एसटीएफ : फ़ेंसीडिल कफ सिरप की तस्करी करने वाले गिरोह का सरगना गिरफ्तार
दुबई भाग चुके मास्टरमाइंड का खुलासा

लखनऊ (जनवार्ता) । उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने कोडीन युक्त फेंसीडिल कफ सिरप की बड़ी तस्करी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह पर गुरुवार सुबह गोमती नगर के गोमती चौराहे के पास निर्णायक कार्रवाई की। गिरोह का मुख्य सरगना अमित कुमार सिंह उर्फ अमित टाटा (35 वर्ष), मूल रूप से जौनपुर का रहने वाला और अभी वाराणसी के सिकरौल में रह रहा था, को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से लग्जरी फॉर्च्यूनर कार (UP-65 FN 9777), दो मोबाइल फोन, आधार कार्ड, 4500 रुपये नकद और कई संदिग्ध दस्तावेज बरामद हुए हैं।
पूछताछ में अमित टाटा ने सनसनीखेज खुलासे किए। उसने कबूल किया कि वह वाराणसी के शुभम जायसवाल गैंग का सक्रिय सदस्य था। इस गैंग ने धनबाद (झारखंड) और बनारस में उसके नाम पर दो फर्जी फार्मा फर्में (देवकृपा मेडिकल एजेंसी और श्री मेडिकल) खोल रखी थीं। इन फर्जी कंपनियों के जरिए एबॉट कंपनी से 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की फेंसीडिल कफ सिरप खरीदी गई। अधिकांश माल फर्जी बिल और ई-वे बिल बनाकर पश्चिम बंगाल व बांग्लादेश के नशे के कारोबारियों को तस्करी कर बेचा जाता था। अमित को इस धंधे से अब तक 28-30 लाख रुपये का मुनाफा हुआ, जो नकद मिलता था और वह अपनी पत्नी साक्षी सिंह के खाते में जमा कर देता था।
सबसे बड़ा खुलासा यह हुआ कि गैंग का मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल पुत्र भोला प्रसाद जायसवाल (प्रहलाद घाट, वाराणसी) अपने पार्टनर्स वरुण सिंह, गौरव जायसवाल और पूरे परिवार के साथ कुछ महीने पहले दुबई भाग चुका है। वह वहीं से फेसटाइम के जरिए पूरे गैंग को निर्देश देता रहा है। अमित ने यह भी आरोप लगाया कि एबॉट कंपनी के कुछ अधिकारी इस अवैध कारोबार में शामिल थे और फर्जी फर्मों को भारी मात्रा में सिरप सप्लाई करते थे।
इससे पहले इसी गैंग के दो सदस्य विभोर राणा और विशाल सिंह को 12 नवंबर को सहारनपुर से, वहीं सौरभ त्यागी सहित कई लोगों को रांची और गाजियाबाद से गिरफ्तार किया जा चुका है। अमित टाटा पर हत्या के प्रयास, आर्म्स एक्ट और धमकी जैसे कई गंभीर मामले पहले से दर्ज हैं और वह वाराणसी-जौनपुर क्षेत्र में कुख्यात अपराधी माना जाता है।
मामला लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी थाने में दर्ज मुकदमा संख्या 182/2024 (धारा 420, 467, 468, 471, 120B, 201 भादवि) से जुड़ा है। अभियुक्त को उक्त मुकदमे में गिरफ्तार दिखाकर आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक लाल प्रताप सिंह के नेतृत्व में निरीक्षक अंजनी कुमार पाण्डेय, आदित्य कुमार सिंह और उनकी टीम ने यह सफलता हासिल की है। उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर एसटीएफ और खाद्य एवं औषधि विभाग की संयुक्त टीम कोडीन युक्त दवाओं की तस्करी पर लगातार सख्ती कर रही है।

