IAS संजीव हंस को बड़ी राहत, पटना हाईकोर्ट में रेप केस खारिज

IAS संजीव हंस को बड़ी राहत, पटना हाईकोर्ट में रेप केस खारिज
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पटना। बिहार के IAS अधिकारी संजीव हंस को पटना हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज रेप के मामले को रद्द करने का फैसला सुना दिया। ये मामला दानापुर के रूपसपुर थाने में दर्ज था। जस्टिस संदीप कुमार ने 21 जून 2024 को इस मामले में फैसला सुरक्षित रखा था और आज उन्होंने संजीव हंस के पक्ष में फैसला सुनाया। संजीव हंस पर रेप के अलावा भ्रष्टाचार के भी आरोप हैं। इसी सिलसिले में उन्हें हाल ही में बिहार सरकार ने पद से हटा दिया था। भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों की जांच ईडी कर रही है।

बहुत देर से दर्ज हुई FIR-पटना HC
पटना हाईकोर्ट ने रेप केस में देरी से एफआईआर दर्ज होने के कारण उसे रद्द कर दिया है। जस्टिस संदीप कुमार की बेंच ने एफआईआर पर कई सवाल उठाते हुए यह फैसला सुनाया। मामले की सुनवाई जस्टिस संदीप कुमार की अदालत में हुई। उन्होंने कहा कि रेप के इस केस में एफआईआर बहुत देर से दर्ज कराई गई है। उन्होंने एफआईआर में कई खामियां पाईं और उसे रद्द करने का आदेश दिया। पीड़िता के वकील दीनू कुमार ने कहा कि वो हाईकोर्ट के फैसले को अच्छे से समझ रहे हैं। इसके बाद ही आगे क्या कदम उठाना है, इस पर फैसला करेंगे। उन्होंने कहा कि वे हाईकोर्ट के फैसले का अध्ययन कर रहे हैं। इसके बाद आगे की कार्रवाई पर विचार करेंगे। दीनू कुमार ने ये भी कहा कि वह पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट भी जाएंगे। वे सुप्रीम कोर्ट जाकर भी पीड़िता के लिए न्याय मांगेगे।

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रेप केस में IAS संजीव हंस को राहत
संजीव हंस के लिए ये राहत इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि वह कई मामलों में घिरे हुए हैं। रेप केस रद्द होने से उन्हें कुछ सुकून मिली होगी। भ्रष्टाचार के मामले में अभी भी जांच चल रही है। ईडी को उम्मीद है कि जल्द ही इस मामले में भी कुछ अहम सुराग मिलेंगे। संजीव हंस पर आरोप है कि ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव रहते हुए उन्होंने अपनी आय से ज्यादा संपत्ति अर्जित की। ईडी को उनके पास से लगभग 500 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति होने के सबूत मिले हैं, जिसकी जांच अभी जारी है। देश के कई हिस्सों में संजीव हंस की संपत्ति का पता चला है।

रेप से जुड़ा मामला क्या था
आईएएस संजीव हंस और राजद के पूर्व विधायक गुलाब यादव पर महिला ने बलात्कार का आरोप लगाया था। महिला ने कहा था कि कि गुलाब यादव ने पहले उसे अपने फ्लैट पर बुलाकर बलात्कार किया और उसका वीडियो बनाया। फिर इस वीडियो के जरिए उसे ब्लैकमेल कर संजीव हंस के साथ दिल्ली और पुणे के होटलों में भी बलात्कार किया गया। महिला ने ये भी आरोप लगाया था कि बलात्कार के कारण उसे एक बच्चा भी हुआ। महिला ने 2022 में पटना पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस ने FIR दर्ज नहीं की। इसके बाद महिला ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट के आदेश पर जनवरी 2023 में पटना के रूपसपुर थाने में संजीव हंस और गुलाब यादव के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। पटना के एसएसपी ने भी अपनी सुपरविजन रिपोर्ट में संजीव हंस पर लगे बलात्कार के आरोप को सही पाया था। मगर, अब कोर्ट ने एफआईआर को रद्द करने का आदेश दिया है।

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