15 दिन में पति-पत्नी और पोती ने दम तोड़ा,दो बेटे ICU में;8 मेंबर्स की बिगड़ी थी तबीयत

15 दिन में पति-पत्नी और पोती ने दम तोड़ा,दो बेटे ICU में;8 मेंबर्स की बिगड़ी थी तबीयत
ख़बर को शेयर करे

प्रयागराज। प्रयागराज में ड्रॉप्सी बीमारी से 15 दिनों में एक परिवार के 3 लोगों की मौत हो गई है। इसमें पति-पत्नी और पोती शामिल हैं। जबकि दो बेटों की हालत गंभीर है। दोनों ICU में भर्ती हैं। बहू का भी जनरल वार्ड में इलाज चल रहा है। इसके अलावा दो बच्चों की हालत में सुधार होने पर अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। घटना मऊआइमा की है।

डॉक्टरों का कहना है कि यह सभी ड्राप्सी (खराब या मिलावटी सरसों के तेल के सेवन से होने वाली बीमारी) नामक बीमारी से पीड़ित हैं। SRN अस्पताल में डॉक्टरों की विशेष टीम उनके इलाज में लगी है। पीड़ित परिवार मऊआइमा के जोगीपुर फतेह शाह का पूरा गांव का रहने वाला है। स्वास्थ्य विभाग और खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम की मामले की जांच में जुट गई है।

एक-एक कर तीन मौतों से सहमा पूरा गांव
जोगीपुर गांव के रहने वाले सहदेव के परिवार में 8 लोग थे। इसमें सबसे पहले 11 वर्षीय तमन्ना बीमार हो गई। अचानक उसके हाथ और पैर में सूजन होने लगा। परिवार के लोग जब तक समझ पाते तब तक 28 जनवरी को उसकी मौत हो गई है। इसके बाद परिवार के मुखिया सहदेव (60 वर्ष) और उनकी पत्नी जानकी देवी की तबीयत बिगड़ने लगी। 12 फरवरी को पति-पत्नी की मौत हो गई। इसके बाद गांव और घर के लोग सहम गए। गांव के प्रधान ने मामले की जानकारी सीएचसी अधीक्षक को दी।

सूचना पाकर सीएचसी अधीक्षक डॉ. रामगोपाल वर्मा पहुंचे और वह पूरा मामला समझ गए। इसी बीच परिवार में पांच और सदस्य भी अस्वस्थ होने लगे। पांचों को तत्काल SRN हास्पिटल में भर्ती कराया गया। यहां रामकुमार, उनकी पत्नी ललिता देवी और भाई इंद्र कुमार 15 दिनों से इलाज चल रहा है। जबकि दो बच्चों आयुष और महक की हालत में सुधार होने पर डिस्चार्ज कर दिया गया है।

इसे भी पढ़े   अतीक अहमद के बेटे को नेपाल पहुंचाने वाले कारोबारी को एसटीएफ ने उठाया, पूछताछ जारी

रिपोर्ट में ड्रॉप्सी बीमारी की हुई पुष्टि
सीएचसी अधीक्षक डॉ. रामगोपाल वर्मा ने बताया,”पीड़ित परिवार के सैंपल जांच के लिए राजकीय लैब भेजा गया था। इसकी रिपोर्ट भी आ चुकी है। इसमें ड्रॉप्सी बीमारी होने की पुष्टि हुई है।’

सहायक आयुक्त (खाद्य) ममता चौधरी ने दैनिक भास्कर को बताया कि पीड़ित परिवार ने सरसों का तेल बाहर से नहीं लिया था बल्कि उसके खेत का सरसो है। संभावना है कि उस परिवार के खेत में आर्जीमोन आदि खरपतवार रहे हों जिससे यह दिक्कत हुई है। रिपोर्ट में पुष्टि हुई है कि परिवार ड्रॉप्सी नामक बीमारी से ग्रसित है।

शरीर में लाल चकत्ते और खून कमी होने लगती है
डॉ. रामगोपाल बताते हैं कि ड्राप्सी बीमारी में शरीर में खून की कमी होने लगती है। शरीर में अलग-अलग चकत्ते पड़ने लगते हैं। पैर में सूजन होने लगता है। उसमें घाव भी हो जाता है। आंखों में खुजली व दर्द होने लगता है। बुखार,सांस लेने में तकलीफ महसूस होती है। इसका असर धीरे- धीरे शरीर होता है।

विषैले सरसों तेल के सेवन से होती ड्रॉप्सी नामक बीमारी
एक्सपर्ट बताते हैं कि विषैले सरसों के बीज या उससे निकले तेल के सेवन से ड्रॉप्सी नामक बीमारी होती है। शरीर में विशेषकर पैरों, एड़ियों और टांगों में सूजन आना इसके लक्षण हैं। इसलिए संबंधित क्षेत्रों में यदि किसी भी व्यक्ति ने खुली सरसों या उससे निकलवाए तेल का पिछले दिनों सेवन किया है और उनके शरीर में ऐसे लक्षण दिख रहे हैं तो उन्हें तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर अपना इलाज करवाना चाहिए।

इसे भी पढ़े   Google Map को फॉलो करते करते अमेरिका के शख्स ने पकड़ा गलत रास्ता,20 फीट नीचे गिरा

जौनपुर में हुई थी चार लाेगाें की मौत
ड्राप्सी को बहुत ही रेयर बीमारी है। साल 2018 में जौनपुर में एक ही परिवार के 7 लोग ड्राप्सी नामक बीमारी की चपेट में आ गए थे। इसमें एक महीने के अंदर चार लोगों की मौत हो गई थीं। जबकि दो लोगों को KGMU लखनऊ में भर्ती कराया गया था। इसके बाद प्रदेश के सभी जिलों में अलर्ट किया गया था।


ख़बर को शेयर करे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *