शुगर लेवल और कोलेस्ट्रॉल लेवल पर ध्यान देना बेहद जरुरी
उम्र बढ़ने के साथ ही मेटाबॉलिज्म स्लो होने लगता है जिससे मोटापा बढ़ने लगता है। जो ब्लड प्रेशर, डायबिटीज़ जैसी और कई समस्याओं की वजह बनता है। लेकिन अगर आप जरूरी जांच कराते रहें तो वक्त रहते खतरे का पता चल जाता है जिससे आप गंभीर बीमारियों से बचे रह सकते हैं। समय-समय पर हेल्थ चेकअप कराते रहने से हम कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से बचे रह सकते हैं। बॉडी मास इंडैक्स यह बताता है कि कोई व्यक्ति मोटा है, पतला है या नार्मल कैटेगरी की लिस्ट में है। इसकी मदद से यह पता चल सकता है कि पुरुष या महिला का सही वजन क्या होना चाहिए। बीएमआई पर नज़र रख कर आप अपने वजन को डाइट और एक्सरसाइज की मदद से आसानी से कंट्रोल कर सकते हैं। ओवरवेट होने पर आप समय रहते उसे कंट्रोल कर कई गंभीर बीमारियों का खतरा टाल सकते हैं। जान लें कितना बीमआई है खतरनाक।
18.5 – सामान्य से कम वज़न
18.5 – 24.9 सामान्य
25 – 29.9 सामान्य से अधिक वज़न
30 – 34.9 मोटापा
35 – 39.9 अति मोटापा
40 – अस्वस्थ मोटापा
ब्लड शुगर
ग्लूकोज, एक तरह का शुगर है। जो शरीर में ऊर्जा का स्रोत है। इंसुलिन नामक हार्मोन, ग्लूकोज को कोशिकाओं तक ले जाने का काम करता है। ब्लड में ग्लूकोज की बहुत अधिक या बहुत कम, दोनों ही मात्रा सेहत के लिहाज से नुकसानदायक है। अगर आप फास्टिंग पर हैं तो आपका ब्लड शुगर लेवल 70-100 mg/dl के बीच होना चाहिए। लेकिन अगर ये लेवल 100-126 mg/dl पर पहुंच जाए तो ये प्री-डायबिटीज कंडीशन है। और अगर शुगर लेवल 130 mg/dl से ज्यादा पर पहुंच जाता है तो यह काफी खतरनाक माना जाता है।
कोलेस्ट्रॉल शरीर में कोलेस्ट्रॉल की ज्यादा मात्रा
शरीर में कोलेस्ट्रॉल की ज्यादा मात्रा कई बीमारियों को दावत देती है। हमारे शरीर में गुड और बैड दो तरह के कोलेस्ट्रॉल होते हैं। बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ना सेहत के लिहाज से बेहद नुकसानदायक होता है। बॉडी में टोटल कोलेस्ट्रॉल लेवल 200 mg/dl से कम होना चाहिए। एलडीएल यानी बैड कोलेस्ट्रॉल 100 mg/dl से कम, एचडीएल यानि गुड कोलेस्ट्रॉल 60 mg/dl से ज्यादा और ट्राइग्लिसराइड 150 mg/dl से कम होना चाहिए।