गुड्डू मुस्लिम का ‘हिंदू प्लान’ डिकोड! 63 दिन बाद भी बचे रहने की रणनीति का भंड़ाफोड़

गुड्डू मुस्लिम का ‘हिंदू प्लान’ डिकोड! 63 दिन बाद भी बचे रहने की रणनीति का भंड़ाफोड़
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कौशांबी। लेडी डॉन यानी माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन को पकड़ने के लिए पुलिस और STF की टीम यूपी से बंगाल तक शहर-शहर गांव-गांव की खाक छान रही है, मगर शाइस्ता की अब तक कोई खोज-खबर नहीं मिल पाई है। पूरे 63 दिन से शाइस्ता गायब है। उधर अतीक और अशरफ की हत्या के बाद से पुलिस और जांच एजेंसियों की टीम शाइस्ता की खोज में यूपी का चप्पा-चप्पा छान चुकी है,लेकिन नतीजा अब तक सिफर ही रहा है। पुलिस की नजर खास तौर से प्रयागराज से सटे कौशांबी के दो गांव असरावल खुर्द और असरावल कला पर है, जहां शाइस्ता के पति माफिया अतीक अहमद की पुरानी रिश्तेदारी है। इस बीच,उमेश हत्याकांड के एक और आरोपी गुड्डू मुस्लिम के हिंदू प्लान का खुलासा हुआ है।

गुड्डू मुस्लिम का ‘हिंदू प्लान’
पुलिस को पता चला है कि गुड्डू मुस्लिम ओडिशा में नाम बदलकर छिप रहा है। गुड्डू मुस्लिम ने आयुष चौधरी के नाम से ओडिशा में अपनी असली पहचना छिपाई। इससे पहले लखनऊ में गुड्डू मुस्लिम इसी नाम से छिपा। गुड्डू मुस्लिम अपना नाम आयुष चौधरी का बता कर खुद को बचाता रहा है। पुलिस लगातार गुड्डू मुस्लिम की तलाश के लिए कई राज्यों में छापेमारी कर रही है। हालांकि,अब तक उसको पकड़ा नहीं जा सका है।

क्यों नहीं मिल रहा शाइस्ता का सुराग?
खास बात है कि कौशांबी से सटे कई गांव मुस्लिम बहुल इलाके हैं। ऊपर से शाइस्ता परवीन के बुर्के में रहने के कारण पुलिस के लिए उसे ढूंढ पाना और भी मुश्किल हो रहा है। शाइस्ता कहां छिपी है? उसे छिपाने और बचाने में कौन उसकी मदद कर रहा है। शाइस्ता के सर्च ऑपरेशन में जुटी पुलिस और STF की टीम अब उसके मददगारों की पहचान कर रही है।

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लेडी ब्रिगेड निभा रही अहम किरदार
शाइस्ता की तलाश में यूपी के उमरी, मरियाडीह, केसरिया, चकिया,कसारी मसारी, बमरौली और कौशांबी के कई गांवों के लोगों से पूछताछ की गई है। इन इलाकों में पुलिस की पूछताछ के दौरान एक बड़ा खुलासा हुआ है। पता चला है कि शाइस्ता परवीन को छिपाने और बचाने में उसकी लेडी ब्रिगेड का बड़ा हाथ है। इस लेडी ब्रिगेड में 9 मेंबर बताए जा रहे हैं।

खबरों के मुताबिक, यूपी के कौशांबी में छापेमारी के दौरान पुलिस ने 9 महिलाओं को हिरासत में लिया है। पुलिस ने इन 9 महिलाओं से कई घंटे तक पूछताछ की है। माना जा रहा है कि ये वही महिलाएं हैं, जिन्होंने शाइस्ता को शरण दे रखी थी और पिछले दो महीनों से शाइस्ता की ढाल बनी हुई थीं। इन्होंने ना सिर्फ शाइस्ता को सुरक्षित छिपा रखा था, बल्कि पुलिस की नजरों से भी अब तक बचाकर रखा था।

शाइस्ता की इस लेडी ब्रिगेड ने अतीक की बहन आयशा नूरी को भी पुलिस की पहुंच से दूर किए हुए हैं। आयशा पर उमेश पाल के हत्यारों को छिपाने और फरार होने में मदद करने का आरोप है। हालांकि,आयशा नूरी लगातार प्रयागराज की सीजेएम कोर्ट में सरेंडर की एप्लिकेशन दे रही है। मगर आयशा की एप्लिकेशन पर बार-बार सुनवाई टलती जा रही है।

गौरतलब है कि शाइस्ता के साथ अशरफ की पत्नी जैनब फातिमा की तलाश भी तेजी से की जा रही है क्योंकि पुलिस का मानना है कि शाइस्ता को जैनब की लोकेशन का पता होगा। अतीक और अशरफ की हत्या के बाद से ही शाइस्ता और जैनब के सामने आने का इंतजार है।

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इससे पहले पुलिस ने शाइस्ता परवीन की फरारी में मदद करने वाले सात वकीलों और 20 दूसरे मददगारों की भी पहचान की है। ये वो 27 करीबी लोग हैं,जो शाइस्ता परवीन को आर्थिक तौर पर भी मदद कर रहे थे। इन सभी से पुलिस जल्द ही पूछताछ करने वाली है। जिसके बाद कई बड़े खुलासे हो सकते हैं और बहुत हद तक मुमकिन है कि शाइस्ता का ठिकाना भी मिल जाए।


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