यूपी में सातवें चरण का मतदान,अखिरी रण में मोदी से योगी से लेकर अनुप्रिया-अखिलेश की प्रतिष्ठा दांव पर
वाराणसी। उत्तर प्रदेश के 13 लोकसभा सीटों पर पर आखिरी चरण का रण सजने वाला है। पूर्वांचल की 8 सीटों के साथ पूर्वी यूपी के 11 सीटों पर चुनावी माहौल गरमाया हुआ है। पूर्वांचल में भाजपा के नेतृत्व में एनडीए और सपा के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन चुनावी मैदान में अपनी अलग स्थिति पेश करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में पूर्वांचल को साधने के लिए लगातार अभियान चला। पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से लेकर डिंपल यादव और प्रियंका गांधी के रोड शो चर्चा में रहे। सात लोकसभा क्षेत्रों में प्रमुख दलों के 29 जनसभाओं का आयोजन किया गया। वाराणसी के चंदौली, गाजीपुर, मिर्जापुर, बलिया, घोसी और रॉबर्ट्सगंज में सियासी दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है। इन सीटों पर सीएम योगी आदित्यनाथ से लेकर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, राजनाथ सिंह, पीयूष गोयल, एस जयशंकर तक चुनावी मैदान में एनडीए के पक्ष में माहौल बनाते रहे। दूसरी तरफ अखिलेश यादव से लेकर राहुल गांधी तक चुनावी माहौल बनाते दिखे। 50 से अधिक नुक्कड़ सभााओं में पक्ष-विपक्ष के नेता पहुंचे। लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा ने 13 में से 11 सीटों पर जीत दर्ज की थी। घोसी से बसपा के अतुल राय और गाजीपुर से बसपा के टिकट पर ही अफजाल अंसारी ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी। आइए जानते हैं, इस चुनाव में किन बड़े चेहरों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है।
वाराणसी से बड़ा संदेश..
पीएम नरेंद्र मोदी वाराणसी लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं। पूर्वांचल से वह पूरे प्रदेश को संदेश देने का प्रयास करते रहे। इस बार उनके सामने सपा-कांग्रेस के अजय राय की चुनौती है। अजय राय के समर्थन में देश भर से कांग्रेसी नेताओं का जमावड़ा लगा रहा। वहीं, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने वाराणसी में पीएम मोदी के प्रचार को लेकर दावा किया कि अधिक प्रचार की जरूरत ही नहीं है। बाबा विश्वनाथ की नगरी में शनिवार को वोटिंग पर हर किसी की नजर है।
सीएम योगी की परीक्षा
सीएम योगी आदित्यनाथ पूर्वांचल से आते हैं। अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के बाद से लगातार वे इस इलाके में मुद्दे को जोर-शोर से उठाते रहे हैं। सीएम योगी की क्षेत्र में पकड़ की परीक्षा होनी है। एक बार फिर पूर्वांचल में भाजपा को बढ़त दिलाने का भार उनके कंधों पर है। शनिवार को होने वाली वोटिंग में उनके प्रभाव का भी आकलन होगा।
मिर्जापुर में अनुप्रिया की परीक्षा
मिर्जापुर लोकसभा सीट पर अपना दल सोनेलाल की प्रमुख अनुप्रिया पटेल की परीक्षा होने वाली है। आखिरी चरण के चुनाव में अपना दल एस के चेहरे को अपना प्रभाव दिखाना है। साथ ही, कुर्मी वोट बैंक के बीच अनुप्रिया अपनी पकड़ को भी इस चुनाव में दिखाएंगी। अगर वे इस बार इस सीट से सफल होती हैं तो मिर्जापुर से हैट्रिक का इतिहास रचने में वे कामयाब हो जाएंगी।
गाजीपुर में अफजाल की परीक्षा
गाजीपुर लोकसभा सीट पर अफजाल अंसारी की परीक्षा होनी है। माफिया मुख्तार अंसारी की मौत के बाद अफजाल के सामने क्षेत्र में अपनी पकड़ को साबित करने का मौका है। 2019 के लोकसभा चुनाव में अफजाल सपा-बसपा गठबंधन के तहत बसपा उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में उतरे थे। भाजपा को हराने में वे कामयाब हुए थे। इस बार उनके सामने पारस नाथ राय की चुनौती है। वहीं, बसपा ने उमेश कुमार सिंह को उतार कर सपा की चुनौती बढ़ाई है।
महाराजगंज में पंकज चौधरी की पकड़ का अंदाजा
लोकसभा चुनाव के सातवें चरण में भाजपा के पंकज चौधरी की पकड़ का अंदाजा लगेगा। पंकज चौधरी 1991 में भारतीय जनता पार्टी का महराजगंज में खाता खोलने वाले सांसद बने थे। इसके बाद से अब तक छह बार जीत दर्ज कर चुके हैं। 2014 के बाद से अब तक अपराजित हैं। अगर वे इस बार जीत दर्ज करने में कामयाब होते हैं तो एक फिर हैट्रिक लगाएंगे। पंकज चौधरी को अब महराजगंज सीट का चेहरा के तौर पर देखा जा रहा है।
रवि किशन के सामने सफलता दोहराने की चुनौती
गोरखपुर लोकसभा सीट पर रवि किशन के सामने सफलता को दोहराने की चुनौती है। लोकसभा चुनाव 2019 में रवि किशन भाजपा उम्मीदवार के तौर पर जीत दर्ज करने में कामयाब हुए थे। इस बार सपा-कांग्रेस गठबंधन ने सपा उम्मीदवार के तौर पर भोजपुरी एक्ट्रेस काजल निषाद को चुनावी मैदान में उतारा है। सितारों की इस लड़ाई में किसको सफलता मिलती है, देखना दिलचस्प रहेगा।
शशांक मणि से भी बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद
देवरिया लोकसभा सीट पर शशांक मणि त्रिपाठी के सामने अपने प्रदर्शन को दोहराने की चुनौती है। शशांक मणि त्रिपाठी के सामने कांग्रेस ने अखिलेश प्रताप सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है। दोनों नेताओं के बीच चुनावी प्रचार अभियान के दौरान बढ़त बनाने की होड़ दिखी। ऐसे में शनिवार को होने वाली वोटिंग में उनके प्रदर्शन पर जनता की मुहर लगेगी।