पीड़िता के परिजनों को एफआईआर मांगना पड़ा महंगा, दीवान ने की मारपीट

पीड़िता के परिजनों को एफआईआर मांगना पड़ा महंगा, दीवान ने की मारपीट

न्याय की गुहार लगाने निकले परिजन

मिर्जामुराद (जनवार्ता)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में स्थित मिर्जामुराद थाना इन दिनों सवालों के घेरे में आ गया है। सोमवार की रात थाने में एक बेहद गंभीर मामला सामने आया, जब एक नाबालिग छात्रा की मां, दादी और पिता को सिर्फ एफआईआर की कॉपी मांगने की “सजा” भुगतनी पड़ी। पीड़िता केई परिजनों का आरोप है कि थाने के ही दीवान (हेड कांस्टेबल) धर्मराज यादव ने न सिर्फ उन्हें गालियां दीं, बल्कि किशोरी के पिता को थप्पड़ मारते हुए उनसे मारपीट भी की। इस दौरान छात्रा की मां और दादी के साथ भी अमर्यादित व्यवहार किया गया।

घटना रात करीब 9 बजे की है जब पीड़ित परिवार मिर्जामुराद थाने पहुंचा था। वे उस मामले की एफआईआर की प्रति मांगने गए थे जिसमें बीते गुरुवार को एक युवक ने 15 वर्षीय छात्रा को बहला-फुसलाकर खेत में ले जाकर अश्लील हरकतें की थीं। आरोप है कि जब परिजनों ने थाने में तैनात दीवान धर्मराज यादव से FIR की कॉपी मांगी, तो उन्होंने बेहद आक्रामक रुख अपनाते हुए कहा कि वह अभी वीआईपी ड्यूटी से लौटे हैं और इस समय एफआईआर नहीं दी जा सकती। इसके बाद वह गाली-गलौज पर उतर आए और विरोध करने पर छात्रा के पिता को थप्पड़ मारते हुए पीटना शुरू कर दिया।

घटनास्थल पर चीख-पुकार मच गई। किशोरी की मां और दादी भी थाने में ही मौजूद थीं, जिनसे दीवान ने कथित तौर पर बेहद अभद्र भाषा में बात की और उन्हें धक्के मारकर थाने से बाहर निकालने की कोशिश की। रोते-बिलखते परिजन अब न्याय की आस में पुलिस के उच्चाधिकारियों से मिलने की तैयारी कर रहे हैं।

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इस घटना की जड़ उस छेड़खानी के मामले में है जो मिर्जामुराद क्षेत्र के एक गांव में सामने आया था। पीड़िता, जो कक्षा 10 की छात्रा है, गुरुवार शाम को जब स्कूल से लौट रही थी, तभी गांव का ही एक युवक उसे बातों में उलझाकर खेत की ओर ले गया और वहां उसके साथ जबरदस्ती करने लगा। किशोरी के शोर मचाने पर आरोपी मौके से भाग गया था। घर पहुंचकर छात्रा ने आपबीती अपनी दादी को सुनाई। अगले दिन शुक्रवार को दादी ने थाने पहुंचकर आरोपी युवक के खिलाफ तहरीर दी, जिसमें कहा गया था कि आरोपी स्कूल आते-जाते उसकी पोती से छेड़खानी करता है और विरोध करने पर कट्टा-बंदूक दिखाकर जान से मारने की धमकी देता है।

पुलिस ने इस मामले में रविवार को कल्लीपुर गांव निवासी दीपक पटेल को गिरफ्तार किया। आरोपी पर आईपीसी की धारा 75(2), 342, 351(2) और पॉक्सो एक्ट की धारा 7/8 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। लेकिन हैरानी की बात यह रही कि आरोपी को पॉक्सो जैसे गंभीर मामले में गिरफ्तार करने के बाद शांति भंग की सामान्य धारा में ही चालान कर दिया गया।

पूरे घटनाक्रम पर जब मिर्जामुराद थाना प्रभारी प्रमोद कुमार पांडे से बात की गई तो उन्होंने कहा, “मैं इस समय राजातालाब में हूं। यह घटना मेरे संज्ञान में नहीं है।”

पीड़ित परिवार अब उच्च अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाने की बात कह रहा है। साथ ही यह सवाल भी उठ रहा है कि यदि एक पीड़िता के परिजनों के साथ थाने में इस तरह का व्यवहार हो सकता है, तो आम जनता की सुरक्षा की गारंटी कौन देगा?

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