कश्मीर मुद्दा उठाने को लेकर Pakistan पर बरसा भारत, बोला…

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नई दिल्ली। भारत ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कश्मीर का मुद्दा उठाने पर पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी द्वारा न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक के दौरान कश्मीर मुद्दा उठाए जाने पर उनकी आलोचना की है।

भारतीय विदेश मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि एक देश जिसने अल-कायदा नेता ओसामा बिन लादेन की मेजबानी की हो और अपने पड़ोसी देश की संसद पर हमला किया हो, उस मुल्क के पास संयुक्त राष्ट्र में “उपदेश” देने की साख नहीं है।

भारत ने दिया पाकिस्तान को करारा जवाब
जयशंकर ने यूएन में ‘अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा तथा सुधारित बहुपक्षवाद के लिए नयी दिशा’ विषय पर बहस की अध्यक्षता करते हुए कहा, “संयुक्त राष्ट्र की विश्वसनीयता हमारे समय की प्रमुख चुनौतियों के प्रभावी प्रतिक्रिया पर निर्भर करती है-“चाहे वह महामारी हो,जलवायु परिवर्तन, संघर्ष हो या आतंकवाद। जबकि हम सबसे अच्छे समाधान को ढूंढते हैं, तो हमारे भाषण को कभी भी इस तरह के खतरों का सामान्यीकरण नहीं करना चाहिए। दुनिया जिसे अस्वीकार्य मानती है,उसे सही ठहराने का सवाल ही नहीं उठता।”

उन्होंने आगे कहा-“यह जाहिर तौर पर सीमा पार आतंकवाद के राज्य प्रायोजन पर लागू होता है। न ओसामा बिन लादेन की मेजबानी करना और ना ही पड़ोसी देश की संसद पर हमला करना इस परिषद के सामने उपदेश देने के लिए प्रमाणिकता के रूप में काम कर सकता है।”

गौरतलब है कि पड़ोसी मुल्क समय समय पर वैश्विक मंचों पर कश्मीर मुद्दे को उठा चुका है। अपनी इसी पुरानी आदत के चलते उसने फिर से बुधवार को न्यूयॉर्क में UNSC की बैठक में ऐसा किया। पाक विदेश मंत्री ने कहा, “अगर आप बहुपक्षवाद की सफलता देखना चाहते हैं तो आप कश्मीर की बात आने पर UNSC के प्रस्ताव को लागू करने की अनुमति दे सकते हैं। आप बहुपक्षवाद को सफल साबित करें, आप साबित करें कि आपकी (भारत) अध्यक्षता में UNSC सफल हो सकती है और हमारे क्षेत्र में शांति प्रदान कर सकती है।”

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उन्होंने आगे कहा कि “परिषद को संघर्षों और विवादों को हल करने की कोशिश करनी चाहिए। इसे विदेशी कब्जे और आत्मनिर्णय के लिए लोगों के अधिकारों की मान्यता के दमन जैसे संघर्षों के अंतर्निहित कारणों को संबोधित करना चाहिए।”


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