Javed Akhtar और Gulzar ने फैन से मुलाकात की एक घटना को याद करते हुए खूब लगाए ठहाके

Javed Akhtar और Gulzar ने फैन से मुलाकात की एक घटना को याद करते हुए खूब लगाए ठहाके
ख़बर को शेयर करे

नई दिल्ली । मशहूर गीतकार गुलजार (Gulzar) और जावेद अख्तर (Javed Akhtar) की एक तस्वीर को देखकर फिल्म निर्माता करण जौहर ने लिखा था, 116 चांद की रातें एक तरफ और यह तस्वीर एक तरफ! इन दोनों गीतकारों के सदाबहार गानों की फेहरिस्त, रात में आसमान में फैले उस सितारे की तरह है जिससे गिनने से ज्यादा फायदा उसे निहारने (सुनने) में है। दोनों की शख्सितय इतनी बड़ी है कि शब्दों में बयां कर पाना नामुमकिन सा लगता है। ऐसे मौके कभी-कभी आतें हैं जब दोनों लोग एक साथ मंच साझा करें। कुछ दिनों पहले ऐसा ही एक मौका आया जब लेखक अरविंद मंडलोई द्वारा जावेद अख्तर की जिंदगी पर लिखी गई किताब ‘जादूनामा’ को मुंबई में रिलीज किया गया।

इस फंक्शन में ‘जादूनामा’ किताब का विमोचन करने के लिए गुलजार साहब को भी बुलाया गया था। किताब विमोचन से पहले दोनों गीतकारों ने कई काफी दिलचस्प किस्से सुनाए। गुफ्तगू के दौरान दोनों ने एक विचित्र शिकायत लोगों के सामने साझा किए। दरअसल, कभी-कभी गुलजार शाहब के फैंस, जावेद अख्तर को देखकर गुलजार समझे लेते हैं और कभी कभार जावेद अख्तर के फैंस, गुलजार को देखकर जावेद अख्तर समझने की भूल कर बैठते हैं। इस अजीब परेशानी को दोनों ने अपने-अपने अंदाज में बयां किया।

जावेद अख्तर को एक शख्स ने समझ लिया ‘गुलार’
जावेद अख्तर ने एक कहानी सुनाते हुए कहा, एक बार एयरपोर्ट पर मैं और शबाना बैंच पर बैठे थे। तभी अचानक एक साहब हमारे सामने तसरीफ लाए। मुझे देखा और कहा, आदाब गुलजार साहब! मैंने कहा जी! आदाब (हैरानी में)। उन्होंने कहा, गुलजार साहब एयरपोर्ट पर कैसे? मैं शॉक्ड रह गया क्योंकि वो खुद को मेरा फैन बता रहा था। मैंने उसे जवाब देते हुए कहा, वो जावेद अख्तर साहब आ रहे हैं, मैं उन्हें रिसीव करने आया हूं।’ वो जरा कन्फयूज हुआ और सोचने लगा कि इतना बड़ा आदमी जावेद अख्तर को रिसीव करने आया है।

इसे भी पढ़े   सालियों ने जीजा से पूछा प्रधानमंत्री का नाम,नहीं बता पाने पर दूल्हे के छोटे भाई से करा दी शादी

उसने फिर पूछा, आप जावेद अख्तर को रिसीव करने आए हैं? फिर जावेद अख्तर ने कहा, मैं हमेशा आता हूं। जावेद अख्तर साहब कहीं से भी आएं। मैं हमेशा उन्हें रिसीव करने के लिए आता हूं। उसके बाद उस शख्स के चोहरे पर मायूसी छा गई। दरअसल, गुलजार साहब का वो फैन यह सोचकर मायूस हो रहा था कि आखिर गुलजार साहब, जावेद अख्तर को लेने आए हैं? उस शख्स ने फिर हैरत भरे लहजे में कहा, अच्छा! चलता हूं गुलजार साहब।

ये किस्सा सुनकर गुलजार साहब समेत वहां पर मौजूद सभी लोगों ने खूब ठहाके लगाए।

‘कमबख्त मुझसे अच्छा लिखता है’
इसके बाद गुलजार साहब ने भी इस पीड़ा को एक नज्म के जरिए बयां की। उन्हें नज्म सुनाने से पहले जावेद अख्तर से कहा, ‘आप ने तो गाना लिख दिया था, एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा। लेकिन हर अंतरे में मुझे लगता है कि ये दूसरी लड़की है। गुलजार साहब की ये बात सुनकर जावेद अख्तर समेत वहां पर मौजूद सभी लोग जोर-जोर से हंसने लगे। उन्होंने आगे कहा, जब तक आप लिख रहे थे ‘तुमको देखा तो ये खयाल आया, जिंदगी धूप तुम घना साया’ तब तक तो मुझे लगा आप ठीक कर रहे हैं। फिर आपने लिखा कि एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा तो। गुलजार साहब ने मजाक के लहजे में कहा, ‘खैर यह बात घर की है या बाहर यह बात तो आप बेहतर जानते हैं।’

इसके बाद गुलजार साहब ने नज्म सुनाया,

“एक लड़की को मैं भी मिला था,

बड़ा अच्छा लगा मिलकर, एक फैन थी मेरी,

इसे भी पढ़े   तस्कर ने दो बाइकों में छुपा कर रखी गई शराब बरामद तस्कर फरार

वो मेरी शायरी की खूबियां पहचानती थी,

मेरी शायरी, तस्वीर उसके दिल को छूती थी,

मुझे मिलकर अचानक, बौखलाने लग गई थी,

बड़ी नर्वस हसीन हंसकर कहा,

मुझे डर है मैं अपना नाम ही ना भूल जाऊं,

मगर फिर मोबाइल पे सेल्फी भी ले ली,

गई तो नाम लेकर शुक्रिया कहकर गई वो।

पर वो मेरा नाम ना था।

हमेशा से यही डर था कि वो कमबख्त मुझसे अच्छा लिखता है (जावेद अख्तर की ओर इशारा करते हुए)।”

गुलजार साहब की ये बात सुनकर दर्शकों की तालियां गूंज उठीं।


ख़बर को शेयर करे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *