वाराणसी में काल भैरव महोत्सव के छठे दिन स्थापित हुए सौ फिट के बटुक भैरव

वाराणसी में काल भैरव महोत्सव के छठे दिन स्थापित हुए सौ फिट के बटुक भैरव
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 वाराणसी | काशी कोतवाल काल भैरव महोत्सव के छठवें दिन सौ फीट के बटुक भैरव स्थापित हुए। काल भैरव महोत्सव अब धीरे-धीरे परवान चढ़ने लगा है। एक लाख आठ हजार पार्थिव भैरव भी तैयार हो रहे हैं और भैरव अष्टमी पर पहली बार काशी में भैरव दीपावली मनाई जाएगी। रामनाथ चौधरी लॉन एक लाख से अधिक दीयों से प्रज्ज्वलित होगा | 

काशी कोतवाल भैरव उत्सव में मैथिली ठाकुर के गीतों पर श्रद्धालु खूब झूमे। हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ प्रस्तुति की शुरुआत की।

मैथिली ठाकुर को सुनने के लिए भारी भीड़ उमड़ी। ‘का लेके शिव के मनाई हो शिव मानत नाही’..भजन में लोग खूब झूमे। 

डॉ. बसंत विजय महाराज ने सोमवार को प्रवचन में कहा कि शास्त्रों में उल्लेख है कि संयम अवस्था से उठकर जागृत अवस्था में भैरव देव को समस्त देवी-देवताओं की शक्तियां प्राप्त हैं, ऐसे जागृत अवस्था के विराट भैरवदेव के दर्शन मात्र से ही सहस्त्रगुणा आशीर्वाद प्राप्त होता है। भैरव देव की श्रद्धामय भक्ति में संस्कार एवं विनय व्यक्ति के हर प्रकार के दुख तो मिटाता ही है, सुख प्रदायक समृद्धि में वृद्धि भी करता है। बाबा विश्वनाथ एवं भगवती अन्नपूर्णा की कृपा से काशी में कोई भी रात्रि में भूखा नहीं सोता है। भक्ति के साथ-साथ इमानदारी से परिश्रम कर आगे बढ़ना चाहिए।

भैरव अष्टमी पर्व अर्थात त्रिकालयोगी भैरव देव के प्राकट्य उत्सव पर बुधवार को भैरव दीपावली मनाई जाएगी। हजारों श्रद्धालु गुरु भक्तों की उपस्थिति में एक लाख दीपों को प्रज्ज्वलित करेंगे। एक लाख भैरव देव की मूर्तियों के समक्ष एक लाख इमरती प्रसाद, पुष्प अर्पण कर धूप, चंदन आदि से पूजन भी किया जाएगा।

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