RBI का डिजिटल रुपया जिससे आप जल्‍द ही कहीं भी कुछ भी खरीद पाएंगे

RBI का डिजिटल रुपया जिससे आप जल्‍द ही कहीं भी कुछ भी खरीद पाएंगे
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नई दिल्‍ली। दिन दूर नहीं जब ऑफलाइन ट्रांजैक्‍शन के ल‍िए आप सीबीडीसी यानी आरबीआई के ड‍िज‍िटल रुपये का इस्‍तेमाल कर पाएंगे। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गुरुवार को मॉनिटरी पॉलिसी में इसे लेकर बड़ा ऐलान किया है। उसने अपनी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) की ऑफलाइन फंक्‍शनैलिटी की घोषणा की है। सीबीडीसी-आर जल्द ही सीमित या बिना इंटरनेट कनेक्शन वाले क्षेत्रों में ऑफलाइन ट्रांजैक्‍शन को सपोर्ट करेगी। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए पहाड़ी, ग्रामीण और शहरी परिवेशों में निकटता और गैर-निकटता-आधारित कई ऑफलाइन समाधानों का मूल्यांकन किया जाएगा।

CBDC क्‍या है?
CBDC या सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी एक डिजिटल मुद्रा है। यह किसी देश के केंद्रीय बैंक की ओर से जारी की जाती है। यह कागजी करेंसी और सिक्कों का डिजिटल रूप है। इसे कानूनी मुद्रा के रूप में स्वीकार किया जाता है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) CBDC विकसित करने पर लगातार काम करता रहा है। इसे ‘डिजिटल रुपया’ कहा जाएगा। RBI ने 2022 में डिजिटल रुपये का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था। CBDC के दो मुख्य प्रकार होते हैं। रिटेल CBDC और होलसेल CBDC। जहां तक रिटेल CBDC का सवाल है तो यह आम जनता के लिए उपलब्ध होता है। इसका इस्‍तेमाल रोजमर्रा के लेनदेन के लिए किया जा सकता है। होलसेल CBDC बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों के लिए उपलब्ध होता है। इसका इस्‍तेमाल बड़े लेनदेन के लिए किया जाता है।

CBDC के क्‍या हैं फायदे?

  • अधिक कुशल पेमेंट:

CBDC लेनदेन को तेज, सस्ता और अधिक कुशल बना सकते हैं।

  • फाइनेंशियल इंक्‍लूजन: CBDC उन लोगों को वित्तीय सेवाओं तक पहुंच प्रदान कर सकते हैं जिनके पास बैंक खाते नहीं हैं।
  • अर्थव्यवस्था को बढ़ावा: CBDC अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और नौकरियों का सृजन करने में मदद कर सकते हैं।
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क्‍या हैं खतरे?

  • साइबर सुरक्षा: CBDC को साइबर हमलों से बचाने के लिए मजबूत सुरक्षा उपायों की जरूरत होती है।
  • गोपनीयता: इसका इस्‍तेमाल लोगों की गतिविधियों को ट्रैक करने के लिए किया जा सकता है, जिससे गोपनीयता के मुद्दे पैदा हो सकते हैं।
  • वित्तीय स्थिरता: CBDC वित्तीय प्रणाली को अस्थिर कर सकते हैं, अगर उन्हें ठीक से प्रबंधित नहीं किया जाए।
  • अब तक चल रहे हैं प्रयोग: CBDC अभी भी एक अपेक्षाकृत नई तकनीक है और कई देश अभी भी इसके विकास और कार्यान्वयन के तरीके का पता लगा रहे हैं।

RBI ने क्‍या कहा है?
पॉलिसी स्‍टेटमेंट के मुताबिक, CBDC रिटेल (सीबीडीसी-आर) अभी पायलट डिजिटल रुपये वॉलेट का इस्‍तेमाल करके पर्सन-टु-पर्सन (P2P) और पर्सन-टु-मर्चेंट (P2M) ट्रांजैक्‍शन को इनेबल करता है। इन डिजिटल रुपये वॉलेट को बैंक प्रोवाइड करते हैं। अब ऑफलाइन फंक्‍शनैलिटी और प्रोग्रामेबिलिटी का इस्‍तेमाल करके इनका अतिरिक्त उपयोग के मामलों को सक्षम करने का प्रस्ताव है। उदाहरण के लिए प्रोग्रामेबिलिटी सरकारी एजेंसी जैसे यूजर्स को यह सुनिश्चित करने की इजाजत देगी कि पेमेंट परिभाषित बेनिफिट के लिए किए गए हैं। इसी तरह कॉरपोरेट अपने कर्मचारियों के लिए व्यावसायिक यात्रा जैसे खर्च का प्रोग्राम बनाने में सक्षम होंगे। ऐसी अतिरिक्त सुविधाओं को भी प्रोग्राम किया जा सकता है जिसके भीतर सीडीबीसी का इस्‍तेमाल किया जा सकता है। इनमें वैधता अवधि या भौगोलिक क्षेत्र शामिल हैं। दूसरा, खराब या सीमित इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले क्षेत्रों में लेनदेन को सक्षम करने के लिए सीबीडीसी-आर में एक ऑफलाइन कार्यक्षमता शुरू करने का प्रस्ताव है। इस उद्देश्य के लिए पहाड़ी क्षेत्रों, ग्रामीण और शहरी स्थानों में एकाधिक ऑफलाइन समाधान (निकटता और गैर-निकटता आधारित) का परीक्षण किया जाएगा।

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