अगले दो हफ्ते में परमाणु हथियार बना सकता है ईरान,अमेरिका ने किया चौंकाने वाला दावा

अगले दो हफ्ते में परमाणु हथियार बना सकता है ईरान,अमेरिका ने किया चौंकाने वाला दावा
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अमेरिका। ईरान अगले दो हफ्ते में परमाणु हथियार बना सकता है। इस बात का दावा अमेरिका ने किया है। अमेरिका के अनुसार ईरान के पास दो सप्ताह के भीतर परमाणु हथियार विकसित करने के लिए पर्याप्त सामग्री है। अमेरिकी डिफेंस मिनिस्ट्री ने स्ट्रटेजी फॉर काउंटरिंग वेपन्स ऑफ मास डिस्ट्रक्शन रिपोर्ट 2023 में यह चौंकाने वाला दावा किया गया है।

रिपोर्ट के अनुसार,ईरान के पास रिकॉर्ड समय में हथियार बनाने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा और तकनीकी जानकारी है। साथ ही ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम से जुड़ी जानकारियां नहीं दे रहा है। साथ ही,ईरान का यूरेनियम का उत्पादन परमाणु हथियार बनाने के लेवल तक पहुंचता जा रहा है। ऐसे में ईरान बेहद कम समय में एटमी हथियार बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री बना सकता है।

नहीं मिल पा रही सही जानकारी
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि ईरान परमाणु संयंत्रों में कई महत्वपूर्ण स्थलों पर कैमरे लगाने की अनुमति भी नहीं दे रहा है। इसलिए इस बात का अंदाजा नहीं लग पा रहा है कि वह किस स्तर का यूरेनियम शोधन कर रहा है। गौरतलब है कि मई 2023 में सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा हुआ था कि ईरान पहाड़ों के नीचे परमाणु हथियार बना रहा है।

पहाड़ों में खुदाई कर रहा ईरान
समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान में जागरोस के पहाड़ों में टनल खोदते कुछ मजदूर दिखाई पड़ रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि यह जगह ईरान की न्यूक साइट नातांज के बेहद नजदीक है। दुनिया में परमाणु हथियारों और परमाणु कार्यक्रम की निगरानी करने वाली संस्था ‘इंटरनेशनल एटमिक एनर्जी एजेंसी’ ने हाल ही में कहा है कि ईरान ने यूरेनियम को 84% तक इनरिच हासिल कर ली है। ऐसे में उसे परमाणु बम बनाने के लिए आवश्यक 90% से थोड़ा ही कम है।

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2 दशक से परमाणु शक्ति बनना चाह रहा ईरान
बता दें कि ईरान बीते 2 दशक से ज्यादा समय से परमाणु शक्ति बनने की कोशिश कर रहा है। हालांकि पश्चिमी देश नहीं चाहते कि ईरान परमाणु शक्ति से लैस हो। ऐसे में साल 2015 में ईरान की अमेरिका, चीन, जर्मनी, ब्रिटेन, रूस, फ्रांस के साथ मिलकर एक डील हुई थी। इस समझौते का मतलब था कि ईरान परमाणु हथियार न बना सके। लेकिन 2018 में अमेरिका के समझौते से बाहर आने से यह समझौता निष्प्रभावी हो गया। उसी के बाद ईरान ने अपना यूरेनियम शोधन का स्तर बढ़ाना शुरू कर दिया और आइएईए को सूचनाएं उपलब्ध कराना बंद कर दिया।


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