दहेज हत्या में सास-ससुर को सात साल की कैद
प्रयागराज। बहू की हत्या में सास-ससुर को सोमवार को एडीजे एफटीसी प्रथम ने सात-सात वर्ष कैद की सजा सुनाई। विवाहिता के पति को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया गया। नौ साल पहले दहेज के लिए विवाहिता को जिंदा जलाकर मौत के घाट उतार दिया गया था।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक कोखराज के असवां मोहम्मदपुर गांव की मंजुला देवी पुत्री चंद्रभान की शादी वर्ष 2011 में सरायअकिल के बसुहार गांव में मनोज मिश्रा के साथ हुई थी। शादी के कुछ दिन बाद दहेज के लिए विवाहिता को प्रताड़ित किया जाने लगा। सात नंवबर 2013 को मंजुला से मारपीट के बाद आग के हवाले कर दिया गया, जिसमें उसकी मौत हो गई। मृतका के भाई रोहित की तहरीर पर पुलिस ने आरोपित सास आशा देवी व ससुर कृष्ण लाल उर्फ सिपाही लाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर तहकीकात शुरू किया। संदेह के आधार पर पुलिस ने पति मनोज को भी दोषी मानते हुए आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया। मामला अपर जिला जज त्वरित न्यायालय प्रथम कीर्ति कुणाल की अदालत में चला। सोमवार को न्यायालय में अभियोजन पक्ष के शासकीय अधिवक्ता अनिरूद्ध कुमार व बचाव पक्ष को सुनने के बाद दहेज हत्या के आरोप में सास आशा देवी व ससुर कृष्ण लाल उर्फ सिपाही को दोषी पाते हुए सात साल कैद और 60 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। अदालत ने बेटे मनोज को दोषमुक्त कर दिया है। एफआईआर में मनोज का नाम नहीं था पुलिस ने आरोप पत्र में उसे शामिल किया था।