महाशिवरात्रि के पूर्व नमामि गंगे ने गंगा घाटों पर चलाया स्वच्छता अभियान “
“भगवान शिव देते हैं प्रकृति के संरक्षण का संदेश”
“ गंगाद्वार पर सफाई कर किया शिव की गंगा के निर्मलीकरण का आवाह्न “
वाराणसी | शिव उपासना का पर्व महाशिवरात्रि प्रकृति के संरक्षण का संदेश देता है । भगवान शिव के परिवार का प्रकृति से विशेष लगाव और संबंध माना जाता है ।प्रकृति का साज-संभाल ही शिवत्व है उक्त बातों का संदेश देते हुए महाशिवरात्रि के पूर्व घाटों पर सफाई के लिए नमामि गंगे के सदस्यों ने कमर कस ली है। काशी के घाटों को स्वच्छ रखने के लिए महाशिवरात्रि के एक दिन पूर्व शुक्रवार को गंगाद्वार ललिता घाट से दशाश्वमेध घाट तक विशेष सफाई अभियान चलाया गया । नमामि गंगे व 137 सी ई टी एफ बटालियन (प्रादेशिक सेना) 39 गोरखा राइफल गंगा टास्क फोर्स के जवानों ने संयुक्त अभियान चलाकर घाटों की सफाई के साथ जागरूकता की। स्वच्छता अभियान के तहत गंगा किनारे जगह-जगह पड़े हुए कूड़े कचरे को भी नमामि गंगे के सदस्यों व जवानों ने उनके सही स्थान तक पहुंचाया। घाटों पर श्रमदान के बाद वहां उपस्थित पर्यटकों और आम लोगों को गंगा और घाटों स्वच्छ रखने की शपथ भी दिलाई गई। पतित पावनी मां गंगा की अविरल धारा को निर्मलता के साथ बहने और उनको हमेशा स्वच्छ रखने के लिए सभी संकल्पबद्ध हुए। हर हर महादेव और गंगा मैया की जय के बीच नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला के नेतृत्व में सभी ने ‘सबका साथ हो, गंगा साफ हो’ के नारे संग प्रत्येक काशीवासी को गंगा स्वच्छता से जुड़ने की अपील की संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि शिवरात्रि का पर्व और भगवान शिव का परिवार हमें प्रकृति से जुड़कर उसकी सुरक्षा और संरक्षण , संवर्धन व प्रकृति प्रेम का संदेश देता है। पर्यावरण संरक्षण व प्रकृति पूजा भारतीय संस्कृति के अभिन्न अंग हैं । स्वच्छता अभियान में प्रमुख रूप से काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला, गंगा टास्क फोर्स के सूबेदार पी सी खेदर और टीम, महानगर सह संयोजक बीना गुप्ता, रविंद्र मिश्रा, सुशील प्रजापति, प्रकाश मिश्रा, डॉ सुभाष गुप्ता, शिव यादव, मोहन अवस्थी सहित सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुगण मौजूद रहे ।