ऐतिहासिक भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता: नए भारत की वैश्विक छलांग – पीयूष गोयल

ऐतिहासिक भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता: नए भारत की वैश्विक छलांग – पीयूष गोयल

भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापक आर्थिक एवं व्यापार समझौता (सीईटीए) भारतीय किसानों, मछुआरों, कारीगरों और छोटे व्यवसायियों को वैश्विक बाजारों में पहचान दिलाते हुए रोजगार और निवेश के नए अवसर सृजित करेगा। यह समझौता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “विकसित भारत 2047” विज़न का अहम हिस्सा है, जो वैश्विक साझेदारी के ज़रिए आर्थिक विकास को गति देने की रणनीति पर आधारित है।

वर्ष 2014 से मोदी सरकार ने वैश्विक निवेशकों का भरोसा जीतते हुए ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, यूएई जैसे देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते किए हैं। सीईटीए भी इसी श्रृंखला का हिस्सा है, जो भारत की वैश्विक छवि को सशक्त करता है। यह समझौता 99 प्रतिशत टैरिफ लाइनों पर शुल्क समाप्त कर भारत को ब्रिटेन में बेहतर बाजार पहुंच दिलाएगा। अनुमान है कि वर्ष 2030 तक भारत-ब्रिटेन व्यापार दोगुना हो सकता है। फुटबॉल, खिलौने, कपड़ा, चमड़ा, आभूषण और रसायन जैसे क्षेत्रों में निर्यात बढ़ने से लाखों रोजगार के अवसर बनेंगे।

कृषि क्षेत्र के लिए यह समझौता विशेष रूप से लाभकारी है। 95 प्रतिशत से अधिक कृषि उत्पादों पर शुल्क मुक्त पहुंच मिलने से हल्दी, इलायची, आम का गूदा, दालें आदि ब्रिटिश बाजार में आसानी से पहुंच सकेंगी, जिससे किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। वहीं, सरकार ने डेयरी, सेब, खाद्य तेल जैसे संवेदनशील उत्पादों को इस समझौते से बाहर रखा है ताकि घरेलू किसानों के हित सुरक्षित रह सकें।

सेवाओं के क्षेत्र में भी यह समझौता भारतीय आईटी, शिक्षा, योग, संगीत और पाक कला जैसे पेशों से जुड़े लोगों को ब्रिटेन में नए अवसर देगा। विशेष रूप से सामाजिक सुरक्षा अंशदान में छूट जैसी व्यवस्थाएं भारतीय सेवा प्रदाताओं की प्रतिस्पर्धा को बढ़ाएंगी।

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यह समझौता उपभोक्ताओं के लिए भी लाभकारी होगा, क्योंकि इससे उच्च गुणवत्ता युक्त वस्तुएं उन्हें प्रतिस्पर्धी कीमतों पर मिल सकेंगी। सरकार ने गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों, हितधारकों से परामर्श और संतुलित नीति के ज़रिए यह सुनिश्चित किया है कि घरेलू उद्योग भी संरक्षित रहें।

सीईटीए भारत की आर्थिक कूटनीति में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है। यह न केवल देश के व्यापारिक हितों को सुरक्षित करता है, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत की नई पहचान को भी स्थापित करता है। यह नया भारत है, जो आत्मविश्वास के साथ दुनिया से व्यापार कर रहा है।

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