3 साल से DPO कर रहा था छेड़छाड़:पीड़िता बोली,EXPOSE करने के लिए खुद वीडियो बनाया
प्रयागराज। कौशांबी के वन स्टॉप सेंटर में जिला प्रोबेशन अधिकारी (DPO) रामनाथ का अश्लीलता करते हुए वीडियो सामने आया था। वीडियो में DPO रामनाथ फाइल पर साइन कराने आई एक महिला कर्मचारी के साथ छेड़छाड़ कर रहा था। उसका हाथ पकड़कर अपनी ओर खींचते हुए दिखाई दे रहा था। यह वीडियो 28 दिसंबर को सामने आया था।
पीड़िता ने DPO की सच्चाई सामने लाने के लिए इस पूरी घटना का वीडियो खुद बनाया था। पीड़िता का कहना है, जब मेरा किसी ने साथ नहीं दिया तब मैंने इस वीडियो को ही अपना हथियार बना लिया और वायरल कर दिया।
2019 से झेल रही थी DPO रामनाथ की हरकतें
इस पूरी घटना के बारे में पीड़िता ने दैनिक भास्कर से बात की। महिला ने बताया कैसे 2019 से वो ये सब झेल रही है। उसने DPO रामनाथ के खिलाफ ऑफिस, पूर्व डीएम, डीएम और परिवार सब जगह शिकायत की लेकिन किसी ने उसकी बात नहीं सुनी। उसके बाद उसने खुद DPO रामनाथ का वीडियो बनाने का प्लान बनाया।
मेरा किसी ने साथ नहीं दिया, उल्टा नौकरी से निकाला गया
पीड़िता ने बताया, “मैंने सितंबर में ये वीडियो सूट किया था लेकिन तब मैंने ये वीडियो वायरल नहीं किया था। मुझे उम्मीद थी कि कोई मेरा साथ जरूर देगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं। उल्टा मुझे ही DPO रामनाथ की झूठी शिकायत पर 24 दिसंबर को नौकरी से निकाल दिया गया। जिसके बाद मैंने ये वीडियो वायरल किया है।”
“मैं DPO रामनाथ की हरकतें बहुत अच्छे से जानती थी। मुझे पता था उसके केबिन मैं जब भी जाओ वो अश्लीलता करेगा जरूर। जिस दिन मुझे उसका वीडियो बनाना था उस दिन मैंने पूरी तैयारी कर रखी थी। अपनी पर्स में मोबाइल को छिपा दिया था। उसके केबिन में जाते ही पर्स को उस कुर्सी पर रखा जो उसका फेस कवर कर रही थी।
उसके बाद DPO रामनाथ के सामने बैठकर फाइल दिखाने लगी। कुछ देर बाद उसने मुझे अपने पास बुलाया। मैं उठकर गई तो उसने मुझे बैड टच करना शुरू कर दिया। पहले उसने मेरे छाती पर हाथ मारा। उसके बाद मेरे गाल छूने लगा। जब मैं जाने लगी तो मेरा हाथ पकड़कर खींचने लगा। किसी तरह से मैं उसके केबिन से बाहर निकल पाई। उसके बाद वीडियो को अपने पास सेव कर लिया।”
उसकी गलत हरकत पर लोग नजरें झुका लिया करते थे
पीड़िता ने बताया, “मैंने दिसंबर 2019 में वन स्टॉप सेंटर पर संविदा कर्मी के तौर पर नौकरी शुरू की थी। 8 हजार रुपए सैलरी दी जाती थी। जब से मैं इस ऑफिस में आई थी तब से DPO रामनाथ की हरकतें झेल रही थी। यहां अकेले मैं ही इस चीज की शिकार नहीं थी।
ज्यादातर औरतों के साथ वो यही सब करता था। यहां सब उसकी सच्चाई जानते थे लेकिन कोई कुछ नहीं बोलता था। सभी को अपनी नौकरी प्यारी थी। यहां केबिन मैं उसको कोई गलत हरकत करते देखता भी था तो नजर झुकाकर चला जाता था।”
“ये सब चीजें उसको और बढ़ावा देती थीं। वो मुझे अश्लील मैसेज भेजता था। कभी भी वीडियो कॉल कर देता था। मुझे अपनी गाड़ी में बैठने के लिए कहता था। मुझसे मेरे गंदे फोटो मांगता था। जब उसका विरोध करती तो मुझको धमकाता था।
बीमार होने पर भी ऑफिस बुला लेता था। कभी भी छुट्टी नहीं देता था। जब मैंने उसके खिलाफ शिकायत की तो उसने डीएम से मेरी झूठ शिकायत कर दी। उसने डीएम से बोला, मैं सही काम नहीं करती हूं। यहां की और महिलाओं से भी गलत बातें करती हूं। जिसके बाद संविदा कर्मी के पद से मुझे हटा दिया गया था।”
मेरी मां-भाई तक ने मेरा साथ नहीं दिया, बस पापा साथ थे
पीड़िता का यह भी कहना है, मैं एक औरत हूं इस बात का एहसास मुझे लोगों ने खूब कराया। मेरे खुद के घर में मेरा साथ नहीं दिया गया। सबको डर था मेरी शादी अभी तक नहीं हुई है कहीं बदनामी हो गई तो क्या होगा। मेरा छोटा भाई और मां मुझे नौकरी छोड़ने के लिए कहते थे। वो लोग कभी ये नहीं कहते थे कि तुम लड़ो हम तुम्हारे साथ हैं। बस मेरे पापा और बड़े भाई ने मेरा साथ दिया है।
पीड़िता का कहना है, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से स्नातक की पढ़ाई पूरी कर गाजियाबाद जिले से MSW (मास्टर ऑफ सोशल वर्क) में मास्टर डिग्री हासिल की। सपना था हिंसा पीड़ित महिलाओं की मदद करना लेकिन क्या पता था खुद ही हिंसा की शिकार हो जाऊंगी।
पीड़ित महिला ने दी तहरीर,आरोपी DPO हुआ गिरफ्तार
बता दें इस मामले में पीड़िता ने प्रोबेशन अधिकारी के खिलाफ प्रयागराज के महिला थाने में तहरीर भी दी थी। वीडियो सामने आने के बाद डीएम सुजीत कुमार ने न्यायिक जांच एडीएम को सौंपी थी। उन्होंने आरोपी अफसर के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की संस्तुति करते हुए शासन को पत्र भेजा था। मंझनपुर पुलिस ने पीड़ित महिला की तहरीर पर केस दर्ज किया था। DPO को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।