काशी तमिल संगमम् 4.0 : नमो घाट पर बच्चों ने सीखी तमिल भाषा और संस्कृति
पेंटिंग से सजाई काशी की छवि

वाराणसी (जनवार्ता)। काशी तमिल संगमम् 4.0 के चौथे दिन बुधवार को नमो घाट पर “लेट्स लर्न तमिल – तमिल करकलाम” थीम के तहत बच्चों के लिए विशेष शैक्षणिक सत्र का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य उत्तर और दक्षिण भारत की सांस्कृतिक एकता को मजबूत करते हुए बच्चों को तमिल भाषा, लोककथाओं और दक्षिण भारतीय परंपराओं से रू-ब-रू कराना था।

सुबह 10 बजे शुरू हुए पहले सत्र में श्री राम पब्लिक स्कूल, मारुति नगर कॉलोनी, लंका के करीब 30 छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। बच्चों को सबसे पहले तमिल लोककथा सुनाई गई, जिसमें तमिल संस्कृति की समृद्धि और नैतिक मूल्यों को रोचक ढंग से प्रस्तुत किया गया। इसके बाद “नैतिक सोच विकसित करें” गतिविधि के जरिए बच्चों में मूल्यबोध, निर्णय क्षमता और चरित्र निर्माण पर जोर दिया गया।

सत्र का सबसे आकर्षक हिस्सा रहा “जादुई पात्र” का मनोरंजक प्रदर्शन, जिसे मुग्धा शाह ने प्रस्तुत किया। जादू और कहानी के मिश्रण से बच्चों ने खेल-खेल में गहरी सीख हासिल की। इन सभी गतिविधियों का संचालन स्कूल की शिक्षिकाओं कृष्णा आचार्य, पुनीता सिंह, ज्योति पांडे तथा शिक्षक शिवम सेठ ने किया।
दूसरे सत्र में सेंट अतुलानंद आवासीय अकादमी, शिवपुर के 11 छात्रों ने भाग लिया। सुबह 11 बजे से “वाराणसी के मनोरम घाट” विषय पर पेंटिंग प्रतियोगिता हुई। बच्चों ने अपने ब्रश के जादू से काशी के प्राचीन घाटों, माँ गंगा की लहरों, शाम की आरती और आध्यात्मिक वातावरण को कैनवास पर उतारा। इस सत्र का संचालन शिक्षिका स्वाति सिंह ने किया।
काशी तमिल संगमम् 4.0 के तहत हो रहे ऐसे आयोजन बच्चों के माध्यम से दोनों प्राचीन संस्कृतियों के बीच सेतु बनाने का काम कर रहे हैं। आयोजकों का कहना है कि आने वाले दिनों में भी इसी तरह के रचनात्मक और शैक्षणिक कार्यक्रम जारी रहेंगे।

