चीनी बैंक कंगाल,सड़कों पर उतरे लोग,चीनी कम्युनिस्ट पार्टी आरोपों के घेरे में

चीनी बैंक कंगाल,सड़कों पर उतरे लोग,चीनी कम्युनिस्ट पार्टी आरोपों के घेरे में
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बीजिंग। बाहर से चीन जितना संपन्न और विकसित नज़र आता है, भीतर से वहां के आम लोगों की हालत भी किसी भी विकासशील देशों के लोगों की तरह बदतर है। वहां भी निवेश के नाम पर लूट का खुला खेल चलता है, निवेशकों के पैसे डूबते हैं और आर्थिक अपराधों की संख्या कम नहीं है। आरोप ये भी लग रहे हैं कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के कुछ ताकतवर लोग भ्रष्टाचार को संरक्षण दे रहे हैं और उनकी बिल्डरों और डेवलपर्स से मिलीभगत है। इन दिनों ऐसा ही एक मामला वहां चर्चा में है, मीडिया की सुर्खियां बन रहा है और बैंकों की मनमानी के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर आए हैं। मामला बैंक ऑफ चाइना के हेनान ब्रांच का है। बैंक ने घोषणा की कि जितने लोगों के पैसे बैंक में जमा हैं, वे उसे निकाल नहीं सकते, बल्कि ये उनका निवेश माना जाएगा। इस घोषणा के बाद वहां के लोग गुस्से से भर गए और सड़कों पर प्रदर्शन करने को मजबूर हो गए। चीन की सड़कों पर ऐसे उग्र प्रदर्शन हो रहे हैं।

पिछले दिनों हेनान के झोंगझोऊ में बैंक ऑफ चाइना के सामने एक हजार से ज्यादा प्रदर्शनकारी जमा हुए, नारेबाजी की और बैंक की मनमानी के खिलाफ आक्रोश जताया। यह सिलसिला लगातार जारी है। विरोध प्रदर्शन चीन के अलग अलग सूबों में लगातार हो रहे हैं। हेनान में हालत सबसे ज्यादा खराब है। खबरों के मुताबिक बैंक के सामने प्रदर्शन करने वालों को काबू में करने के लिए चीनी प्रशासन और सेना ने सख्ती की,चीनी पीपुल्स आर्म्ड पुलिस फोर्स के जवान सफेद कपड़ों में पहुंचे, यही नहीं, सड़कों पर टैंक तक उतारा गया ताकि लोग बैंक में न घुस सकें।

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हेनान की राजधानी झेंगझोऊ में हालात जब बेकाबू होने लगे और प्रदर्शनकारी हिंसक हो उठे, तो बैंक के मालिकानों ने एलान किया कि बैंक में लोगों के जो जमा पैसे हैं, उनका किश्तों में भुगतान कर दिया जाएगा। हेनान में कई ग्रामीण बैंकों ने लोगों के पैसों को कई महीनों से रोक रखा है। 15 जुलाई को बैंकों को वादे के मुताबिक, लोगों को पहली किश्त देनी थी,लेकिन केवल कुछ ही लोगों को पैसे मिल पाए हैं। इससे ये सवाल भी उठ रहे हैं कि क्या चीनी बैंकों के पास देने के लिए पैसा ही नहीं बचा है। यानी चीनी बैंक दिवालिया हो गए हैं। खबरों के मुताबिक चीन में स्थानीय सरकारों की कमाई का एक बड़ा हिस्सा जमीन को खासतौर पर रियल एस्टटे डेवलपर्स को लीज पर देने से आता है, लेकिन कई प्रोजेक्ट्स के अधूरे पड़े होने से कंस्ट्रक्शन कंपनियों ने नई जमीन नहीं खरीदी है इससे स्थानीय सरकार की कमाई पर असर पड़ा है।

चीनी मीडिया की खबरों में कहा जा रहा है कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग की चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के कुछ ताकतवर लोगों की मिलीभगत से ऐसा हो रहा है और बिल्डरों और डेवलपर्स के साथ इन नेताओं के रिश्ते अच्छे हैं। मोटी डील की भी खबरें आती रही हैं। बैंकों का कहना है कि चीन में घर खरीदारों के लोन न चुकाने की समस्या से तुरंत इसलिए नहीं निपटा जा रहा है, क्योंकि रियल एस्टेट के सीनियर अधिकारियों को छोड़ दिया जाए तो चीन में हर सफल रियल एस्टेट कारोबारी की पहुंच चीनी कम्युनिस्ट पार्टी में बहुत ऊपर तक है। यहां तक कि यह भी कहा जा रहा है कि साधारण रियल एस्टेट डेवलेपर्स को भी अपने कामों को पूरा कराने के बदले में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देनी पड़ती है।

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इन आरोपों में घिरी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी अगर इस मामले को गंभीरता से नहीं लेती तो हालात और बिगड़ सकते हैं। कुछ ताकतवर लोगों के खिलाफ कार्रवाई न करने से पार्टी की छवि बिगड़ रही है और भ्रष्टाचार को संरक्षण देने के आरोप अब सतह पर आने लगे हैं। फिलहाल बैंकों की मनमानी और बदहाली के खिलाफ लोगों का इस तरह सड़कों पर आना और उन्हें कुचलने के लिए सड़कों पर टैंक तक उतार देने की कार्रवाई को लेकर सियासत गर्म है।


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