क्या चीता निरवा के हमले से कूनो नेशनल पार्क में हुई शावकों की मौत? एक्सपर्ट्स के जवाब ने चौंकाया
नई दिल्ली। क्या कूनो पार्क शावकों या फिर यूं कहें कि पूरी टाइगर फैमिली के लिए सुरक्षित नहीं है। दरअसल कुछ महीनो से कूनो रिजर्व लगातार गलत वजहों से सुर्खियों में है। यहां लगातार चीतों (देसी और विदेशी) की मौतें हो रही हैं। आखिर क्या वजह है कि वन्य प्रशासन और इस पार्क के कर्ता-धर्ता कुछ कर नहीं पा रहे हैं। ताजा मामले की बात करें तो 25 नवंबर को मादा चीता निरवा ने शावकों को जन्म दिया था। पार्क के अफसरों ने पहले इनकी संख्या चार बताई थी। लेकिन कुछ देर बाद जैसे ही बाड़े में दो शावकों के क्षत-विक्षत शव मिले, बवाल मच गया। मामले का खुलासा होने के बाद यहां का मैनेजमेंट एक बार फिर सवालों के घेरे में हैं।
कूनो बना टाइगर्स की कब्रगाह?
इस खुलासे के बाद यानी इस दुखद खबर के पता चलने के बाद से यहां मौजूद बाकी चीतों या शावकों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर वन्य जीव प्रेमियों की चिंता बढ़ गई है और लोग कूनो के प्रंबधन पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में अब चीता निरवा पर अपने ही शावकों को मान देने का शक है। क्योंकि शुरुआती जांच में यहां पर बाहरी जानवरों के दखल का एक भी सबूत नहीं मिला है। लेकिन ये सवाल अपनी जगह बना हुआ है कि शावकों के शव क्षत विक्षत अवस्था में कैसे पहुंचें?
एक्सपर्ट के दावे ने किया हैरान
कूनो नेशनल पार्क में दो नवजात शावकों की मौत के मामले में पार्क प्रबंधन ने बड़ा दावा किया है। सीसीएफ उत्तम शर्मा का कहना है कि बिग कैट फैमिली में ऐसा कई बार होता है, जब वे अपने ही बच्चों पर हमला करते हैं। ऐसे में शावकों की मौत की वजह ये भी हो सकती है। हालांकि ये सिर्फ एक अनुमान है। जांच हो रही है। अभी एकदम से किसी नतीजे पर पहुंचना जल्दबाजी होगी।
कूनो में शावकों की किलकारी गूंजने की खुशखबरी सीएम मोहन यादव तक भी पहुंची थी। तब उन्होंने इस खबर को X (पूर्व में ट्विटर) पर साझा किया और अपनी खुशी जताई थी। भारत में चीता पुनर्स्थापन योजना यानी कूनो नेशनल पार्क में चीतों के संरक्षण के प्रयासों को कामयाबी मिलने के दावे किये जाने लगे थे। लेकिन दो शावकों के शव बरामद होने से वन्य जीव प्रेमी निराश हैं। और एक्सपर्ट का ये कहना ही निरवा ने ही बच्चों को मार दिया ये बात भी लोगों को हजम नहीं हो रही है।