वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के लिए पूरी तरह मुस्तैद है दावोस, सुरक्षा के किए गए पुख्ता इंतजाम
दावोस । दावोस में सोमवार से शुरू हुए वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजामात किए गए हैं। यहां पांच हजार सैन्य कर्मियों के अतिरिक्त आम नागरिक भी सुरक्षा कार्यों में हिस्सा ले रहे हैं। इनमें से एक है जैनिक प्लंप। जैनिक प्लंप सेना में भर्ती होना चाहते थे लेकिन कुछ साल पहले उन्हें आइस हॉकी खेलते समय गंभीर चोट लग गई, लेकिन यह भी उन्हें अपने लक्ष्य तक पहुंचने से नहीं रोक सकी। वे बैठक के दौरान संभावित खतरे से निपटने में स्विस सेना की मदद कर रहे हैं। वे ट्रेन निकासी की स्थापना कर रहे हैं ताकि किसी दुर्घटना के दौरान लोगों को निकालने का काम किया जा सके।
किले में तब्दील हुआ शहर
प्लंप उन हजारों सुरक्षा कर्मियों में से हैं जिनमें 5000 स्विस सेना के सैनिक भी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त हजारों की संख्या में पुरुष और महिला पुलिसकर्मी भी तैनात किए गए हैं। इन सभी ने मिलकर इस छोटे से कस्बे को आने वाले एक हफ्ते में दुनियाभर से आने वाले नेताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किले में तब्दील कर दिया है। 26 वर्षिय प्लंप द्वारा स्थापित की गई इवैकुएशन ट्रेन रास्तों के जाम होने की स्थिति में घायलों को निकालने के लिए इस्तेमाल की जाएगी।
पचास सालों में नहीं हुई कोई दुर्घटना
इसी प्रकार सारजेंट और डिप्टी प्लाटून कमांडर गिल रोच भी इस प्रकार का काम कर रहे हैं। उन्होंने अपनी टीम के साथ ग्रिड्स और प्लेटफार्म्स का निर्माण किया है। इसके साथ ही आवश्यकता पड़ने पर उनके पास सैपर्स, रैम्प पॉन्टून्स और बचाव दल की सुविधा भी मौजूद रहेगी। हालांकि अभी तक पिछले पचास सालों से इस बैठक की मेजबानी के दौरान दावोस ने किसी बड़े सुरक्षा मुद्दे का सामना नहीं किया है। आंतरिक सूत्रों के हिसाब से जब विभिन्न दलों के बीच समन्वय की बात आती है तो सैन्य दल हमेशा बेहतर रहा है।
क्रिसमस से पहले शुरू हो गई थी तैयारियां
रोच दावोस के ही रहने वाले हैं और बचपन से ही वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में सेना की वर्दी में कार्य करना चाहते थे। अब वे 21 साल के हैं और अपने बचपन के सपने को पूरा कर रहे हैं। सेना द्वारा की गई अन्य तैयारियों के अतिरिक्त यहां प्लेन क्रैश या आतंकी हमले जैसी बड़ी दुर्घटनाओं का सामना करने के लिए ‘सेन हिस्ट’ का निर्माण किया गया है। किसी भी अप्रीय घटना की स्थिति में दावोस के अस्पतालों में अत्यधिक बोझ पड़ेगा। इससे निपटने के लिए सेना की तुरंत मदद के लिए निरीक्षण एवं बचाव केंद्र की स्थापना की गई है। सेना को सुरक्षा में मदद करने के लिए सर्विस डॉग्स भी उपलब्ध हैं। स्विस सेना के अनुसार उन्होंने क्रिसमस के पहले ही इस बैठक के लिए तैयारियां शुरु कर दी थीं। सरकार ने 10 से 26 जनवरी तक 5000 व्यक्ति तैनात करने के लिए उपलब्ध करवाए हैं।
हवाई हमले से भी निटपने की तैयारी
हवाई क्षेत्र की सुरक्षा के लिए वायुसेना जिम्मेदार है। एयर पुलिस के अतिरिक्त ये फ्लाइट्स और हवाई यातायात पर भी नजर रखेगी। ताकि अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत आने वाले व्यक्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। दावोस के हवाई क्षेत्र में 21 जनवरी से बैठक खत्म होने तक प्रतिबंध लगा दिए जाएंगे।