G-20 में जिनपिंग को तगड़ा झटका, इटली PM मेलोनी ने दिए BRI से निकलने के संकेत

G-20 में जिनपिंग को तगड़ा झटका, इटली PM मेलोनी ने दिए BRI से निकलने के संकेत
ख़बर को शेयर करे

नई दिल्ली। भारत की मेजबानी में दिल्ली में हुआ जी-20 शिखर सम्मेलन पड़ोसी मुल्क चीन के लिए बड़ा भारी रहा है। शायद चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को पहले ही इस बात का अंदेशा था कि उनकी खुद की हरकतों और गलत नीतियों के चलते जी-20 में जमकर किरकिरी होने वाली और शायद इसी के चलते वो समिट में शामिल न हो सके। जी-20 में भारत के आह्वान पर वर्ल्ड लीडर्स ने नए कॉरिडोर का ऐलान कर दिया, तो चीन की नींद उड़ गई। इसके बाद इटली ने चीन को नया झटका दे दिया।

जी-20 समिट में अलग-थलग पड़ा चीन
नए कॉरिडोर का ऐलान, इटली ने भी दिया झटका
इटली की प्लानिंग ने चीन की नींद उड़ाई

जी-20 में नए कॉरिडोर की घोषणा
जी-20 में भारत और अमेरिका समेत कई देशों ने मिलकर ‘भारत-मिडिल ईस्ट यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर’ का ऐलान किया। इन देशों में भारत, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, यूरोपीय संघ, फ्रांस, इटली, जर्मनी और अमेरिका शामिल हैं। इस इकोनॉमिक कॉरिडोर को चीन की ‘वन बेल्ट, वन रोड’ परियोजना की काट माना जा रहा है।

फिर इटली ने उड़ाई चीन की नींद
नए कॉरिडोर की घोषणा हुई, तो इटली ने चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) परियोजना से हटने के संकेत दे दिए। इतालवी सरकार ने खुले तौर पर बीआरआई से हटने की इच्छा व्यक्त की है। इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने कहा कि चीन की अरबों डॉलर की बुनियादी ढांचा परियोजना से उसे कोई लाभ नहीं हुआ है

इटली के संकेतों से डरा ड्रैगन
हालांकि इटली के संकेतों से चीन बुरी तरह डर चुका है। अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि जी-20 सम्मेलन के बीच में ही चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी से मुलाकात करने पहुंच गए। दोनों ने द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की।

इसे भी पढ़े   Sara-Shubman की सोशल पर सभी फोटो फेक थीं! पहले PM ने किया आगाह अब सारा ने लगाई लताड़

जी20 में चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग के जगह शामिल हुए ली कियांग ने मुलाकात के दौरान अपने देश में निवेश और व्यापार करने के लिए “निष्पक्ष, न्यायसंगत और गैर-भेदभावपूर्ण कारोबारी माहौल” प्रदान करने का वादा किया।

बीआरआई परियोजना क्या है?
अब यदि इटली पीछे हटता है, तो ये फैसला चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की बहु-अरब डॉलर की पसंदीदा परियोजना के लिए किसी शर्मिंदगी से कम नहीं होगा। वो भी तब,जब ऋण स्थिरता को लेकर पहले भी आलोचना हुई है। चीन ने 2013 में दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य एशिया, खाड़ी क्षेत्र,अफ्रीका और यूरोप को भूमि और समुद्री मार्गों के नेटवर्क से जोड़ने के उद्देश्य से बीआरआई परियोजना शुरू की थी।


ख़बर को शेयर करे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *