवार को एक बार फिर ध्वस्तीकरण अभियान चलाया गया। नगर निगम, पीडब्ल्यूडी और पुलिस की भारी फोर्स के साथ बुलडोजर व हथौड़ों से दो मकानों की छत, दीवारें व खिड़कियां तोड़ी गईं।

सुबह से ही दशाश्वमेध, चेतगंज व आदमपुर थानों की पुलिस मौके पर तैनात रही। एसीएम सिटी और वीडीए अधिकारियों ने माइक से बार-बार अनाउंसमेंट कर दुकानदारों से सामान हटाने और दुकानें खाली करने को कहा। ज्यादातर दुकानदार पहले ही अपना सामान बाहर निकाल चुके थे, इसलिए खुलकर विरोध नहीं हुआ, लेकिन व्यापारियों में गहरा रोष है।

परियोजना के लिए कुल 187 मकान-दुकानें चिह्नित की गई हैं और इनके लिए करीब 191 करोड़ रुपये का मुआवजा तय किया गया है। अभी तक सिर्फ 14 दुकानदारों ने मुआवजा स्वीकार कर लिखित सहमति दी है, इसलिए सबसे पहले इन्हीं की संपत्तियां तोड़ी जा रही हैं। अब तक दो मकान पूरी तरह गिराए जा चुके थे, आज दो और पर कार्रवाई हुई।

215.88 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना में दालमंडी को वाराणसी की सबसे सुंदर सड़क बनाने का दावा किया जा रहा है। काशी विश्वनाथ मंदिर के गेट नंबर-4 से महज 100 मीटर दूर यह सड़क बनेगी, जिसके दोनों तरफ 3.2 मीटर चौड़े हरियाली युक्त फुटपाथ होंगे। प्रशासन ने इसका 3D मॉडल वीडियो भी जारी किया है, जिसमें दिल्ली और बेंगलुरु जैसी आधुनिक सड़क दिखाई गई है।

व्यापारियों और अधिवक्ताओं का आरोप है कि 31 मार्च को शासनादेश आने के बाद किसी अधिकारी ने उनसे कोई बात तक नहीं की। 11 नवंबर को समाजवादी पार्टी के चंदौली सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने व्यापारियों से मुलाकात कर अधिक मुआवजा और दुकानें न गिराने की मांग उठाई थी।

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ऐतिहासिक दालमंडी, जिसे अंग्रेज ‘डॉलमंडी’ कहते थे, का बॉलीवुड अभिनेत्री नरगिस की मां जद्दनबाई (संजय दत्त की नानी) और बनारस घराने के मशहूर तबलावादक लच्छू महाराज से गहरा नाता रहा है। अब मॉडल रोड के नाम पर यह इलाका तेजी से बदल रहा है, लेकिन स्थानीय कारोबारी अपनी आजीविका को लेकर चिंतित हैं।

परियोजना पूरी होने पर काशी विश्वनाथ मंदिर के ठीक सामने विश्वस्तरीय सड़क श्रद्धालुओं को मिलेगी, मगर फिलहाल हथौड़ों की गूंज और धूल के बीच व्यापारियों का मौन विरोध जारी है।

Shiv murti

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