सावन शिवरात्रि और प्रदोष व्रत पर जलाभिषेक का मुहूर्त,कांवड़ जल चढ़ाने का शुभ समय
नई दिल्ली। हर साल सावन मास में कांवड़ यात्रा निकाली जाती है। सावन आरंभ होने के साथ ही कावड़ यात्रा आरंभ हो जाती है और सावन के अंत तक चलती है लेकिन,कई जगहों पर शिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव का अभिषेक कर श्रद्धालु अपनी यात्रा पूर्ण कर लेते हैं। इस दौरान कावड़ियां श्रृद्धा के अनुसार, कावड़ा लेकर आते हैं और गंगा जल लाकर भगवान शिव का अभिषेक करते हैं। कई कावड़ियां श्रद्धा अनुसार, शिवरात्रि पर भगवान शिव का अभिषेक करते हैं। लेकिन, सावन के आखिरी सोमवार तक भी जल अर्पित किया जा सकता है। आइए जानते हैं इस बार सावन शिवरात्रि पर जल चढ़ाने का शुभ मुहूर्त।
इस साल सावन शिवरात्रि का व्रत 2 अगस्त को रखा जाएगा। लेकिन, चतुर्दशी तिथि दो दिन होने से कावड़ियां 2 और 3 अगस्त दोनों दिन भगवान शिव का अभिषेक कर सकते हैं। लेकिन, श्रद्धालुओं को इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि भगवान शिव का अभिषेक शुभ मुहूर्त में ही करें।
शिव का अभिषेक करने का शुभ मुहूर्त
1 अगस्त शाम में 3 बजकर 55 मिनट से शाम में 7 बजकर 56 मिनट तक शुभ मुहूर्त
2 अगस्त सुबह सूर्योदय से 9 बजकर 35 मिनट से शाम में 4 बजकर 2 मिनट तक।
इसके बाद शाम में 4 बजकर 2 मिनट से 7 बजकर 50 मिनट तक अभिषेक के लिए उत्तम समय है।
3 अगस्त को सुबह सूर्योदय से लेकर 9 बजकर 30 मिनट तक आप भगवान शिव का अभिषेक कर सकते हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि यह सभी उत्तम मुहूर्त वैसे आप दिन में कभी भी भगवान शिव का अभिषेक कर सकते हैं।
कब से लग ही है चतुर्दशी तिथि
1 अगस्त को दोपहर में 3 बजकर 30 मिनट पर त्रयोदशी तिथि का आरंभ हो जाएगा।
2 अगस्त को 3 बजकर 27 मिनट से चतुर्दशी तिथि का आरंभ होगा।
3 अगस्त को 3 बजकर 51 मिनट तक चतुर्दशी तिथि रहेगी।
भगवान शिव जलाभिषेक के नियम
1) ऊपर बताए गए मुहूर्तों में कावड़ियां या अन्य श्रद्धालु जलाभिषेक कर सकते हैं।
2) शिवलिंग पर जलाभिषेक के लिए प्रात: काल का समय ही उत्तम है। सूर्योदय से लगभग 2 घंटे 24 मिनट के समय तक अभिषेक करना श्रेष्ठ रहता है।
3) 2 अगस्त को आर्द्रा नक्षत्र विशेष रूप से शिव पूजन के लिए शुभ माना गया है। 1 अगस्त गुरुवार के दिन प्रदोष काल के समय ही विशेष मुहूर्त है।