गर्लफ्रेंड-बॉयफ्रेंड को दोस्त ने दी घर में पनाह,पर वही बन गए काल…
नई दिल्ली। वो कत्ल की ऐसी भयावह वारदात थी, जिसे देखकर पुलिस अफसरों के भी होश उड़ गए। जब कमरे का दरवाजा खोला गया, तो पुलिस को सबसे पहले पैर की उंगलियां दिखाई दीं। मंजर देखकर एहसास हो गया कि यहां कुछ बहुत ज्यादा वीभत्स हुआ है। आगे कदम बढ़ाते ही दो महिलाओं की लाशें मिलीं, जिनकी उम्र 28 से 32 साल के बीच थी। दोनों के ऊपर कई गोलियां चलाई गई थीं और क्राइम सीन ऐसा था कि देखकर किसी की भी रूह कांप जाए। कमरे में हर तरफ खून ही खून फैला हुआ था।
ये लाश थी 28 वर्षीय कंडिस मेजर्स और 32 साल की टेरी सिबेक की, जो इलिनॉय के वेस्ट फ्रैंकफर्ट में रहती थीं। इस डबल मर्डर का पता उस वक्त चला, जब सुबह टेरी का फोन ना मिलने पर उसकी आंटी उसके घर पहुंची और दरवाजे पर खून देखकर सहम गई। जैसे-जैसे पुलिस ने जांच शुरू की, उन्हें एहसास हुआ कि घर में किसी के जबरदस्ती घुसने के कोई निशान नहीं हैं और न ही कोई तोड़फोड़ की गई है।
आखिर उस रात क्या हुआ था?
हालांकि, कार और क्रेडिट कार्ड गायब थे, लेकिन कैश और कीमती गहनों को नहीं छुआ गया था। इससे उन्हें यकीन हो गया कि इन दोनों के हत्यारे जान-पहचाने वाले ही थे। इसके बाद पुलिस ने सुराग तलाशे, कड़ियों को जोड़ा और इन दोनों महिलाओं के कत्ल के इल्जाम में उनके घर में रहने वालीं 19 साल की महिला एफ्टन फेरिस और उसके 29 वर्षीय बॉयफ्रेंड माइकल शालर्ट को गिरफ्तार कर लिया।
अब सवाल था कि आखिर इन चारों के बीच उस रात क्या हुआ था? कंडिस और टेरी ने इस कपल को अपने घर में पनाह दी थी, तो फिर उन्होंने इनकी जान क्यों ली? मामले में पुलिस ने जब एक्टन और माइकल को गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू की, तो एक चौंकाने वाली कहानी सामने आई। एक ऐसी कहानी, जिसमें मामूली चोरी के इल्जाम ने दो चार लोगों की जिंदगी तबाह कर दी।
सीडी और लेडीज टॉप की चोरी
इस कहानी की शुरुआत होती है साल 2008 से, जब एक कॉमन दोस्त के जरिए कंडिस और टेरी की मुलाकात, एफ्टन और माइकल से हुई। देखते ही देखते चारों के बीच गहरी दोस्ती हो गई। एफ्टन और माइकल के पास अपना घर नहीं था, इसलिए कुछ वक्त बाद दोनों कंडिस और टेरी के साथ उनके ही घर में ही शिफ्ट हो गए।
हालांकि, महज एक महीने के भीतर ही इन चारों के रिश्ते में उस वक्त खटास आ गई, जब कंडिस और टेरी ने इस कपल पर चोरी का इल्जाम लगाया। चोरी भी बहुत बड़ी नहीं बल्कि, कुछ म्यूजिक सीडी और लेडीज टॉप की। वो 18 अक्टूबर 2009 का दिन था, जब दोनों ने एफ्टन और माइकल को खूब खरी-खोटी सुनाई और अपने घर से निकाल दिया। हालांकि, बात केवल यहीं खत्म होने वाली नहीं थी।
दोस्त कर घर शराब पी, फिर ले ली जान
उसी रात एफ्टन और माइकल अपने एक दोस्त के घर पहुंचे और वहां जमकर शराब पी। इसके बाद दोनों ने एक सेमी-ऑटोमैटिक पिस्टल ली और वापस कंडिस और टेरी के घर लौट आए। दोनों ने कहा कि वो केवल अपना बचा हुआ सामान लेने आए हैं। दरअसल, इन दोनों की प्लानिंग अपने अपमान का बदला लेने के लिए इन्हें लूटकर भागने की थी। लेकिन, वहां पहुंचकर सबकुछ बदल गया।
माइकल जैसे ही अपने रूम में गया, कंडिस ने एक बार फिर से उसे चोरी के लिए भला-बुरा करना शुरू कर दिया। इस बीच एफ्टन ने देखा कि कंडिस अपने मोबाइल से पुलिस को फोन मिलाने की कोशिश कर रही है। वो तुरंत उसकी तरफ दौड़ी और उसे खींचते हुए रूम के अंदर ले आई। यहां माइकल ने पिस्टल निकाली और कंडिस के ऊपर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं।
कविता में लिखी पूरी वारदात
शोर सुनकर जब टेरी वहां पहुंची तो माइकल ने उसके ऊपर भी फायर कर दिया। उसके सिर पर इस कदर खून सवार था कि उसने इन दोनों महिलाओं पर कई गोलियां चलाईं। इस डबल मर्डर को अंजाम देने के बाद माइकल और एफ्टन कोलोराडो भाग गए। हालांकि, पुलिस उन तक पहुंच गई और इन्हें गिरफ्तार करते हुए उनके पास से खून से सने कपड़े, मृतकों के क्रेडिट कार्ड, आईडी और एक सेमी-ऑटोमैटिक पिस्टल बरामद की।
इस मामले में पुलिस उस वक्त चौंक गई, जब उन्हें मौके से एफ्टन की लिखी एक कविता मिली। इस कविता में उसने वारदात और उसके बाद भागने का जिक्र किया था। यही कविता कोर्ट में उनके अपराध का एक भयानक सबूत बनी। दोनों के ऊपर डबल मर्डर, डकैती और घर में जबरन घुसने का केस चला और 2011 में कोर्ट ने इन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई।