पीएमओ में अधिकारी का भतीजा बताकर ठगी का प्रयास, वाराणसी धमकी सीबीआई

पीएमओ में अधिकारी का भतीजा बताकर ठगी का प्रयास, वाराणसी धमकी सीबीआई
ख़बर को शेयर करे

वाराणसी | प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में तैनात एक वरिष्ठ अफसर का भतीजा बताकर वाराणसी के भदवर निवासी अंकित सिंह ने देशभर के कई अफसर, एनजीओ संचालक और कारोबारियों के साथ ठगी का प्रयास किया। मामला दिल्ली तक पहुंचा और शिकायत सीबीआई से हुई। इस पर सीबीआई ने अंकित के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके जांच शुरू कर दी।

इसी सिलसिले में जांच एजेंसी की एक टीम बनारस भी आई और युवक से जुड़ी जानकारी जुटाई। आरोपी के मोबाइल फोन के कॉल डिटेल रिकॉर्ड के आधार पर 15 से ज्यादा लोगों को रोहनिया थाने में बुलाया गया। सबसे पूछताछ की गई। कुछ लोगों को सरकारी गवाह बनाया जा सकता है।
आरोपी घर छोड़कर फरार
बयान दर्ज कराने के लिए दिल्ली भी बुलाया जा सकता है। फिलहाल, आरोपी घर छोड़कर फरार है। सीबीआई उसकी तलाश में जुटी है। रोहनिया थाना क्षेत्र के भदवर का रहने वाला अंकित सिंह ने एक राजनीतिक दल और एक गैर सरकारी संगठन बना रखा है। वह क्लास वन अफसरों को फोन कर पीएमओ में अपने चाचा के वरिष्ठ अफसर होने का हवाला देता था। साथ ही अलग-अलग मामलों की पैरवी करता था।
सीएसआर के तहत फंड दिलाने का देता था झांसा

इसी तरह गैर सरकारी संगठनों के संचालकों को कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी (सीएसआर) के तहत फंड दिलाने का झांसा देता था। शर्त रखता था कि फंड का 60 फीसदी हिस्सा एनजीओ को देगा और 40 फीसदी खुद रखेगा। शिकायत के आधार पर सीबीआई ने पड़ताल शुरू की। अंकित जिन मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल करता था, उनकी मदद के सहारे सीबीआई की टीम रोहनिया थाने पहुंची।

इसे भी पढ़े   NAVRATRI 2023 - मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आएंगी

अंकित के संपर्क में आए लोगों से विस्तृत जानकारी जुटाने के बाद सीबीआई की टीम दिल्ली लौट गई। इंस्पेक्टर रोहनिया उपेंद्र सिंह ने कहा कि भदवर निवासी अंकित सिंह के जालसाजी के प्रयास की शिकायत के आधार पर सीबीआई की टीम आई थी। संबंधित लोगों से पूछताछ कर टीम दिल्ली लौट गई है।

आरोपी की आर्थिक और पारिवारिक पृष्ठभूमि खंगाली
सीबीआई की टीम के सामने बयान दर्ज कराने के लिए पेश व्यक्ति ने बताया कि अंकित सिंह ने उन्हें भी सीएसआर के तहत फंड दिलवाने का झांसा दिया था। उसके एक रिश्तेदार ने उनसे संपर्क किया था। दूसरी तरफ, जांच एजेंसी की टीम भदवर जाकर अंकित की आर्थिक और पारिवारिक पृष्ठभूमि के बारे में जानकारी जुटाई। इसकी भी तस्दीक की गई कि कहीं वह किसी प्रतिबंधित या गलत संगठन के साथ तो नहीं जुड़ा है।
मांगी थी वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा
जालसाजी के प्रयास का आरोपी अंकित सिंह ने वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा भी मांगी थी। जिला स्तर पर सरकारी गनर लेने के लिए प्रयास किया था। हालांकि, पहले से अंकित के खिलाफ मुकदमे दर्ज होने के कारण पुलिस ने उसके पक्ष में रिपोर्ट नहीं लगाई थी। इसी वजह से उसे सरकारी गनर या वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा नहीं मिल सकी थी। इसके बावजूद वह लखनऊ से लेकर दिल्ली तक दौड़ लगा रहा था। अपनी सुरक्षा के लिए प्रयासरत था।
पैसा न देने के कारण बंद हो गई पार्टी की वेबसाइट
अंकित ने राजनीतिक दल भी बनाया था। इसका नामकरण भारतीय लोकतांत्रिक पार्टी किया गया। पार्टी की वेबसाइट उसने बनारस में ही बनवाई थी। बाद में पैसे का भुगतान नहीं किया और वेबसाइट बंद हो गई। बताया जा रहा है कि आरोपी दिशा-एक नई सोच नामक गैर सरकारी संगठन के संचालक होने का दावा भी करता था। लोगों को अपनी पार्टी और अपने एनजीओ में शामिल कर बड़ा पद देने का झांसा देकर रुपये ऐंठने का प्रयास करता था।
किरण पटेल की गिरफ्तारी के बाद बढ़ी सतर्कता

इसे भी पढ़े   मुनाफावसूली की आंधी में औंधे मुंह गिरकर भारतीय शेयर बाजार हुआ बंद,सेंसेक्स ने 878 अंकों का लगाया गोता

बीते मार्च महीने में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने खुद को पीएमओ का अफसर बताने वाले गुजरात निवासी जालसाज किरण पटेल को गिरफ्तार किया था। इसके बाद पीएमओ की धौंस देकर जालसाजी करने वालों को लेकर नई दिल्ली स्तर से अतिरिक्त सतर्कता बरतनी शुरू हुई।


ख़बर को शेयर करे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *