सोने के पानी से लिखी कुरान:23.5 फीट है लंबी,11वीं सदी में हाथों से लिखी महाभारत
लखनऊ। लखनऊ यूनिवर्सिटी 102 साल की हो चुकी है। इसी के साथ यूनिवर्सिटी कैंपस में ही मौजूद ऐतिहासिक टैगोर लाइब्रेरी भी 102 साल पुरानी हो गई है। लाइब्रेरी में साढ़े 5 लाख से ज्यादा किताबें हैं। लेकिन, लाइब्रेरी के बाएं हिस्से में पहली मंजिल पर मौजूद रेयर बुक सेक्शन सबसे ज्यादा खास है। यहां रखी 23.5 फीट लंबी कुरान, 11वीं शताब्दी में हाथों से लिखी व्यास महाभारत समेत कई दुर्लभ किताबें मौजूद हैं।
हम टैगोर लाइब्रेरी के उसी सेक्शन में पहुंंचे। अपने आप में देश के इतिहास को संजोए रेयर किताबें देखीं। सीनियर डिप्टी लाइब्रेरियन ज्योति मिश्रा ने बताया, “ऐसा अद्भुत कलेक्शन किसी दूसरी यूनिवर्सिटी में नहीं मिलेगा।” आइए,आपको भी वही किताबें दिखाने विश्वविद्यालय ले चलते हैं…
पालि भाषा में हाथ से लिखी 11वीं शताब्दी की व्यास महाभारत
टैगोर लाइब्रेरी के रेयर सेक्शन में सबसे पुरानी जो किताब रखी हुई है वो है- व्यास महाभारत। इसे आज से 11 सौ साल पहले यानी 11वीं शताब्दी में लिखा गया था। इसे ताड़ के पत्तों पर पालि भाषा में लिखा गया था। इसके साथ ही यहां 1855 में संस्कृत भाषा में हाथ से लिखी हुई वाराह पुराण, 1877 में लिखी यजुर्वेद संहिता समेत कई रेयर पांडुलिपियां मौजूद हैं।
रेयर सेक्शन में पर्शियन मैनुस्क्रिप्ट भी रखी हुई हैं। यहां सोने के पानी से लिखी हुई कुरान-ए-मजीद भी रखी हुई है जो रोल फॉर्म में है। इसकी लंबाई 23.5 फीट यानी 7.16 मीटर है। कितनी पुरानी है इसका कोई लिखित रिकॉर्ड नहीं है। लाइब्रेरियन ज्योति मिश्रा ने बताया, ये कुरान 200 साल से ज्यादा पुरानी है। ये हाथ से लिखी हुई दुनिया की दूसरी सबसे लंबी कुरान मानी जाती है। मिश्र के साद मुहम्मद दुनिया की सबसे लंबी, 700 मीटर की हाथ से लिखी हुई कुरान का दावा कर चुके हैं।
मोहम्मद अली शाह की मुहर वाली गोल्डन कुरान
लाइब्रेरी में मोहम्मद अली शाह की शाही मुहर वाली सोने के पानी से लिखी हुई कुरान भी रखी हुई है। सामने से देखने पर इस कुरान की खूबसूरती देखते बनती है। डॉ. ज्योति ने बताया, “इस कुरान को अवध के आखिरी शासक वाजिद अली के दादा मोहम्मद अली शाह ने अपने शासन काल में लिखवाया था। अमजद अली के पिता मोहम्मद अली ने 1837 से लेकर 1842 तक अवध में शासन किया था।”
ये नायाब कुरानें नवाबों के पास से लाइब्रेरी तक लाने में पहले लाइब्रेरियन राधा कमल साहब का विशेष योगदान है। दो कुरानों के साथ यहां 9 और ऐतिहासिक पर्शियन मेनुस्क्रिप्ट रखी हुई हैं। इन सभी को सोने के पानी से लिखा गया है। इसके साथ ही यहां सिख ग्रंथ और चारों वेदों के सार वाला शब्द वेद भी रखा हुआ है।
रेयर सेक्शन में रेयर पेंटिंग्स भी मौजूद
डॉ. ज्योति ने बताया, “रेयर बुक्स के आलावा लाइब्रेरी में महान कलाकारों की बनाई हुई रेयर पेटिंग्स भी मौजूद हैं। यहां असित कुमार हालदर, मदनलाल नागर, जेमिनी राय और सुधीर रंजन खास्तगीर जी की ओरिजिनल पेंटिंग लगी हुई हैं। इसके साथ ही यहां जयपुर स्कूल की मिनिएचर पेंटिंग है। ये पेंटिंग अद्भुत है। इसमें बहुत ही महीन काम किया गया है।”
उन्होंने आगे बताया, “इस सेक्शन में मथुरा आर्ट्स से स्क्रिपचर्स भी लगे हुए हैं। हाथी दांत का बॉक्स लगा हुआ है जिसमें बड़ी ही बारीकी से काम किया गया है। उड़ीसा के महान कलाकार रघुनाथ मोहपात्रा की सोप स्टोन से बनाई हुई कलाकृतियां भी लगी हुई हैं। इन्हें देखकर लोग मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।”
अब ऐतिहासिक टैगोर लाइब्रेरी के बारे में थोड़ा और जान लेते हैं…
टैगोर लाइब्रेरी के हैड प्रोफेसर कमल ने कहा, ये लाइब्रेरी प्राचीन होने के साथ साथ बेहद मॉडर्न भी है। यहां प्राचीन संस्कृत पांडुलिपियों, पर्शियन मैनुस्क्रिप्ट और रेयर पेंटिंग्स मौजूद हैं। 5.5 लाख किताबों के साथ 15 हजार जरनल्स और करीब 10 हजार अप्रूव्ड पीएचडी की कॉपिज भी हैं। साल 2019 में यहां साइबर लाइब्रेरी भी शुरू कर दी गई है। इस खास लाइब्रेरी में 538 कंप्यूटर लगे हुए हैं। इसमें पुस्तकें, कला और कंप्यूटर तीनों विधाएं है। इसमें दुनिया की सबसे उपयुक्त रिसर्च सामग्री भी मौजूद है।
लाइब्रेरी में एंटर करते ही दाएं तरफ जाएंगे तो आपको लकड़ी के बहुत सारे दराज दिखेंगे। इन दराजों में महान ऑथर्स के कैटालॉग रखे हैं। लाइब्रेरी के इस हिस्से से थोड़ा आगे फर्स्ट फ्लोर पर जाएंगे तो आपको साइबर लाइब्रेरी मिलेगी, इसके बाद खास तौर पर यूपीएससी की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स के लिए रीडिंग रूम है। रूम में UPSC से संबंधित सारा स्टडी मटेरियल मिलेगा।
सेकंड फ्लोर पर चढ़ते ही मैन लाइब्रेरी मिलेगी। यहां आपके 50 साल से भी ज्यादा पुराने न्यूज पेपर मिल जाएंगे। लाइब्रेरी के हिस्से में बुक्स के साथ सबसे ज्यादा बच्चों की भीड़ मिलेगी। वापस एंट्री गेट पर आएंगे तो ऊपर जाने के लिए दोनों तरफ सीढ़ियां दिखेंगी। बाएं तरफ जाएंगे तो रेयर सेक्शन मिलेगा। दाएं तरफ जाएंगे तो डॉ. राधा कमल आर्ट गैलरी मिलेगी। स्टूडेंट्स के लिए इसकी टाइमिंग सुबह 9 से शाम 6 बजे तक है। वहीं, आम लोगों की सुबह 11 से शाम 4 तक एंट्री रहती है।