यमुना नदी में नाव डूबने से 35 लोग लापता, अबतक बाहर निकाले गए तीन शव

यमुना नदी में नाव डूबने से 35 लोग लापता, अबतक बाहर निकाले गए तीन शव

बांदा,  बांदा के मरका घाट से फतेहपुर जा रही नाव यमुना नदी में संतुलन बिगड़ने से डूब गई। उसमें करीब 50 लोग सवार थे, जिसमें बच्चों समेत 20 से 25 महिलाएं भी बताई जा रही हैं। ये महिलाएं रक्षाबंधन पर राखी बांधने के लिए मायके जा रही थीं। प्रशासन द्वारा नाव में सवार करीब 35 लोगों के लापता होने की बात कह रहा और अबतक तीन शव बाहर निकाले गए हैं।

rajeshswari

बांदा जिले के मरका घाट से नाव पर सवार होकर लोग यमुना नदी पार करके फतेहपुर के कउहन जरौली के लिए आते-जाते हैं। गुरुवार की दोपहर करीब तीन बजे नाव पर करीब 40 से 50 लोग सवार होकर यमुना नदी पार कर रहे थे। नाव को मरका निवासी बाबू निषाद पुत्र ननकू चला रहा था।

बीच धारा में पहुंचते ही नाव मोड़ने वाली पतवार टूटने से पानी भरना शुरू हो गया। नाव डूबने का खतरा देखकर कुछ तैराक लोग पहले ही नदी में कूद गए। इस बीच पूरी नाव नदी में समा गई और उसपर सवार महिलाएं और बच्चे लहरों में लापता हो गए। घाट पर खड़े लोगों ने नाव को डूबते देखा तो पुलिस को सूचना दी और गोताखोर भी लोगों को बचाने के लिए नदी में उतर गए। 

गोताखोर बीच नदी तक पहुंचे और कुछ लोगों को बचा लिया, वहीं कई पुरुष तैरकर नदी से बाहर निकल आए। नाविक बाबू निषाद भी तैरकर नदी किनारे पहुंचकर निकल गया। वहीं समगरा गांव निवासी गयाप्रसाद निषाद भी तैरकर बाहर आ गए। लेकिन नाव पर सवार महिलाओं और बच्चों समेत 30-40 लोग लापता हो गए। 

इसे भी पढ़े   UPSSSC: यूपीएसएसएससी ने विश्वविद्यालय व भर्ती बोर्ड के लिए जारी किया आदेश

आसपास के गावों से गोताखोरों ने लापता लोगों की तलाश शुरू की और दो महिलाओं व एक बच्चे का शव बाहर निकाला है। फिलहाल उनकी पहचान नहीं हुई है। पुलिस फोर्स और प्रशासनिक अफसर घाट पर पहुंच गए हैं और जाल डलवाकर बचाव कार्य शुरू कराया है।

नाव पलटने Banda Boat Accident के बाद तैरकर घाट पर पहुंचे समगरा गांव निवासी गयाप्रसाद निषाद ने बताया कि नाव में करीब 50 लोग सवार थे। इसमें 22 महिलाएं व बच्चे भी हैं। तेज हवा के चलते लहर उठी और नाव नदी में डूब गई। वह तैरकर किसी तरह किनारे पहुंचे हैं।

राखी बांधने जा रही थीं महिलाएं

स्थानीय लोग बताते हैं कि नाव पर 20 से 22 महिलाएं व युवतियां सवार थीं। बबेरू तहसील के समगरा गांव के ज्यादातर लोग थे। महिलाएं रक्षाबंधन त्योहार पर राखी बांधने मायके जाने के लिए फतेहपुर जा रही थीं और कुछ महिलाएं राखी बांधकर वापस ससुराल लौट रही थीं। 

नाव में सवार थे क्षमता से ज्यादा लोग

प्रशासन ने नाव में करीब 35 लोगों के सवार होने का दावा किया है। जबकि तैरकर घाट पर पहुंचे समगरा गांव निवासी गयाप्रसाद निषाद की बात पर भरोसा करें तो नाव में करीब 50 लोग सवार थे। इसमें 22 महिलाएं व बच्चे भी थे। 

ढाई घंटे बाद तक नहीं मिला जाल

घटना के करीब ढाई घंटे बाद तक डूबे लोगों की तलाश के लिए जाल तक नहीं मंगवाया जा सका। स्टीमर और स्थानीय गोताखोर ही डूबे लोगों की तलाश में जुटे रहे। बबेरू तहसीलदार अजय कुमार कटियार, सीओ सत्यप्रकाश शर्मा, नायब तहसीलदार अभिनव तिवारी, पूर्व विधायक चंद्रपाल कुशवाहा, बबेरू प्रभारी निरीक्षक अरुण कुमार पाठक समेत पुलिस फोर्स पहुंच गया है।

इसे भी पढ़े   Train Accident: नॉर्थ ईस्ट एक्स बेपटरी होने से मां-बेटी समेत चार की मौत

अपनों की तलाश में बिलखे स्वजन

नाव डूबने की खबर मिलते ही आसपास के गांवों के लोगों की भीड़ घाट पर पहुंच गई। सबकी निगाहें उफनाती यमुना नदी पर टिकी रहीं। अपनों की तलाश में पहुंचे लोग बिलखते रहे। करीब तीन घंटे बाद जिलाधिकारी अनुराग पटेल व एसपी अभिनंदन भी पहुंच गए

Shiv murti

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *