गोरखपुर में कई मुस्लिम वार्डों के नाम बदले,अली नगर बना आर्य बाजार,देखें पूरी लिस्ट
गोरखपुर। गोरखपुर नगर निगम के परिसीमन के प्रारुप को शासन की मंजूरी मिल गई है। इस परिसीमन में 32 गांवों को नगर निगम में शामिल किया गया है। इन गांवों के नगर निगम में शामिल होने के बाद वार्डों की संख्या 70 से बढ़कर 80 हो गई है। नए बने दस वार्डों के साथ 40 पुराने वार्डों का नाम महापुरषों और शहीदों के नाम पर रखा गया है। इनमें भगत सिंह,राम प्रसाद बिस्मिल,अशफाक उल्ला खान,फिराक गोरखपुरी,दिग्विजयनाथ, मत्स्येंन्द्र नाथ के नाम पर भी कई वार्डों के नाम होंगे।
गोरखपुर में बड़ा फैसला
अब इन नामों को लेकर आपत्तियां मांगी जाएंगी. आपत्तियों का निस्तारण कर परिसीमन को अंतिम मंजूरी दे दी जाएगी। योगी आदित्यनाथ जब पहली बार 1998 में सांसद बने थे। उसी के बाद गोरखपुर के तीन बाजारों का नाम बदल दिए थे।अली नगर को आर्य बाजार, मियां बाजार को माया बाजार कर दिया गया था। तीसरा बाजार उर्दू बाजार जिसे अब हिंदी बाजार कहा जाता है। अभी तक इन वार्डों के नाम अलीनगर, तुर्कमानपुर, मिया बाजार थे। अब इन वार्डों का नाम भी नगर निगम द्वारा बदला जा चुका है।
इन महापुरुषों के नाम शामिल
अब नगर निगम में शामिल हुए दस वार्डों के नए नाम बाबा राघव दास, बाबा गम्भीरनाथ नगर,रानीडीहा,मदन मोहन मालवीय,बड़गो,संझाई,डॉ.राजेन्द्र प्रसाद नगर,मत्स्येन्द्र नाथ,मोहनपुर रखा गया है। वहीं,कई पुराने वार्डों का नाम बदला गया है। पुर्दिलपुर का नाम विजय चौक, जनप्रिय विहार का नाम दिग्विजयनाथ किया गया है।
मोहद्दीपुर बना भगत सिंह वार्ड
इसी तरह मुफ्तीपुर वार्ड अब घंटाघर के नाम से जाना जाएगा। घोषीपुरवा का नाम राम प्रसाद बिस्मिल और बिछिया जंगल तुलसी राम पूर्वी का नाम शहीद शिव सिंह क्षेत्री के नाम से जाना जाएगा। इसी तरह शेखपुर वार्ड गीता प्रेस के नाम से जाना जाएगा। रेलवे कालोनी वार्ड का वजूद खत्म कर इसे नए नाम के रूप में मैत्रीपुरम नाम दिया गया है। नौसढ़ इलाके के मोहल्लों को शामिल कर मत्स्येन्द्र नगर किया गया है। वहीं,मोहद्दीपुर का नाम बदलकर भगत सिंह कर दिया गया है।