लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मैनपुरी लोकसभा सीट और रामपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव का एलान हो चुका है। मैनपुरी से मुलायम सिंह यादव सांसद थे,अब उनके निधन के बाद सीट खाली हुई है। दूसरी ओर रामपुर सीट पर आजम खान को सजा होने के बाद सदस्यता रद्द हुई है। इस वजह से दोनों सीटों पर उपचुनाव हो रहा है। लेकिन खास बात है कि इन दोनों ही सीट पर अखिलेश यादव को नए समीकरणों में बीजेपी सीधे चुनौती दे रही है।
दरअसल, मैनपुरी सीट पर बीते लोकसभा चुनाव में जीत-हार का अंतर काफी कम हुआ है। 2014 लोकसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव ने बीजेपी उम्मीदवार को 2,63,381 वोटों के अंतर से हराया था। तब करीब उन्हें 60 फीसदी वोट मिले थे। दूसरी ओर बीजेपी को मात्र 23 फीसदी वोट मिले थे। लेकिन 2019 के चुनाव में चुनौती बढ़ी और बदले समीकरण नेताजी के जीत का अंतर कम होकर 94,389 रह गया। हालांकि सपा को 54 फीसदी वोट लेकिन बीजेपी का वोट बढ़कर 23 फीसदी से 43 फीसदी हो गया।
रामपुर में भी बदले हैं समीकरण
जुलाई में रामपुर लोकसभा सीट पर उपचुनाव हुआ था। तब बीजेपी उम्मीदवार घनश्याम लोधी ने आजम खान के करीब आसिम राजा को हराकर उपचुनाव जीता था। इस चुनाव में रामपुर विधानसभा में सपा उम्मीदवार को 63,953 वोट मिले थे। जबकि बीजेपी को इस सीट पर 56,317 वोट मिले। यानि सपा केवल 7,636 वोट से आगे रही। दूसरी ओर 2022 के विधानसभा चुनाव के परिणाम को देखते हैं, जो करीब उपचुनाव से तीन महीने पहले हुए थे।
विधानसभा चुनाव में सपा के दिग्गज नेता और रामपुर से उम्मीदवार आजम खान को 1,31,225 वोट मिले थे। वहीं बीजेपी उम्मीदवार आकाश सक्सेना को 76,084 वोट मिले थे। तब आजम खान ने 55,141 वोट के अंतर से जीत दर्ज की थी। वहीं करीब तीन महीने के बाद ही स्थिति और समीकरण बदले, जिसके बाद इस विधानसभा सीट पर जीत-हार का अंतर 55,141 वोट से घटकर 7,636 वोट रह गई। इस वजह से बदले हुए राजनीतिक समीकरण में न केवल सपा के लिए बीजेपी अब सीधे तौर पर चुनौती पेश कर रही है।