सौ सालों तक पानी में तैरता रहेगा फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन
नावों को आसानी से सीएनजी उपलब्ध हो सके, इसके लिए गेल की ओर से खिड़किया घाट पर फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन बनाया गया है। गंगा के बीच बना फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन बाढ़ में भी सौ साल तक बिना किसी परेशानी के तैरता रहेगा।
गंगा में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए जिले में सीएनजी नावों को बढ़ावा दिया जा रहा है। वहीं नावों में सीएनजी रिफिलिंग के लिए खिड़किया घाट पर सीएनजी स्टेशन बनाया गया है। जिले में बाढ़ के दौरान नावों के संचालन पर रोक लगने के बाद स्टेशन को भी बंद कर दिया गया है। सीएनजी स्टेशन बनाने वाली कंपनी मेकॉन लिमिटेड के इंजीनियर्स का कहना है कि ये फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन है, जिससे गंगा में पानी बढ़ने या बाढ़ आने पर वर्षों तक कोई दिक्कत नहीं आएगी। जैसे पानी के जहाजों को विशेष तरीके से तैयार किया जाता है, ये जहाज 100 साल तक आसानी चलते हैं, ठीक उसी तरह सीएनजी स्टेशन भी सालों तक चलेगा। 3.62 करोड़ की लागत से बने सीएनजी स्टेशन से अभी प्रतिदिन 500 नावों को सीएनजी उपलब्ध कराया जा रहा है। वहीं स्टेशन की क्षमता प्रतिदिन एक हजार नावों को सीएनजी उपलब्ध कराने की है।
फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन का निर्माण कराने वाली कंपनी मेकॉन लिमिटेड के इंजीनियर्स ने बताया कि स्टेशन एडवांस तकनीक से बनाया गया है। इसकी संरचना ऐसे की गई है कि गंगा का जलस्तर बढ़े तो सीएनजी स्टेशन की पाइपलाइन प्लेटफार्म के साथ ऊपर व नीचे हो सकेगी। इसमें स्टील की एक विशेष जेटी लगाई गई है, जो गंगा में बाढ़ आने पर इसमें लगे पाइपलाइनों की सुरक्षा करेगी। वहीं बाढ़ के दौरान बढ़ते जलस्तर के साथ स्टेशन पानी में ऊपर तैरता रहेगा। वहीं स्टोरेज के लिए इसकी टंकी घाट के ऊपर बनाई गई है, जो बाढ़ में नहीं डूबेगी। खिड़किया घाट पर बने फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन से बाढ़ के दौरान भी सीएनजी की खपत की जा सकती है। गेल के महाप्रबंधक सुशील कुमार ने बताया कि सुरक्षा को देखते हुए बाढ़ के दौरान नावों के संचालन पर रोक है, लेकिन फ्लोटिंग स्टेशन से हाईफ्लड में भी सीएनजी की आपूर्ति की जा सकती